PNB ने दिया तोहफा, FD पर ब्याज दरें 0.95% तक बढ़ाईं
नई दरें 19 दिसंबर 2022 से प्रभावी हुई हैं.
रेपो रेट (Repo Rate) बढ़ने के बाद फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit or FD) पर ब्याज दरें बढ़ाने वाले बैंकों की फेहरिस्त में अब पंजाब नेशनल बैंक (PNB) का नाम भी जुड़ गया है. बैंक ने चुनिंदा मैच्योरिटी पीरियड्स के लिए एफडी पर ब्याज दरों में 0.95 प्रतिशत तक की वृद्धि की है. नई दरें 19 दिसंबर 2022 से प्रभावी हुई हैं. पीएनबी ने 2 करोड़ रुपये से कम के डॉमेस्टिक/एनआरओ रिटेल टर्म डिपॉजिट्स, पीएनबी उत्तम, 2 से 10 करोड़ रुपये तक की डॉमेस्टिक/एनआरओ टर्म डिपॉजिट्स, सभी के लिए ब्याज दरों को बढ़ाया है.
रिटेल टर्म डिपॉजिट की नई ब्याज दरें
PNB (Punjab National Bank) ने 2 करोड़ रुपये से कम की एफडी के मामले में ब्याज दरों को 0.95 प्रतिशत तक बढ़ाया है. बढ़ोतरी 666 दिन, '3 वर्ष से ज्यादा से लेकर 5 वर्ष तक' और '5 वर्ष से ज्यादा से लेकर 10 वर्ष तक' वाले मैच्योरिटी पीरियड्स पर की गई है. नई ब्याज दरें इस तरह हैं...
नोट: 60-80 वर्ष की उम्र के लोगों को सीनियर सिटीजन और 80 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को सुपर सीनियर सिटीजन कैटेगरी में रखा जाता है.
PNB उत्तम: नॉन कॉलेबल
बढ़ोतरी 666 दिन, '3 वर्ष से ज्यादा से लेकर 5 वर्ष तक' और '5 वर्ष से ज्यादा से लेकर 10 वर्ष तक' वाले मैच्योरिटी पीरियड्स पर की गई है. 15 लाख रुपये से ज्यादा के डिपॉजिट वाली इस एफडी स्कीम के लिए नई ब्याज दरें इस तरह हैं...
2 करोड़ से लेकर 10 करोड़ रुपये तक की FD
SBI भी बढ़ा चुका है रेट
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है. 2 करोड़ रुपये से कम की रिटेल एफडी के मामले में ब्याज में 0.65 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई है. वहीं 2 करोड़ रुपये और इससे ज्यादा की एफडी यानी बल्क एफडी के मामले में ब्याज दरों को 1 प्रतिशत तक बढ़ाया गया है. SBI (State Bank of India) के नए एफडी रेट 13 दिसंबर 2022 से प्रभावी हैं. इससे पहले 10 दिसंबर 2022 को इंडियन ओवरसीज बैंक ने 2 करोड़ रुपये से कम की एफडी के मामले में ब्याज दरों में 0.20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की थी.
RBI बढ़ा चुका है रेपो रेट
बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मुख्य रूप से महंगाई को काबू में लाने के मकसद से दिसंबर माह की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो को 0.35 प्रतिशत और बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया है. रेपो दर वह ब्याज दर है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक अपनी फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं. इसमें वृद्धि का मतलब है कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों से लिया जाने वाला कर्ज महंगा होगा और मौजूदा ऋण की मासिक किस्त (EMI) बढ़ेगी. RBI की मौद्रिक नीति समिति द्वारा रेपो रेट बढ़ाए जाने वाले दिन से लेकर अब तक कई बैंक अपना कर्ज की दरें बढ़ा चुके हैं.