हाथ से मैला ढोने की प्रथा को खत्म करने के लिए रोबोट ‘बैंडिकूट’ तकनीक
हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के रूप में नियोजन का प्रतिषेध और उनका पुनर्वास नियमावली, 2013 (एमएस नियमावली, 2013)" के अनुसार नियोक्ता द्वारा सुरक्षा गीयर, उपकरण उपलब्ध कराना और नियमावली में निर्धारित सुरक्षा सावधानियों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाना अनिवार्य है.
बैंडिकूट जैसे प्रोडक्ट जिस आवश्यकता को पूरा करते हैं वह मैनहोल के तल पर जमा तलछट को हटाने तक सीमित है, जिसके कारण सीवर बंद पड़ सकता है तथा ऊपर से बहने लगता है. अतः स्थानीय निकायों को उपयुक्त मैनहोल डी-ग्रिटिंग मशीनें खरीदने की सलाह दी गई है, जिन्हें मैनहोल में प्रवेश किए बिना संचालित किया जा सकता है तथा समय-समय पर सफाई की उचित व्यवस्था भी की जा सकती है. समय-समय पर की जाने वाली डी-बिटिंग के साथ-साथ मैनहोल की आपातकालीन डी-ग्रिटिंग की आवश्यकता को स्थानीय रूप से आसानी से तैयार सरल मशीनों का इस्तेमाल करके भी पूरा किया जा सकता है. ये मशीनें बेहतर न सही परंतु सफाई कर्मचारियों के लिए सुरक्षा का एक समान स्तर सुनिश्चित करेगी.
शहरों को अपने मैनहोल तथा सीवरों के प्रबंधन हेतु सरल लागत प्रभावी यांत्रिक उत्पाद उपयोग करने की सलाह दी गई है.
एमएस अधिनियम, 2013 की धारा 33 के अनुसार, प्रत्येक स्थानीय प्राधिकारी अथवा अन्य एजेंसी द्वारा सीवरों और सेप्टिक टैंकों की सफाई के लिए समुचित तकनीकी उपकरण का उपयोग किया जाना अपेक्षित है. सरकार को वित्तीय सहायता, प्रोत्साहनों और अन्य सुविधाओं के माध्यम से आधुनिक प्रौद्योगिकी के प्रयोग को संवर्धित करना होगा.
हाथ से मैला उठाने वाले कर्मियों के रूप में नियोजन का प्रतिषेध और उनका पुनर्वास नियमावली, 2013 (एमएस नियमावली, 2013)" के अनुसार नियोक्ता द्वारा सुरक्षा गीयर, उपकरण उपलब्ध कराना और नियमावली में निर्धारित सुरक्षा सावधानियों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाना अनिवार्य है.
आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय वाले ने सीवरों तथा सेप्टिक टैंकों की सफाई के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है. इसके अलावा, निम्नलिखित सुनिश्चित करने के लिए नमस्ते स्कीम देश के सभी शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) में कार्यान्वित की जा रही है
- भारत में स्वच्छता कार्य में शून्य मृत्यु दर.
- संपूर्ण स्वच्छता कार्य कुशल कर्मचारियों द्वारा किया जाना है.
- कोई भी सफाई कर्मचारी मानव मल के प्रत्यक्ष संपर्क में नहीं आना चाहिए.
- पंजीकृत तथा कुशल स्वच्छता कर्मचारियों से सेवाओं की चाह रखने वाले स्वच्छता के इच्छुक (व्यक्तियों एवं संस्थान) लोगों के मध्य जागरूकता का संवर्द्धन करना.
- पंजीकृत सफाई सेवाओं के सुरक्षित वितरण को सुनिश्चित करने के लिए एमरजैंसी रिस्पांस सेनीटेशन यूनिट (ईआरएसयू) का सुद्धीकरण तथा क्षमता निर्माण .
- सफाई उद्यम चलाने तथा मशीनों की उपलब्धता के माध्यम से सफाई कार्यों के मशीनीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए सफाई कर्मचारियों का सशक्तीकरण.
यह स्कीम मशीनी उपस्करों के साथ सुरक्षित सफाई सुनिश्चित करने और सीवरों तथा सेप्टिक टैंक सफाई कर्मचारियों की गरिमा में वृद्धि करने के लिए सीवर तथा सेप्टिक टैंक कर्मचारियों को व्यावसायिक प्रशिक्षण, सुरक्षा गीयर तथा एबी-पीएमजेएवाई के अंतर्गत स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराकर उनके ज्ञान व कौशल को भी बढ़ाती हैं.
यह जानकारी सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने बुधवार को राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी.