Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

कश्मीर में मासिक धर्म के प्रति फैला रही हैं जागरूकता, महिलाओं को मुफ्त सैनिटरी पैड बाँट रही हैं इरफाना

कश्मीर में मासिक धर्म के प्रति फैला रही हैं जागरूकता, महिलाओं को मुफ्त सैनिटरी पैड बाँट रही हैं इरफाना

Saturday March 07, 2020 , 3 min Read

इरफाना ज़रगर ने श्रीनगर के लाल चौक पर सार्वजनिक शौचालयों में मुफ्त सैनिटरी नैपकिन, दवाइयाँ, और हैंड सैनेटाइजर वितरित करती हैं।

इरफाना (दाएं) लालचौक में सार्वजनिक शौचालय में ईव सेफ्टी किट वितरित करती हुईं। (चित्र: द कश्मीर वल्ला)

इरफाना (दाएं) लालचौक में सार्वजनिक शौचालय में ईव सेफ्टी किट वितरित करती हुईं। (चित्र: द कश्मीर वल्ला)



भारत में, 77 प्रतिशत से अधिक भारतीय महिलाएं और लड़कियां विकल्पों की कमी के कारण मासिक धर्म होने पर एक बार इस्तेमाल हो चुके कपड़े का उपयोग करती हैं और भारत में 18 प्रतिशत से कम महिलाएं ही सैनिटरी पैड का उपयोग करती हैं। वास्तविकता यह ही है कि हमारे देश में अधिकांश लड़कियां और महिलाएं ऐसी हैं जिनके पास इस तरह के उत्पादों की पहुंच नहीं है। एनजीओ दसरा की एक रिपोर्ट बताती है कि मासिक धर्म शुरू होते ही 2 करोड़ 30 लाख लड़कियां स्कूल जाना बंद कर देती हैं।


अधिकांश युवा महिलाएँ या तो सेनेटरी उत्पाद नहीं खरीद सकतीं, उनके पास सुरक्षित शौचालय की सुविधा नहीं है या वो इन उत्पादों का उपयोग करने या खरीदने से कतराती हैं। इसका एक बड़ा कारण गलत सूचना और मिथक हैं जो मासिक धर्म के बारे में फैलाये गए हैं।


34 वर्षीय इरफाना जरगर ने इस मुद्दे को संबोधित करते हुए श्रीनगर में ऐसी महिलाओं को जागरूक करने और इन जरूरतों को पूरा करने के लिए ईवा सेफ्टी नाम की पहल शुरू की। वह सार्वजनिक शौचालयों में सेनेटरी किट का संयोजन और वितरण कर रही हैं, जिसका उद्देश्य महिलाओं को स्वच्छता स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए शिक्षित और सक्षम बनाना है।


इन किटों में सैनिटरी नैपकिन, एंटीस्पास्मोडिक्स, पैंटी, हैंड सैनिटाइज़र और हैंड वॉश शामिल हैं। इरफाना ने उन्हें अपने नोहशेरा शहर के सार्वजनिक शौचालयों में स्थापित किया है और अब तक इन किटों की उपलब्धता 5 सार्वजनिक शौचालयों में हैं। निजी क्षेत्र में कार्यरत इरफाना ने पहल अपने दिवंगत पिता गुलाम हसन जरगर को समर्पित की है।





एनडीटीवी से बात करते हुए इरफाना ने कहा,

"यह मेरे अनुसार सबसे अच्छा दान है। मैं उन लोगों का स्वागत करती हूं जो इसमें शामिल होना चाहते हैं या योगदान देना चाहते हैं।"

उन्होंने अपने वेतन का एक हिस्सा मासिक धर्म उत्पादों को गरीब महिलाओं के लिए सुलभ बनाने की दिशा में निवेश किया है और उनका उद्देश्य इसे पहल को जारी रखना है।


आने वाले महीने में इरफाना ने ईवा सेफ्टी किट के साथ 15 और सार्वजनिक शौचालयों की आपूर्ति करने की योजना बनाई है। पहल से प्रेरित होकर डॉक्टर शाज़िया मेहराज ने इरफ़ाना के साथ हाथ मिलाया है। इरफाना के प्रयासों की सराहना करते हुए अब वे भी ईवा सेफ्टी का समर्थन करना चाहती हैं।


मेहराज ने द वीक को बताया,

"शुरुआत में मैं उसके मिशन में शामिल होने के लिए इच्छुक नहीं थी, लेकिन यह पहल बहुत ही शानदार है और मैं इससे मुड़ नहीं सकती।"