RBI की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक शुरू, एक बार फिर रेपो रेट बढ़ने के आसार
RBI की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के नतीजों की घोषणा 8 जून को होगी.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक (Monetary Policy Review Meeting) शुरू हो गई है. 6 जून से शुरू हुई इस मीटिंग के नतीजों की घोषणा 8 जून को होगी. एक्सपर्ट्स का मानना है कि मुद्रास्फीति (Inflation) में कमी के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं. ऐसे में RBI अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दरों में एक और बढ़ोतरी कर सकता है. एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि गवर्नर शक्तिकांत दास पहले ही इसके संकेत दे चुके हैं. PTI भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, दास ने हाल ही में एक टीवी इंटरव्यू में कहा था, ‘रेपो रेट्स में कुछ बढ़ोतरी होगी, लेकिन अभी मैं नहीं बता पाऊंगा कि यह कितनी होगी.’
RBI पिछले महीने बिना किसी तय कार्यक्रम के हुई मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में रेपो रेट को 0.40 प्रतिशत बढ़ा चुका है. इस वक्त रेपो रेट 4.40 प्रतिशत पर है. रेपो रेट वह दर होती है, जिस पर RBI, बैंकों को कर्ज देता है. ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि कि इस बार की बैठक में दरों में कम से कम 0.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी और हो सकती है. विशेषज्ञ आने वाले महीनों में रेपो दर में और बढ़ोतरी का अनुमान जता रहे हैं.
देश में कहां पहुंच गई है महंगाई
जहां तक महंगाई की बात है तो खुदरा मुद्रास्फीति (Retail Inflation) अप्रैल में लगातार सातवें महीने बढ़ते हुए आठ साल के उच्चतम स्तर 7.79 प्रतिशत पर पहुंच गई है. वहीं थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति (Wholesale Inflation) 13 महीने से दहाई अंकों में बनी हुई है और अप्रैल में यह 15.08 प्रतिशत के रिकॉर्ड उच्चस्तर को छू गई. सरकार ने महंगाई पर काबू करने के लिए पेट्रोल-डीजल पर शुल्क में कटौती, कुछ खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में कमी और गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने जैसे कई कदमों का सहारा लिया है.