Tata Group अब Bisleri International में लेना चाहता है हिस्सेदारी! जानें क्या चल रही प्लानिंग

NourishCo के तहत टाटा कंज्यूमर का अपना बोतलबंद पानी का व्यवसाय है.

Tata Group अब Bisleri International में लेना चाहता है हिस्सेदारी! जानें क्या चल रही प्लानिंग

Monday September 12, 2022,

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रतन टाटा (Ratan Tata) का टाटा समूह (Tata Group), बिसलेरी इंटरनेशनल (Bisleri International) में हिस्सेदारी खरीदने की कोशिश में है. इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, घटनाक्रम से वाकिफ अधिकारियों का कहना है कि टाटा समूह ने भारत की सबसे बड़ी पैकेज्ड वॉटर कंपनी बिसलेरी इंटरनेशनल में हिस्सेदारी खरीद की पेशकश की है. बिसलेरी इंटरनेशनल, रमेश चौहान के स्वामित्व वाली कंपनी है.

रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि यह टाटा को एंट्री-लेवल, मिड-सेगमेंट और प्रीमियम पैकेज्ड वॉटर कैटेगरी में पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर के मामले में बड़े पैमाने पर पैर जमाने का मौका देगा. साथ ही थोक वॉटर डिलीवरी के अतिरिक्त रिटेल स्टोर्स, केमिस्ट चैनल्स; होटल, रेस्टोरेंट व एयरपोर्ट सहित इंस्टीट्यूशनल चैनल्स में रेडी गो-टू-मार्केट नेटवर्क प्रदान करेगा. इसकी वजह है कि बिसलेरी मिनरल वॉटर इनमें से प्रत्येक चैनल में अग्रणी है.

रणनीतिक अधिग्रहणों की तलाश में टाटा कंज्यूमर

टाटा समूह के टाटा कंज्यूमर बिजनेस के चीफ एग्जीक्यूटिव सुनील डिसूजा ने हाल ही में एक पोस्ट अर्निंग्स इन्वेस्टर कॉल्स में कहा था कि टाटा कंज्यूमर बिजनेस सक्रिय रूप से रणनीतिक अधिग्रहणों की तलाश में है. टाटा कंज्यूमर के तहत स्टारबक्स कैफे, टेटली टी, Eight O' Clock कॉफी, सोलफुल अनाज, नमक और दालें आते हैं. NourishCo के तहत टाटा कंज्यूमर का अपना बोतलबंद पानी का व्यवसाय है लेकिन यह एक विशिष्ट व्यवसाय है.

भारत में बिसेलरी का व्यवसाय

बिसलेरी की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, बिसलेरी के पूरे भारत में 150 से अधिक विनिर्माण संयंत्र और 5000 ट्रकों के साथ 4000 से अधिक वितरकों का एक नेटवर्क है. मिनरल वाटर के अलावा बिसलेरी इंटरनेशनल, प्रीमियम वेदिका हिमालयन स्प्रिंग वॉटर भी बेचती है. यह हैंड प्योरिफायर के एक छोटे व्यवसाय के अलावा कार्बोनेटेड पेय लिमोनाटा व स्पाइसी, और सोडा व फ्रूट ड्रिंक्स की बिक्री भी करती है. उपभोक्ताओं को सीधे उत्पाद वितरित करने के लिए इसका अपना ऐप Bisleri@Doorstep भी है.

नेस्ले और डैनोन भी कर चुकी हैं हिस्सेदारी खरीदने की कोशिश

रमेश चौहान ने एक बार कहा था कि अगर वह बिसलेरी में हिस्सेदारी बेचने का फैसला करते हैं तो यह एक भारतीय ब्रांड को ही की जाएगी, इससे पहले चौहान को बहुराष्ट्रीय कंपनियों नेस्ले और डैनोन ने 2002-03 में हिस्सेदारी अधिग्रहण के लिए लुभाने की कोशिश की थी. दोनों बहुराष्ट्रीय कंपनियां पैकेज्ड वॉटर सेगमेंट में अपनी उपस्थिति बढ़ाना चाहती थीं. लेकिन वे बातचीत कोई प्रगति नहीं कर सकीं.


Edited by Ritika Singh