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PMLA: अपने फैसले के 2 अहम पहलुओं पर पुनर्विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट, कहा- हम काले धन की रोकथाम के समर्थन में

PMLA: अपने फैसले के 2 अहम पहलुओं पर पुनर्विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट, कहा- हम काले धन की रोकथाम के समर्थन में

Thursday August 25, 2022 , 2 min Read

प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) द्वारा की जाने वाली गिरफ्तारियां, जब्ती और जांच की प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि इस एक्ट के तहत किसी आरोपी की गिरफ्तारी गलत नहीं है. यानी ईडी जांच प्रक्रिया में जरूरत पड़ने पर किसी की गिरफ्तारी कर सकती है.


आज की सुनवाई में शीर्ष अदालत ने साफ़ कहा कि अदालत मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के पूरी तरह पक्ष में हैं. लेकिन इसके दो पहलुओं को दोबारा विचार किया जा सकता है:

1. ECIR (ED की तरफ से दर्ज FIR) की रिपोर्ट आरोपी को नहीं देने का प्रावधान.

2. दोष सिद्ध होने तक निर्दोष होने की अवधारणा को नकारना.


कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम, एनसीपी नेता अनिल देशमुख, कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी और मुकुल रोहतगी सहित कई सीनियर वकीलों ने पीएमएलए (PMLA) में संशोधनों के संभावित दुरुपयोग से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखा था.


बता दें, पिछले महीने की 27 तारीख को प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारों और प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट (PMLA) को चुनौती देने वाली प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सभी अधिकारों को बरकरार रखा था. कोर्ट ने कहा था कि 2018 में कानून में किए गए संशोधन सही है. सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी, रेड, समन, बयान समेत PMLA एक्ट में ED को दिए गए सभी अधिकारों को सही ठहराया था. कोर्ट ने कहा था कि प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) को एफआईआर के साथ नहीं जोड़ा जा सकता है. ईसीआईआर की कॉपी आरोपी को देना जरूरी नहीं है. गिरफ्तारी के दौरान कारणों का खुलासा करना ही काफी है. कोर्ट ने कहा था कि ईडी के सामने दिया गया बयान ही सबूत है.


एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग में आने वाली संस्था है. ईडी वित्तीय रूप से किए गए गैरकानूनी कामों जैसे मनी लॉड्रिंग और फॉरेन एक्सचेंज वायलेशन की छानबीन करती है. गैर-कानूनी तरीकों से कमाए गए काले धन को कानूनी तरीके से कमाए गए धन में बदलने को मनी लॉन्ड्रिंग कहते हैं. विदेश में कर चोरी करके भेजे गए पैसे, आपराधिक गतिविधियों में काले धन के इस्तेमाल को रोकना ईडी के दायरे में आते हैं. इसका मुख्यालय दिल्ली में है और देश के अलग-अलग शहरों में इसके जोनल ऑफिस हैं.