पीयूष गोयल बोले- नए जमाने के उद्यमी भारत का भाग्य बदलने जा रहे हैं
पीयूष गोयल ने वरिष्ठ व्यापारियों से कहा कि वे न केवल अपने परिवार या व्यवसायों के लिए बल्कि नए युग के युवा उद्यमियों के लिए भी संरक्षक का काम करें।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग और रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि नए युग के विचार हमें भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में बहुत बड़े पैमाने पर योगदान देने के लिए तैयार करने में मदद करेंगे। आज ‘भारत के फ्यूचर बिजनेस ग्रुप के लॉन्च' पर सीआईआई के आयोजन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नए जमाने के उद्यमी भारत का भाग्य बदलने जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमें भारत में नए ज़माने के व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए समान विचारधारा वाले देशों और विश्वसनीय भागीदारों के साथ एक मंच बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारत अन्य देशों के साथ जुड़ सकता है और नए व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए विश्वसनीय भागीदारों के साथ एक मंच का निर्माण कर सकता है।
केंद्रीय मंत्री श्री गोयल ने कहा कि यह युवा ही हैं, जो भारत के भाग्य को बदल रहे हैं, रोजगार पैदा कर रहे हैं और लोगों के लिए समृद्धि ला रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश भारत में स्टार्ट-अप का बहुत अच्छा माहौल है। यह हमारी क्षमताओं को पहचानने, हमारे उद्यमियों के विकास के लिए उपयुक्त है। हमारे नौजवानों के कुछ विचार ऐसे हैं जो वास्तव में क्रांतिकारी हैं।
उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि कॉलेजों को आज के नए युग के व्यवसायों के इर्द-गिर्द उद्यमशीलता या ऐसे अन्य पाठ्यक्रम शुरू करने पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि युवा व्यक्ति के दिमाग में क्या चल रहा है, यह जानने के लिए हम अधिक व्यावसायिक प्रशिक्षण और मूल्यांकन प्रक्रिया पर गौर कर सकते हैं।
पीयूष गोयल ने वैश्विक नवाचार सूचकांक में 52 से 48वें स्थान पर भारत की रैंकिंग में सुधार के बारे में बात करते हुए कहा कि आइए हम सभी मिलकर भारत को सही मायने में नवाचार केंद्र बनाने के लिए काम करें।
उन्होंने कहा कि हमारे पास स्टार्टअप का बहुत अच्छा माहौल है। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि उद्योग की भावना सरकार तक को नए विचारों और प्रक्रियाओं के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेगी ताकि भारत में व्यापार करना आसान और सरल बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि धरती पर कोई भी शक्ति हमें सफल होने से नहीं रोक सकती है।
रेलवे में नवाचार के बारे में गोयल ने कहा कि पिछले छह वर्षों में कोच बनाने वाले हमारे भारतीय कारखानों ने न केवल पुराना कोच बनाना बंद कर दिया है बल्कि, हम अब बेहतर एलएचबी कोच बना रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, पिछले 17 महीनों में रेलवे दुर्घटना के कारण एक भी रेल यात्री की मौत नहीं हुई है।
पीयूष गोयल ने कहा कि विचारों के साथ वास्तविक स्टार्टअप उद्यमी हमारे प्रधानमंत्री हैं। श्री गोयल ने एक किस्सा सुनाते हुए कहा कि तीव्र गति (हाई-स्पीड) के ट्रेनों के लिए रेलवे पटरियों के किनारे बाड़ लगाने की आवश्यकता पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने रेलवे पटरियों के साथ सौर परियोजनाओं की बोली लगाने का सुझाव दिया, जो कम लागत वाली बिजली, और निजी निवेश को तो बढ़ावा देगी ही, रेलवे ट्रैक को सुरक्षित और रेलवे को भी पर्यावरण के अनुकूल बनाएगी।
पीयूष गोयल ने वरिष्ठ व्यापारियों से कहा कि वे न केवल अपने परिवार या व्यवसायों के लिए बल्कि नए युग के युवा उद्यमियों के लिए भी संरक्षक का काम करें। उन्होंने कहा कि वे इसके लिए वरिष्ठ व्यापारियों से अपना कीमती समय देने की अपील करते हैं। इससे वास्तव में युवाओं को प्रोत्साहन मिलेगा।
केंद्रीय मंत्री गोयल ने आत्म-निर्भर भारत योजना का उल्लेख भारत के विकास करने की अपनी क्षमता के आत्म-बोध की एक शुरुआत के रूप किया, जो वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में अपनी पूरी ताकत और भरोसेमंद साझेदार के रूप में काम करते हुए वैश्विक अर्थव्यवस्था में अहम योगदान देगा। उन्होंने कहा कि भारत में नए व्यवसायों की जबरदस्त संभावना है।
उन्होंने कहा कि उद्देश्य, भारत में विकास को वापस लाना है। इसे हासिल करने के लिए हम सभी को सामूहिक रूप से काम करना होगा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने एक बार कहा था कि हमारे पास एक लाख समस्याएं हैं लेकिन इसके साथ ही हमारे पास एक अरब दिमाग भी हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे उद्योगों ने वास्तव में बौद्धिक भारतीय उद्यमी की क्षमताओं और नए युग के व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए पारंपरिक व्यवसायों से उबरने की क्षमता का प्रदर्शन किया है। भारत में भविष्य में बेहतर करने की अपार क्षमता और ताकत है। उन्होंने कहा कि हम कोरोना महामारी को इतनी तेजी से दूर करेंगे कि किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी।
(सौजन्य से- PIB_Delhi)