Brands
YSTV
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory
search

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

Videos

ADVERTISEMENT
Advertise with us

डेटा की मदद से ग्राहकों की 'नब्ज़ पकड़ने' में कंपनियों की मदद कर रहा यह स्टार्टअप

डेटा की मदद से ग्राहकों की 'नब्ज़ पकड़ने' में कंपनियों की मदद कर रहा यह स्टार्टअप

Wednesday October 16, 2019 , 5 min Read

अब ज़्यादातर बिज़नेस वेंचर्स ग्राहकों की सहूलियत पर ध्यान केंद्रित करने लगे हैं और इसके चलते ब्रैंड्स लगातार ऐसे माध्यमों की ओर रुख़ कर रहे हैं, जो ग्राहकों की अपेक्षा और सुविधा के विषय में जानकारी उपलब्ध कराते हों। इसी क्रम में विभिन्न प्लैटफ़ॉर्म्स के ज़रिए संबंधित डेटा का आकलन किया जाता है। इन प्लैटफ़ॉर्म्स में सोशल मीडिया, ब्लॉग्स, रीव्यू साइट्स, न्यूज़ आर्टिकल्स आदि शामिल हैं।


k

टीम रैंक मी ऑनलाइन


सर्वे और पिछले डाटा के आकलन के माध्यम से इनसाइट्स तैयार करना अब परंपरागत तरीक़ा हो गया है और इसकी प्रभाविता फीकी पड़ती जा रही है क्योंकि इनमें काफ़ी समय खर्च होता है और आज के परिवर्तनशील डिजिटल जगत में ये जल्द ही अप्रासंगिक भी हो जाते हैं।


इन सभी पहलूओं को ध्यान में रखते हुए हम समझ सकते हैं कि मार्केट में एक ऐसे प्लैटफ़ॉर्म की निश्चित तौर पर ज़रूरत है, जो समय पर ब्रैंड्स को ग्राहकों से जुड़े पुख़्ता नज़रिए उपलब्ध करा सकें ताकि ब्रैंड्स को आगे की रणनीति तैयार करने में मदद मिल सके। कन्ज़्यूमर ऐनालिटिक्स प्लैटफ़ॉर्म ‘रैंक मी ऑनलाइन’ इस ज़रूरत को पूरा करता है। इस प्लैटफ़ॉर्म का उद्देश्य है, ब्रैंड्स को ग्रोथ और डिवेलपमेंट के लिए सभी ज़रूरी जानकारियां मुहैया कराना।  


ज्योति गुप्ता और दीप्ति सिंह चौहान ने नवंबर, 2017 में नई दिल्ली से रैंक मी ऑनलाइन की शुरुआत की थी। यह केंद्र सरकार के स्टार्टअप इंडिया प्रोग्राम के अंतर्गत प्रमाणित है और इनोवेशन स्टार्टअप्स कैटेगरी का हिस्सा है। यह स्टार्टअप, क्योर फ़िट, सोशल कनेक्ट और पी सेफ़ क्लाइंट्स के साथ काम कर रहा है।


k

Rank Me Online की फाउंडर दीप्ति सिंह चौहान और ज्योति गुप्ता

तकनीकी क्षेत्र में कमाल दिखातीं दो महिलाएं!

कंपनी की फ़ाउंडर्स ज्योति और दीप्ति ने 2012 में कम्प्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग की डिग्री ली थी और दोनों दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी में बैचमेट्स थीं। पढ़ाई पूरी करने के बाद दोनों ने सैमसंग और ऐमज़ॉन जैसी कई बड़ी कंपनियों में काम किया। दीप्ति ने अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाते हुए आईआईएफ़टी से एमबीए की डिग्री भी ली। इंटरनेट कंपनियों के साथ काम करने के बाद दीप्ति और ज्योति दोनों ही को समझ में आया कि इस क्षेत्र में पर्याप्त संभावनाएं हैं।


उन्हें ख़्याल आया कि क्यों न बिज़नेस वेंचर्स को उनके प्रोडक्ट या बिज़नेस के बारे में ग्राहकों की सही राय हासिल करने का साधन मुहैया कराया जाए। दीप्ति कंपनी में बिज़नेस डिवेलपमेंट, इंडस्ट्री के ट्रेंड्स को मॉनिटर करने और बिज़नेस ऑपरेशन्स को संभालती हैं। कंपनी 10 लोगों की मुख्य टीम के साथ काम कर रही है।


फ़ाउंडर्स ने शुरुआत में बेंगलुरु से अपने प्रोडक्ट को तैयार करना शुरू किया था। चूंकि स्टार्टअप के पास कोई बाहरी निवेश नहीं था, इसलिए दीप्ति और ज्योति काम करने की जगह के लिए अपने माता-पिता की मदद पर निर्भर थीं और इस वजह से उन्हें काम को नई दिल्ली शिफ़्ट करना पड़ा। दोनों ने मिलकर अपनी बचत के पैसों से स्टार्टअप में 20 लाख रुपए का निवेश किया और इसके बल पर प्रोडक्ट और टीम तैयार की। 


k

Rank Me डैशबोर्ड

वैसे तो व्यक्तिगत इकाईयों और बिज़नेस वेंचर्स दोनों ही अपने स्तर पर डेटा को ऐनालाइज़ कर सकते हैं, लेकिन स्थिति तब गंभीर हो जाती है, जब डेटा बहुत अधिक मात्रा में हो जाता है। सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म्स पर एक दिन में करोड़ों पोस्ट्स आते हैं और इसलिए हर प्लैटफ़ॉर्म पर परफ़ॉर्मेंस का आकलन करना संभव नहीं हो पाता।


यहीं से शुरू होती है, रैंक मी ऑनलाइन के प्रोडक्ट- रिव्यू ऐनालाइज़र की भूमिका। यह आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक की मदद से ग्राहकों की प्रतिक्रिया को समझता है और ग्राहक क्या चाहते हैं, इस संबंध में एक इनसाइट उपलब्ध कराता है। यह बताता है कि ग्राहक किस तरह के फ़ीचर्स या और क्या कुछ चाहते हैं।


यह गूगल सर्च की तरह काम करता है, जहां पर ग्राहक/बिज़नेस प्रोजेक्ट के कॉन्टेक्स्ट को सेट करने करने के लिए कीवर्ड्स का इस्तेमाल करता है। प्लैटफ़ॉर्म कीवर्ड्स के आधार पर वेबसाइट्स, न्यूज़, फ़ोरम्स, ब्लॉग्स और सोशल मीडिया वेबसाइट्स आदि से संबंधित जानकारी लेता है। इसके बाद यह डेटा के लिए एक संरचना तैयार करता है और एआई इंजन की मदद से उसका आकलन करता है।


ज्योति कहा कहना है कि ब्रैंड्स, इस प्रक्रिया के बाद मिलने वाले इनसाइट्स के आधार पर आगे की रणनीति तैयार कर सकते हैं और इनसाइट्स के लिए वह कस्टमर डैशबोर्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं। साथ ही, वे पहले से मौजूद और संभावित ग्राहकों से संपर्क स्थापित कर सकते हैं। इतना ही नहीं वे इनफ़्लूएन्सर्स के साथ भी संपर्क बना सकते हैं।




ऐनालाइज़ करने के लिए टूल्स

रैंक मी ऑनलाइन निम्नलिखित सुविधाएं उपलब्ध कराता हैः


सोशल लिसनिंगः यह टूल सभी ब्रैंड, प्रतियोगियों और ऑडियंस के ज़िक्र को सुनता है और सीधे मेंशन्स से संपर्क बनाने, लीड्स ढूंढने और इनफ़्लूएन्सर्स से जुड़ने में ब्रैंड्स की मदद करता है।


ऑनलाइन रेप्युटेशन मैनेजमेंटः ऑनलाइन मेंशन्स को सेन्टिमेंट ऐनालिसिस के साथ चेक करके यह प्लैटफ़ॉर्म ऑनलाइन माध्यम पर ब्रैंड की छवि का आकलन और प्रबंधन करता है।


कॉम्पिटिशन, ऑडियंस और कैंपेन ऐनालिसिसः यह एआई ऐल्गॉरिद्म्स के ज़रिए ऑडियंस के प्रोफ़ाइल्स को ऐनालाइज़ करता है और आरओआई को मापकर बाज़ार के व्यवहार को समझता है।

कैसे करता है काम


रैंक मी ऑनलाइन एक परंपरागत एसएएएस (सॉफ़्टवेयर-ऐज़-अ-सर्विस) प्लैटफ़ॉर्म की तरह काम करता है। इसकी टारगेट ऑडियंस बीटूसी ब्रैंड्स, ब्रैंडिंग एजेंसियां, पीआर एजेंसियां और मीडिया हाउस हैं। यह अपने प्रोडक्ट्स मासिक सब्सक्रिप्शन के आधार पर उपलब्ध कराता है, जो 100 डॉलर/प्रति माह से शुरू होते हैं।


हाल में रैंक मी ऑनलान एक महीने में 5 लाख रुपए का रेवेन्यू पैदा कर रहा है। ज्योति का कहना है कि इस वित्तीय वर्ष के अंत तक कंपनी एक महीने में 25 लाख रूपए का रेवेन्यू जुटाएगी। रैंक मी ऑनलाइन ने 10 महीने पर अपने ऑपरेशन्स शुरू किए हैं और अभी तक कंपनी के प्लैटफ़ॉर्म पर 2 हज़ार से ज़्यादा बीटूबी यूज़र्स हैं। कंपनी अभी तक 800 क्लाइंट्स को अपनी सुविधाएं मुहैया करा चुकी है।





भविष्य की योजनाएं

ज्योति ने बताया,

"स्टार्टअप निवेशकों के फ़ंड्स जुटाने की योजनाएं बना रहा है, जो रणनीति आधारित सहयोग और नए प्रयोग करने में उनकी मदद कर सकें।"


आपको बता दें कि रैंक मी ऑनलाइन, योरस्टोरी द्वारा प्रायोजित फ़ेसबुक की मुहिम शी लीड्स टेक (SheLeadsTech) का भी हिस्सा रह चुका है।