अब एक सीमा से अधिक घाटे का बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं डाल सकेंगी बिजली कंपनियां: बिजली मंत्री
केंद्रीय बिजली मंत्री आर. के. सिंह ने शनिवार को यहां कहा कि सरकार अगले एक माह के भीतर नई विद्युत शुल्क नीति जारी करने जा रही है। इस नीति के तहत बिजली कंपनियां अपने घाटे का बोझ एक सीमा से ज्यादा बिजली उपभोक्ताओं पर नहीं डाल सकेंगी।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि अभी नीति पर केंद्र सरकार विचार कर रही है। उन्होंने कहा,
‘‘नयी नीति उपभोक्ताओं के अनुकूल और पारदर्शी होगी।’’
सिंह ने कहा,
‘‘नयी नीति में हम उपभोक्ताओं के लिये अधिकार तय कर रहे हैं। उदाहरण के लिये, यदि मैं कॉल करता हूं तो एक तय समय सीमा के भीतर हमें उत्तर मिलना चाहिये। यदि वितरण कंपनी इसका उल्लंघन करती है तो उसके ऊपर जुर्माना लगाया जायेगा।’’
यह नीति बिजली वितरण कंपनियों को एक सीमा से अधिक घाटे का बोझ उपभोक्ताओं पर डालने से भी रोकेगी।
सिंह ने कहा,
‘‘हमने एक और काम किया है कि यदि मैं बिजली उत्पादन कंपनी हूं और वितरण के लिये किसी अन्य कंपनी से करार किया है तो बिजली की आपूर्ति सबसे दक्ष संयंत्र से करने की बाध्यता होगी ताकि बिजली खरीद की लागत न्यूनतम रहे।’’
उन्होंने कहा,
‘‘जब पहला संयंत्र पूरी तरह से उत्पादन करने लगे, तभी दूसरे संयंत्र में उत्पादन शुरू किया जायेगा। कम दक्ष संयंत्र नहीं चलेंगे।’’
सिंह ने कहा कि इस बदलाव से उपभोक्ताओं को अब देश भर में तीन करोड़ रुपये प्रतिदिन की बचत हो रही है। उन्होंने कहा कि नयी नीति में अनावश्यक लोड शेडिंग पर भी प्रतिबंध होगा।
उन्होंने कहा,
‘‘यदि आप बिना किसी कारण के लोड शेडिंग करते हैं तो आपको उपभोक्ता को जुर्माना देना होगा।’’
बीते अक्टूबर माह में गुजरात के नर्मदा में बिजली मंत्री आर.के. सिंह ने कहा था कि ग्राहकों को सस्ती बिजली की उपलब्धता के साथ पसंदीदा बिजली वितरण कंपनी चुनने की आजादी मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बिजली कंपनियों की अकुशलता का दुष्प्रभाव ग्राहकों पर नहीं पड़ना चाहिए।
आपको बता दें कि इससे पहले इसी साल जुलाई महीने में बिजली मंत्री आर. के. सिंह ने यह भी स्पष्ट किया था कि राज्य समाज के कुछ वर्गों को निशुल्क बिजली दे सकते हैं, लेकिन उन्हें इसके लिए अपने बजट से भुगतान करना होगा। सिंह ने कहा, ‘यही हम करने जा रहे हैं। हम भुगतान और आपूर्ति के बीच एक संपर्क बना रहे हैं।
(Edited by रविकांत पारीक )