28 लाख 40 हजार नई नौकरियाँ दी हैं भारत की 100 यूनिकॉर्न कंपनियों ने
YourStory Research के मुताबिक़ भारत की 100 यूनिकॉर्न कंपनियों ने 25 लाख नौकरियाँ अनुबंध पर काम कर रहे और अनुषंगी सर्विस प्रोवाइडर्स को दी हैं और 3 लाख 40 हज़ार नौकरियाँ फ़ुल-टाईम काम कर रहे लोगों को दी हैं. यानि कुल 28 लाख चालीस हजार लोगों को रोज़गार मिला है.
2016 में प्रधानमंत्री मोदी ने “स्टार्टअप इंडिया” की शुरुआत बड़े विजन के साथ, एक संकल्प और एक अभियान के रूप में की थी. भारत सरकार ने भारत में स्टार्टअप इकोसिस्टम को विकसित करने के लिये जो आधारभूत ढाँचा खड़ा किया उसका सुपरिणाम अब, छह साल के भीतर ही, देखने को मिल रहा है.
भारत के स्टार्टअप्स के लिए उनके आलोचक कई तरह की बातें कहते हैं. कहा जाता है कि वे अपनी कंपनियों की वैल्यू को अधिक दर्शाते हैं, कि फ़ाउंडर्स अदा दिखाते हैं, कि इनका जलवा जितना है असर उतना नहीं आदि. लेकिन एक बहुत बड़ी बात ऐसी है जिसमें वे दूसरे कई सेक्टर्स के मुक़ाबले बहुत आगे हैं और वो बात आज भारत की अर्थव्यवस्था के लिये सबसे महत्वपूर्ण बातों में से एक है – रोज़गार!
एक ऐसे वक़्त में जब बेरोज़गारी एक ज्वलंत मुद्दा बनती जा रही है, भारत के स्टार्ट अप लाखों लोगों को रोज़गार दे रहे हैं. ख़ासकर भारत के 100 यूनिकॉर्न जिन्होंने देश के हर हिस्से में कुल 28 लाख 40 हजार लोगों को रोज़गार दिया है.
YourStory Research के मुताबिक़ भारत की 100 यूनिकॉर्न कंपनियों ने जहां 3 लाख 40 हज़ार फ़ुल-टाईम नौकरियाँ दी हैं वहीं 25 लाख नौकरियाँ अनुषंगी सर्विस प्रोवाइडर्स को दी हैं जिनमें अनुबंध पर काम कर रहे कर्मचारी, कॉंटेंट क्रिएटर, डिलीवरी पार्टनर, ट्यूटर और ड्राइवर जैसे काम शामिल हैं.
यह एक स्थापित तथ्य है कि यूनिकॉर्न कंपनियों ने बहुत तेज़ी से तरक़्क़ी की हैं. 2011 से अब तक इन्होंने कुल 62.0 अरब डॉलर का फंड जुटाया है और बाज़ार में इनकी मिलीजुली क़ीमत 331 अरब डॉलर आंकी जाती है.
कोरोना महामारी ने भी इनकी ग्रोथ को रोका नहीं बल्कि 2021 में 44 स्टार्टअप और 2022 में अब तक 15 स्टार्टअप 1 अरब डॉलर मार्केट वैल्यू वाले क्लब में शामिल हुए यानि यूनिकॉर्न बने. यह अपने आप में एक रिकार्ड है. 2011 में पहली बार कोई भारतीय स्टार्ट अप यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हुआ था. अगले नौ साल में यह संख्या 31 तक पहुँची लेकिन उसके बाद दो साल में महामारी के बावजूद दो साल में यह संख्या 100 हो गयी.
YourStory — भारत के स्टार्टअप्स का सबसे बड़ा प्लेटफ़ॉर्म है, हमने भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को शुरू से देखा-परखा और प्रोत्साहित किया है. हमने उनके तेज उभार को शुरुआती दिनों से ही ट्रैक करना शुरू कर दिया था और इसीलिये YourStory पर Unicorns of India जैसा प्लेटफ़ॉर्म बनाया जो धीरे-धीरे भारत की यूनिकॉर्न कंपनियों और उनकी ग्रोथ, उनकी फंडिंग के बारे में गहरी जानकारी देने वाला सबसे ज़्यादा लोकप्रिय मंच बन गया.
कई सालों से जमा किये हुए हमारे अपने प्रॉपराइटरी डेटा ने Unicorns of India को इकलौता ऐसा मंच बना दिया है जिसे उसके रियल-टाईम रेफ़्रेंस के लिए यूनिकॉर्न के फैन ही नहीं, स्टार्टअप सिस्टम के सारे हितधारक (stakeholders) भी फ़ॉलो करते हैं.
Unicorns of India अब यूनिकॉर्न और उनके निवेशकों के नामों की सूची और फ़ंडिंग से आगे बढ़कर गहरे विश्लेषण के लिए जाना जाता है. उसी कड़ी में यह पड़ताल है टॉप 100 यूनिकॉर्न द्वारा उत्पन्न रोज़गार की.
कुल रोज़गार का 90.5% यानि 25 लाख 80 हजार नौकरियाँ टॉप 10 यूनिकॉर्न कंपनियों ने प्रदान की हैं.
12 हजार कर्मचारियों और 15 लाख ड्राइवर्स के साथ
अकेले ही 53% रोज़गार के लिए ज़िम्मेवार है. 4,259 कर्मचारियों और 3.5 लाख डिलीवरी पार्टनर्स के साथ दूसरे नम्बर हैं. (7.85%), (7.19%), और (3.10%) इसके बाद तीसरे, चौथे और पाँचवे नम्बर पर हैं.
इन 100 यूनिकॉर्न कंपनियों द्वारा उत्पन्न किये गये रोज़गार को वैसे को कई तरह से विश्लेषित किया जा सकता है लेकिन शायद सबसे महत्वपूर्ण यह उल्लेख करना होगा कि भारत सरकार के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय के Department for Promotion of Industry and Internal Trade (DPIIT) के अंतर्गत रजिस्टर हुए 66,359 स्टार्टअप्स ने 2016 के बाद से अब तक 7 लाख 7 हजार लोगों को नौकरियाँ दी हैं.
इन 100 यूनिकॉर्न कंपनियों में अधिकांश जनवरी 2016 में भारत सरकार द्वारा स्टार्टअप इंडिया की पहल किये जाने से पहले शुरू हुई थी. ऐसे में रोज़गार के मार्फ़त राष्ट्र निर्माण में स्टार्टअप्स, जिनमें यूनिकॉर्न भी शामिल हैं, का योगदान काफ़ी महत्वपूर्ण और बड़ा है.
2020 में Cisco के भूतपूर्व चेयरमैन और सी.ई.ओ. जॉन चैम्बर्स ने कहा था कि वो एक ऐसा ब्लूप्रिंट बना रहे हैं जो भविष्य में भारत में हर साल 12 लाख नये जॉब्स पैदा करेगा.
YourStory के TechSpark 2020 में बोलते हुए जॉन ने कहा था:
“12 लाख सुनने में बहुत बड़ा, दिमाग़ हिला देने वाला नंबर लगता है, लेकिन मुझे लगता है यह किया जा सकता है”
12 लाख प्रतिवर्ष का आँकड़ा अभी दूर का लगे, लेकिन दस साल में 28 लाख 40 हजार का आँकड़ा अपने में प्रभावशाली है और इससे भारत के स्टार्टअप्स को और प्रेरणा मिलेगी.
यूनिकॉर्न कंपनियों की यह तेज रफ़्तार ग्रोथ भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को और मज़बूत करेगी और भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत के स्वप्न को पूरा करने में सहयोग करेगी.