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Meta,Twitter जैसी कंपनियों से निकाले गए कर्मचारियों को रतन टाटा की यह कंपनी देगी नौकरी

रतन टाटा कोरोना महामारी के दौरान भी कर्मचारियों की छंटनी के खिलाफ थे. उन्होंने तब YourStory की फाउंडर और सीईओ श्रद्धा शर्मा के साथ एक खास बातचीत में कोरोनावायरस महामारी के परिणामस्वरूप हुई उद्योग-व्यापी छंटनी पर गहरी नाराज़गी व्यक्त की थी. अब वे छंटनी से प्रभावित कर्मचारियों के लिए मसीहा बने हैं.

Meta,Twitter जैसी कंपनियों से निकाले गए कर्मचारियों को रतन टाटा की यह कंपनी देगी नौकरी

Sunday November 20, 2022 , 3 min Read

Twitter, Amazon, Microsoft और Meta समेत दुनियाभर की दिग्गज कंपनियों ने पिछले कुछ दिनों में अपने हजारों कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. लेकिन भारत के सबसे सम्मानित उद्योगपतियों में से एक रतन टाटा (Ratan Tata) ने एक बार फिर अपना दिल बड़ा किया है. उनकी कंपनी जगुआर लैंड रोवर (Jaguar Land Rover) अब उन कर्मचारियों को नौकरी दे रही है, जो छंटनी का शिकार हुए हैं.

गौरतलब हो कि एलन मस्क (Elon Musk) ने ट्विटर की कमान अपने हाथ में लेने के बाद करीब 50 फीसदी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था. इसके अलावा फेसबुक की पेरेंट कंपनी Meta ने भी अपने 11,000 कर्मचारियों की छंटनी का ऐलान किया है. इसके अलावा अमेजन, माइक्रोसॉफ्ट, Johnson & Johnson, विगन मीट बनाने वाली कंपनी Beyond Meat Inc, ऑनलाइन बैंकिंग फर्म Chime, Phillips 66, Arrival SA जैसी कई कंपनियों ने बिजनेस में नुकसान, खर्चों को कम करने का हवाला देते हुए हजारों कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है.

ऐसे में रतन टाटा की टाटा मोटर्स (Tata Motors) ने अपनी ब्रिटिश सब्सिडियरी जगुआर लैंड रोवर में मेटा और ट्विटर आदि कंपनियों से निकाले गए कर्मचारियों को नौकरी देने की पेशकश की है.

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर की बड़ी टेक कंपनियों से निकाले गए कर्मचारियों के लिए जगुआर लैंड रोवर नौकरी का एक सुनहरा मौका लेकर आ रहा है. अब ट्विटर, मेटा आदि जैसी बड़ी कंपनियों से निकाले गए कर्मचारियों को कई अलग-अलग विभाग में नौकरी दी जाएगी. इसमें इंजीनियरिंग सर्विस के साथ-साथ डिजिटल सर्विसेज में काम करने वाले लोग भी शामिल है.

जगुआर लैंड रोवर ने कहा कि वह अलग-अलग सेक्टर्स में काम करने वाले कई लोगों को रोजगार देगा. कंपनी ने यह वादा किया है कि वह फिलहाल करीब 800 नई नौकरियों को सृजित करेगा. इसमें डेटा साइंटिस्ट, मशीन लर्निंग, इलेक्ट्रिफिकेशन, क्लाउड सॉफ्टवेयर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑटोनोमस ड्राइविंग आदि जैसे कई सेक्टर्स के लोगों के लिए नौकरी के अवसर लेकर आया है. कंपनी ने दावा किया है कि वह अमेरिका, ब्रिटेन, इंडिया, चीन, हंगरी, आयरलैंड जैसे कई देशों में 800 लोगों को नौकरी देगी.

आपको बता दें कि रतन टाटा कोरोना महामारी के दौरान भी कर्मचारियों की छंटनी के खिलाफ थे. उन्होंने तब YourStory की फाउंडर और सीईओ श्रद्धा शर्मा के साथ एक खास बातचीत में कोरोनावायरस महामारी के परिणामस्वरूप हुई उद्योग-व्यापी छंटनी पर गहरी नाराज़गी व्यक्त की.

रतन टाटा ने कहा, “जब वायरस का प्रकोप शुरू ही हुआ था तभी हजारों लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया. क्या इससे आपकी समस्या हल हो सकती है? मुझे नहीं लगता कि ऐसा हो सकता है. क्योंकि आपको बिजनेस में नुकसान हुआ है ऐसे में लोगों को नौकरी से निकाल देना कतई सही नहीं है. बल्कि उन लोगों के प्रति आपकी जिम्मेदारी बनती है.”

उन्होंने आगे कहा, “ये वे लोग हैं जिन्होंने आपके लिए काम किया है, ये वही लोग हैं जिन्होंने अपने पूरे करियर के दौरान आपकी सेवा की है इसलिए आप उन्हें बारिश में रहने के लिए छोड़ देते हैं? आप अपनी लेबर फोर्स के साथ इस तरह का बर्ताव करते हैं, क्या आपकी नैतिकता की यही परिभाषा है?”

गौरतलब हो कि बिल फोर्ड की कंपनी Ford साल 2008 की ‘मंदी’ के बाद दिवालिया होने के कगार पर थी. तब रतन टाटा ने फोर्ड कंपनी के दो पॉपुलर ब्रांड जगुआर और लैंड रोवर को 2.3 बिलियन डॉलर (9,300 करोड़ रुपये) में खरीद लिया था.