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ब्लॉकचेन और AI तकनीकों के पेचीदा कॉन्ट्रैक्ट्स को क्लाइंट्स के लिए आसान बना रही यह लॉ फ़र्म

ब्लॉकचेन और AI तकनीकों के पेचीदा कॉन्ट्रैक्ट्स को क्लाइंट्स के लिए आसान बना रही यह लॉ फ़र्म

Tuesday November 26, 2019 , 3 min Read

वक़ील अनिरुद्ध रस्तोगी ने इकिगई लॉ (Ikigai Law) नाम से एक स्टार्टअप की शुरुआत की, जो नीति निर्माताओं और राजनेताओं को ब्लॉकचेन और आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेन्स तकनीकों; और इन तकनीकों के ज़रिए लोगों और व्यवसायों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहा है।

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टीम Ikigai Law


तकनीकी विकास बेहद तेज़ रफ़्तार के साथ आगे बढ़ रहा है और ऐसे में, विभिन्न विभागों की नीति निर्धारण करने वाली इकाईयां इस रफ़्तार के साथ चलने का लगातार प्रयास कर रही हैं। सरकारें, ब्लॉकचेन, ड्रोन और आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेन्स जैसी तकनीकों को अपने विभागों में नियुक्त करने की दिशा में प्रयासरत हैं।


इस परिदृश्य में, इन तकनीकों से संबद्ध विशेषज्ञों और रोज़ बदलते प्रचलन पर लगातार नज़र रखने की आवश्यकता है। इस ज़रूरत को पूरा करने के लिहाज़ से पेश से वक़ील अनिरुद्ध रस्तोगी ने इकिगई लॉ (Ikigai Law) नाम से एक स्टार्टअप की शुरुआत की, जो नीति निर्माताओं और राजनेताओं को ब्लॉकचेन और आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेन्स तकनीकों; और इन तकनीकों के ज़रिए लोगों और व्यवसायों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहा है।


इस स्टार्टअप को 2017 में दिल्ली से लॉन्च किया गया था। यह स्टार्टअप, एक वैकल्पिक लॉ फ़र्म के रूप में काम करता है, जो तकनीक पर केंद्रित है। स्टार्टअप के फ़ाउंडर अनिरुद्ध (35) ने हार्वर्ड लॉ और नैशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी, दिल्ली से अपनी पढ़ाई की है।


पढ़ाई पूरी करने और कुछ लॉ फ़र्म्स के साथ काम करने के बाद अनिरुद्ध ने अपने सहयोगी के साथ मिलकर 2012 में अपनी एक कंपनी की शुरुआत की थी। बाद में, तकनीकी क्षेत्र में रुझान बढ़ने के बाद उन्होंने इकिगई लॉ फ़र्म की शुरुआत की। 


अनिरुद्ध कहते हैं,

"हम मानते हैं कि आसान कॉन्ट्रैक्ट्स तैयार करना काफ़ी मुश्क़िल काम है क्योंकि छोटी-छोटी बातों और जटिलता को जगह देना भी ज़रूरी होता है, लेकिन इन्हें कम से कम शब्दों में बताया जाना चाहिए। बीटूसी मॉडल के तहत काम करने में, एक क़ानूनी दस्तावेज़ को कुछ इस ढंग से तैयार करना होता है, जैसे कि वह एक मार्केटिंग संबंधी दस्तावेज़ हो। इस वजह से ही हमने अपनी टीम में एक डिज़ाइन स्पेशलिस्ट को रखा है। इसके अलावा, हमारी टीम में एक इंजीनियर भी है।"


अनिरुद्ध की फ़र्म, कई ऐसे सेक्टरों में काम कर चुकी है, जहां पर नियामकों के संबंध में अस्थिरता बनी रहती है और साथ ही, नीति संबंधित मुद्दे काफ़ी जटिल होते हैं। उदाहरण के तौर पर, ब्लॉकचेन, टेलि-मेडिसिन, वर्चुअल रिएलिटी, सोशल मीडिया नेटवर्क्स, एयरोस्पेस और मानवरहित ऐविएशन। 





अनिरुद्ध ने एक केस का ज़िक्र करते हुए बताया,

"एक ऐग्रो कंपनी किसानों के साथ एक बड़ा समझौता करने जा रही थी। कंपनी ने इकिगई लॉ से संपर्क किया और कॉन्ट्रैक्ट को सरल रूप में तैयार करने को कहा ताकि किसान समझौते को पूरी तरह से समझ सकें और उन्हें पता हो कि वह किस चीज़ पर हस्ताक्षर करने जा रहे हैं। इसका उपाय खोजते हुए हमारी टीम ने किसानों की मातृभाषा में ऑडियो कॉन्ट्रैक्ट्स तैयार किए।"


अनिरुद्ध का कहना है कि वह ख़ुद को एक तकनीकी क्षेत्र में समय का निवेश करने वाले एक निवेशक के तौर पर देखते हैं। वह बताते हैं कि उनकी फ़र्म इंडस्ट्री के स्टेकहोल्डर्स के साथ संबंध बनाती है और नए सेक्टरों आदि के विषय में लगातार रेकॉर्ड्स तैयार करती है।  

  

अनिरुद्ध ने बताया कि वह अपने सहयोगियों के साथ मिलकर नैशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली में 'लॉ, पॉलिसी ऐंड इमरजिंग टेक्नॉलजी' नाम से एक कोर्स चलाते हैं। इसके अलावा, आईआईएम, इंदौर में भी वह 'लॉ फ़ॉर बिज़नेस' पर एक कोर्स ऑफ़र करते हैं। हाल में कंपनी, 120 क्लाइंट्स के साथ काम कर रही है।