किचन से शुरू हुए स्टार्टअप ने कारा को सिलिकॉन वैली का अरबपति बना दिया
"शायद ही कोई ऐसा स्टार्टअप हो, जो बिना मेहनत, लगन और न्यूनतम बुनियादी पूंजी के चल पड़े। सिलिकॉन वैली की अरबपति महिला कारा गोल्डिन के हिंट स्टार्टअप की दास्तान भी कुछ ऐसी ही है कि किस तरह कोका कोला पी-पीकर सेहत बिगाड़ लेने के बाद अपने किचन में खुद के ईजाद किए ड्रिंक स्टार्टअप से धनाढ्य बन गई।"
शुरुआत में कारा गोल्डिन ने अपनी सेहत और पानी के स्वाद को लेकर घर ही में स्वादिष्ट पेट बनाकर ऑफिसों में खुद पहुंचाना शुरू किया और आज वह कोका, लिम्का, पेप्सी जैसे दिग्गज घरानों को टक्कर दे रही हैं। शुरुआत में तो कारा के सामने एक वक़्त ऐसा भी आया था, जब उन्होंने बड़ी कंपनियों में जाकर अपना स्टार्टअप बेचने की भी कोशिश की लेकिन इसके लिए न तो कोई तैयार हुआ, न किसी से मदद मिली। फिर भी कारा ने हार नहीं मानी, उन्होंने उम्मीद थी कि उनके जैसे ढेर सारे ऐसे लोग होंगे, जो सादे पानी और शुगर वाले कोल्ड ड्रिंक से ऊब रहे होंगे, एक न दिन वे सभी उनके प्रोडक्ट के ग्राहक बनेंगे और हुआ भी वही।
कारा की कोशिशों से हिंट ने ऐसा बाजार पकड़ा कि अमेरिका के बड़े-बड़े उद्योगपतियों के कान खड़े हो गए। हिंट बनाने का आइडिया खुद कारा की सोच की उपज रहा है। लगभग दो दशक पहले, एक समय में वह एक-एक दिन में दस-दस कैन कोला पी जाया करती थीं। रोजाना तीन, साढ़े तीन लीटर तक कैफ़ीन मिश्रत कृत्रिम ड्रिंक पीने से उनके शरीर का वजन बढ़ने लगा। मुंह पर मुंहासे निकलने लगे। सेहत खराब होने लगी। उन्हे अपनी लगी लगाई नौकरी छोड़कर घर बैठना पड़ा। वह अपने पति की कमाई पर जीवन बसर करती हुईं घर पर अपने चारो बच्चों की देखभाल में वक़्त काटने लगीं।
उस समय उन्हे एक दिन लगा कि जिस तरह उन्हे कोल्ड ड्रिंक से इस हालत का सामना करना पड़ा है, वैसे तो तमाम लोग होंगे। अब वह साफ्ट ड्रिंक छोड़ चुकी थीं। सिर्फ सादे पानी से काम चला लेतीं, लेकिन स्वाद उन्हे उद्वेलित करता रहा। सादे पानी में कोई स्वाद नहीं होता है। फिर साफ्ट ड्रिंक छोड़ देने का फायदा मिला कि उनके शरीर का वजन काफी घट गया और चेहरे से मुंहासे भी गायब हो गए। अब तक उन्हे अपनी मूर्खता का अच्छी तरह अहसास हो चुका था। साफ्ट ड्रिंक का मामला चूंकि सेहत से जुड़ा था, इसलिए वह सोसाइटी की सेहत को लेकर उनकी चिंता का विषय बन गया।
सैन फ्रांसिस्को में रह रहीं कारा गोल्डिन ने वर्ष 2005 में एक दिन सोचा कि क्यों न वह कोई ऐसा सादा पेय तैयार कर उसे बाजार में सप्लाई करें, जिससे लोगों की सेहत सुरक्षित रह सके। वह पानी में तरह तरह के फलों का रस मिलाकर पीने लगीं। वह अपने किचन में पानी के बर्तन में फल रख दिया करतीं जिसका कुछ समय बाद स्वाद बदल जाता था। उसमें हल्की हल्की फलों की मिठास भी घुल जाती थी। उस पानी को वह चाहे जितना भी पीतीं, मन नहीं भरता था। कारा को उनकी सेहत और स्फूर्ति ने भी चौंका दिया।
उस समय कारा के पास बचत के मामूली पैसे होते थे फिर भी उन्होंने उन्ही पैसों से फलों के स्वाद मिश्रत पानी को बोतलों में भरकर बेचने लगीं। पैसे मिलने लगे। उनके पति थियो भी उनके काम में हाथ बंटाने लगें। उधर बाजार में उनके घरेलू ड्रिंक की डिमांड बढ़ती जा रही थी। वर्ष 2015 में कारा ने अपने परिचितों से जानना चाहा कि फलों के रस को लंबे समय तक सुरक्षित और स्वादिष्ट कैसे रखा जा सकता है। एक दिन गूगल कंपनी में नौकरी के लिए इंटरव्यू देते समय वहां के एक अधिकारी ने उन्हे सुझाव दिया कि वह अपना प्रोडक्टर हमारे दफ्तर के फ्रिज में रख दिया करें। वह रखने लगीं और गूगल के कर्मचारियों में उसकी डिमांड होने लगी।
गूगल से एक कर्मचारी शेरिल सैंडबर्ग ने नौकरी छोड़कर दूसरी कंपनी फेसबुक में मुख्य परिचालन अधिकारी का जॉब जॉइन कर लिया। उन्हे हिंट की लत लग चुकी थी। कारा से संपर्क के बाद फेसबुक के दफ्तर में भी हिंट की डिमांड बढ़ने लगी। इस तरह सिलिकॉन वैली में उनका प्रॉडक्ट बाजार पकड़ता चला गया। एक एक कर ऐसी कई बड़ी कंपनियों के फ्रिज हिंट से भरने लगे। आज उनके परिक्षेत्र में हिंट की सबसे ज्यादा बिक्री होती है। उनकी कंपनी में दो सौ लोग नौकरी कर रहे हैं। उनकी कंपनी के कई बड़े लोग शेयर होल्डर बन चुके हैं। उनके पति भी अब पूरा समय उनका बिजनेस संभालने में बिताते हैं।
अब बाजार में 26 तरह के फलों के स्वाद वाला हिंट सबकी जुबान लग चुका है। उनके प्रोडक्ट में बच्चों के लिए अलग रेंज है। अब तो उन्होंने नेचुनरल सनस्क्रीन भी लांच कर दिया है। साथ ही हिंट को अन्य देशों तक पहुंचाने की योजना के साथ डियोड्रेंट का प्रोडक्ट भी बाजार में उतारने के प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं। हिंट वाटर फाउंडर और सीईओ कारा गोल्डिन आज भी लोगों की सेहत को लेकर सजग रहती हैं। रोजाना सुबह के वक्त वह सुबह 5.30 बजे से ही अपने ईमेल चेक करने और दिन का शेड्यूल बनाने में समय बीताती हैं। इससे पर समय पर तय कर लेती हैं कि अगले 12 घंटे उन्हे क्या-क्या करना है।