रिचा घोष: पिता ने लोन लेकर दिया था बैट, आज WPL के लिए सबसे महंगे बिके क्रिकेटर्स में शामिल
WPL के लिए हुई नीलामी में रिचा घोष को 1.9 करोड़ रुपये की बोली लगाकर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने खरीद लिया.
पिछले कुछ दिनों से वुमन्स प्रीमियर लीग (WPL) काफी चर्चा में हैं. साथ ही चर्चे हो रहे हैं, भारतीय महिला क्रिकेटरों के. एक तो WPL में इनके लिए लगी बोली के कारण और दूसरा वर्तमान में चल रहे Women’s T20 World Cup के कारण. ऐसी ही एक क्रिकेटर हैं पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी की रिचा घोष (Richa Ghosh), जो खूब वाहवाही बटोर रही हैं. रिचा भारतीय महिला क्रिकेट टीम में विकेटकीपर बैटर हैं. उनका पूरा नाम रिचा मानबेन्द्र घोष है. 28 सितंबर 2003 को रिचा का जन्म पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में हुआ. वह अपनी पावर हिटिंग के लिए फेमस हैं. इसके अलावा राइट आर्म मीडियम बोलर भी हैं.
हाल ही में वुमन्स प्रीमियर लीग (WPL) के लिए हुई नीलामी में रिचा घोष को 1.9 करोड़ रुपये की बोली लगाकर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने खरीद लिया. RCB की टीम में उनके साथ स्मृति मंदाना भी होंगी. इसके अलावा इस वक्त दक्षिण अफ्रीका में चल रहे Women’s T20 World Cup में भी उनकी परफॉरमेंस की काफी चर्चा है. उन्होंने बांग्लादेश के साथ हुए मैच में 56 बॉल्स पर 91 रन बनाए और नॉट आउट रहीं. इसके अलावा वेस्टइंडीज के साथ हुए मैचे में उन्होंने 32 गेंदों पर नॉट आउट 44 रन बनाए.
ट्रेनिंग के लिए जाते थे 600 किमी दूर
वुमन्स प्रीमियर लीग ऑक्शन से पहले रिचा घोष का एक वीडियो डब्ल्यूपीएल के ऑफिशियल ब्रॉडकास्टर की ओर से दिखाया गया था. इस वीडियो में रिचा ने कोलकाता में अपने परिवार के लिए एक फ्लैट खरीदने के सपने को साझा किया था. इसके बाद इंडियन एक्सप्रेस के साथ हुई एक बातचीत में रिचा के पिता ने कहा कि रिचा ने बहुत ही छोटी उम्र से काफी संघर्ष किया है. उन्हें आज भी याद है कि कैसे वह रिचा की ट्रेनिंग के लिए 600 किमी की दूरी तय कर ट्रेन से सिलीगुड़ी से कोलकाता जाते थे और वहां सस्ते होटल ढूंढते थे.
उन्होंने यह भी कहा कि पैसा हमेशा से इश्यू रहा. वह कोलकाता में किसी को भी नहीं जानते थे और इसलिए वे रहने के लिए सस्ते होटल तलाशते थे. दोनों लोग रोज सुबह 7 बजे होटल छोड़ देते थे और शाम को होटल लौटते थे. पूरे दिन ग्राउंड ही उनका रहने का ठिकाना होता था.
3 वर्ष की उम्र से ही जाती थीं ग्राउंड में
रिचा की मां ज्यादातर बीमार रहती हैं और बेड पर ही रहती हैं. रिचा के पिता साल 2020 में एक पार्ट टाइम बंगाल अंपायर थे. उससे पहले वह क्लब लेवल क्रिकेट खेलते थे. रिचा के पिता उन्हें 3 वर्ष की उम्र से ही क्रिकेट ग्राउंड में ले जाया करते थे. रिचा का क्रिकेट के प्रति जुनून देखकर उनके पिता ने उन्हें सबसे पहले एक लोकल क्लब में एनरोल कराया. उस वक्त वह क्लब में इकलौती लड़की थीं लेकिन सब पर भारी थीं. इसके बाद 2012—13 में वह सीनियर बंगाल कैंप का हिस्सा बनीं. रिचा ने कोलकाता के आसपास लोकल टूर्नामेंट खेलने के दौरान ही ख्याति बटोरना शुरू कर दिया था.
बैट खरीदने के लिए लिया था लोन
रिचा के पिता ने साल 2013 में बंगाल टीम के लिए अंडर-19 ट्रायल्स से पहले उनके लिए बैट खरीदने के लिए लोन लिया था. हालांकि उस साल वह अपनी जगह नहीं बना सकीं. एक साल बाद 12 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंडर-19 डेब्यू किया. उसके बाद वह अंडर-23 में खेलीं और एक साल बाद 13 की उम्र में सीनियर बंगाल टीम के लिए खेलीं. रिचा के पिता का सपना अब रिचा के लिए कोलकाता में फ्लैट लेना है ताकि वह वहां रहकर प्रैक्टिस कर सकें. हालांकि उनका बाकी परिवार सिलीगुड़ी नहीं छोड़ेगा.
इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू
साल 2018 में वह बंगाल क्रिकेटर ऑफ द ईयर भी बनीं. इंटरनेशनल क्रिकेट की बात करें तो रिचा जनवरी 2020 में ICC Women's T20 world cup के लिए 15 लोगों के भारतीय स्क्वैड में पहली बार शामिल हुईं. इसके बाद फरवरी 2020 में उन्होंने पहली बार ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इंटरनेशनल टी20 वन डे खेला. उस वक्त वह 16 वर्ष की थीं. सितंबर 2021 में उन्होंने पहला वुमन्स वन डे इंटरनेशनल खेला, जो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ था.
पिता हैं पहले रोल मॉडल
रिचा के पिता ने साल 2016 में रिचा के क्रिकेट ड्रीम को पूरा करने के लिए अपना बिजनेस छोड़ दिया. साल 2020 में रिचा ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनके पिता हमेशा से उनके पहले रोल मॉडल रहे हैं. उन्हीं से उन्होंने क्रिकेट सीखा. उसके बाद वह सचिन तेंदुलकर को अपना आदर्श मानती हैं.
Edited by Ritika Singh