आईटी कंपनी की नौकरी छोड़ पुणे की ये महिला बनी आंत्रप्रेन्योर, टायर के स्क्रैप से बना रही है सुंदर जूते
पुणे की रहने वाली पूजा बादामीकर ने दो प्रोटोटाइप डिजाइन किए और उन्हें 'स्टार्टअप इंडिया’ में पेश किया। उनके डिजाइन को बहुत सराहा गया और 2018 में, उन्होंने 'अपकमिंग वुमन आंत्रप्रेन्योर' कैटेगरी में 50,000 रुपये जीते, इसके बाद उन्होंने अपने ब्रांड 'Nemital' की शुरूआत की।
प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए कचरे को सही तरीके से मैनेज करना हम सभी के लिए सख्त जरूरत बन गया है। पुणे की एक महिला आंत्रप्रेन्योर पूजा बादामीकर ने इसे समझा और काम करना शुरू कर दिया। वे टायर के स्क्रैप को रिसायकल करके सुंदर दिखने वाले जूते बना रही है। बादामीकर का प्राथमिक उद्देश्य अपने यूनिक बिजनेस एंटरप्राइज के माध्यम से पर्यावरण को लेकर जागरूकता पैदा करना है।
बदामीकर, जो अक्षय ऊर्जा (renewable energy) में पोस्ट-ग्रेजुएशन की डिग्री रखती हैं, ने पिछले दो वर्षों से अपने ब्रांड नेमिटल (Nemital) के जरिये टायर के स्क्रैप को फुटवियर में बदलने की इस अनूठी यात्रा की शुरुआत की। उनका नॉवेल आइडिया प्रदूषण के स्तर को नीचे लाने में बहुत मददगार रहा है क्योंकि अब केवल सैंडल और जूते के लिए प्लास्टिक या रबर का उपयोग करने के बजाय, टायर के स्क्रैप का उपयोग किया जा रहा है, जिससे कचरे की मात्रा कम हो जाती है।
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए, बादामीकर ने कहा, "दुनिया में प्रति वर्ष एक बिलियन टायरों को त्याग दिया जाता है। मैंने स्थानीय कोबलरों की मदद से काम करना शुरू किया और दो प्रोटोटाइप बनाए। यही से यात्रा शुरू हुई।"
उन्होंने कहा कि दुनिया भर में हर साल लगभग 1 बिलियन स्क्रैप टायर निकाले जाते हैं। इसलिए, इसे प्रभावी रूप से एक उपयोगी चीज में बदलने के लिए, उसने कुछ ऐसा सोचना शुरू कर दिया, जो दैनिक आधार पर इस तरह के स्क्रैप कचरे की मात्रा को कम कर सकता है। वह आखिरकार फुटवियर के विचार के साथ आई।
एक आईटी कंपनी में अपनी नौकरी छोड़ने के बाद, बादामीकर ने स्क्रैप टायर बिजनेस पर और जमा हुए कचरे को कैसे कम किया जाए, इस पर रिसर्च करना शुरू किया। लेकिन अधिकांश विचारों में ऐसा लगता था कि उन्हें बहुत अधिक पूंजी की आवश्यकता थी और उनसे रिटर्न मिलने में काफी वक्त लगेगा। उन्होंने यह भी महसूस किया कि सुरक्षा और स्वास्थ्य कारणों से टायर के पुन: उपयोग के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है और टायर के नॉन-बायोडिग्रेडेबल होने के कारण आगे की समस्याओं का सामना करना पड़ा, उन्होंने द बेटर इंडिया को बताया।
उनकी पूरी खोज में उन्हें कई अफ्रीकी समुदायों के बारे में पता चला, जो टायर के स्क्रैप से फुटवियर बना रहे थे और वह उनसे प्रेरित हुई। बादामीकर ने इसके बारे में सोचना शुरू किया और सुंदर जूते डिजाइन करने के लिये प्लान पर काम करने का फैसला किया। कुछ ही समय बाद उन्होंने ट्रक के टायर के स्क्रैप से नए जूते बनाए।
बादामीकर ने दो प्रोटोटाइप डिजाइन किए और उन्हें 'स्टार्टअप इंडिया’ (Startup India) में प्रस्तुत करना भी शुरू कर दिया। उन्होंने एक लेकल मोची की मदद से प्रोटोटाइप को डिज़ाइन किया। उनके डिजाइन को बहुत सराहा गया और 2018 में, उन्होंने 'अपकमिंग वुमन आंत्रप्रेन्योर' श्रेणी में 50,000 रुपये जीते, इस प्रकार उन्होंने अपने ब्रांड 'Nemital' को शुरू किया।
उन्होंने एएनआई को बताया, "पारंपरिक रूप से हम वर्जन रबर या प्लास्टिक सामग्री का उपयोग केवल जूते के लिए ही करते हैं, लेकिन हमने इसे अपग्रेड किए गए टायर से बदल दिया है और इसके द्वारा हम लैंडफिल को कम करने में मदद कर रहे हैं, दूसरा हम प्लास्टिक से बाजार में आने वाली सामग्री को कम करने में मदद कर रहे हैं। और तीसरी बात यह है कि हम तेल और पानी जैसे संसाधनों के उपयोग को कम कर रहे हैं जो अन्यथा उस प्लास्टिक या वर्जन रबर के निर्माण के लिए खपत हो सकते हैं।” ।
बादामीकर ने कहा, "यह हम सभी के लिए एक खतरनाक स्थिति है क्योंकि हमारे आसपास कचरे का स्तर बढ़ रहा है, हमें इसे कम करना होगा।"