TATA Motors अपने ईवी कारोबार में बेचेगी 1 अरब डॉलर की हिस्सेदारी: रिपोर्ट
टाटा मोटर्स अपने Nexon EV के नेतृत्व में भारत के इलेक्ट्रिक कारों के कारोबार में एक बड़ी बढ़त हासिल करने में कामयाब रही है. 2022 में, देश में बिकने वाली हर पांच इलेक्ट्रिक कारों में से चार टाटा मोटर्स की थीं.
दिग्गज उद्यगोपति रतन टाटा (Ratan Tata) की टाटा मोटर्स (Tata Motors) ने अपने इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) कारोबार में कुछ हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है. इसी कड़ी में कंपनी ने सॉवरेन वेल्थ फंड्स (sovereign wealth funds) और प्राइवेट इक्विटी निवेशकों जैसे कि यूएई स्थित अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (Abu Dhabi Investment Authority - ADIA) और मुबाडाला इन्वेस्टमेंट कंपनी (Mubadala Investment Company), सऊदी अरब मुख्यालय वाली पब्लिक इनवेस्टमेंट फंड (Public Investment Fund - PIF), सिंगापुर की टेमासेक होल्डिंग्स (Temasek Holdings) के साथ-साथ केकेआर (KKR) और जनरल अटलांटिक (General Atlantic) के साथ चर्चा शुरू कर दी है. ईटी ने मामले से अवगत लोगों के हवाले से इसकी जानकारी दी. (Tata Motors to sell stake in EV business)
सूत्रों के अनुसार, टाटा मोटर्स इक्विटी बेचकर 1 बिलियन (अरब) डॉलर तक जुटाने की योजना बना रही है और अपने बकाया कर्ज को चुकाने के लिए पैसों का उपयोग करेगी.
EV डिविजन का अंतिम वैल्यू 9.1 अरब डॉलर था
ईवी बिजनेस में प्राइमरी इक्विटी के रूप में पैसे लगाए जाएंगे.
चर्चाओं से वाकिफ एक व्यक्ति ने कहा कि यह करीब 10.5 अरब डॉलर की वैल्यूएशन की मांग कर रहा है, जो कि पिछले दौर के 15% प्रीमियम पर है, जिसमें ईवी डिविजन की वैल्यू 9.1 अरब डॉलर थी.
हालांकि, टाटा मोटर्स, टेमासेक, एडीआईए और केकेआर ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. मुबाडाला, पीआईएफ और जनरल अटलांटिक ने ईटी के सवालों का जवाब नहीं दिया.
इससे पहले जनवरी में ख़बर आई थी कि टाटा मोटर्स अपनी ईवी सब्सिडियरी के लिए फंडिंग की तलाश में फिर से बाजार में है और उसने मॉर्गन स्टेनली को बतौर ट्रांजैक्शन एडवाइजर हायर किया है. ईवी बिजनेस के लिए यह दूसरा फंडिंग राउंड होगा, जिसे टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड (Tata Passenger Electric Mobility Ltd - TPEML) के तहत रखा गया है, क्योंकि कंपनी ने 2021 में एक डील के तहत टीपीजी राइज क्लाइमेट (TPG Rise Climate) और एडीक्यू (ADQ) से 1 बिलियन डॉलर जुटाए थे.
निवेशकों को कंपनी में 11% और 15% हिस्सेदारी सुरक्षित करने के लिए अनिवार्य कन्वर्टिबल इंस्ट्रूमेंट्स दिए गए थे. ईवी के लिए टेक्नोलॉजी और विनिर्माण विशेषज्ञता विकसित करने में निवेश के लिए पहले दौर की फंडिंग से पूंजी निर्धारित की गई थी.
यह ख़बर ऐसे समय में आई है जब कंपनी वित्त वर्ष 24 तक एक समेकित स्तर पर एक शून्य शुद्ध-ऋण (zero net-debt) कंपनी बनने के अपने लक्ष्य से चूक सकती है.
हाल ही में एक अर्निंग कॉल में, कंपनी ने कहा कि भारत में अपने स्टैंडअलोन बिजनेस के लिए, ऑटोमेकर अपने शून्य शुद्ध-ऋण लक्ष्य को पूरा करेगा. हालांकि, विदेशी सहायक जगुआर लैंड रोवर (Jaguar land Rover - JLR) के मामले में, यह कहा गया है, शुद्ध ऋण शून्य लक्ष्य तुरंत प्राप्त नहीं हो सकता है.
टाटा मोटर्स, जो कि रेवेन्यू के हिसाब से देश की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी है, पर 31 दिसंबर तक अपने स्टैंडअलोन भारत के कारोबार पर लगभग 12,400 करोड़ रुपये का कर्ज था, जिसमें वाणिज्यिक वाहन, यात्री वाहन और ईवी शामिल हैं. कंपनी का समग्र ऑटोमोटिव ऋण, जिसमें उसकी ब्रिटिश सहायक कंपनी JLR भी शामिल है, ₹57,500 करोड़ था.
टाटा मोटर्स अपने Nexon EV के नेतृत्व में भारत के इलेक्ट्रिक कारों के कारोबार में एक बड़ी बढ़त हासिल करने में कामयाब रही है. 2022 में, देश में बिकने वाली हर पांच इलेक्ट्रिक कारों में से चार टाटा मोटर्स की थीं.
आने वाले चार वर्षों में, वाहन निर्माता TPEML के तहत 10 EV का पोर्टफोलियो बनाना चाहता है. यह टाटा पावर (Tata Power) के साथ मिलकर चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर (charging infrastructure) विकसित करने पर भी विचार कर रहा है.