किसान कम दामों में कर सकेंगे ड्रोन से खेती! DTown Robotics के ड्रोन कर रहे खेती को ऑटोमैटिक
स्टार्टअप की खासियत इस बात में है कि यह जरूरत के मुताबिक स्वदेशी ड्रोन और रोबोट का निर्माण कर सकता है. साथ ही विदेश से इंपोर्ट किए गए प्रोडक्ट्स की तुलना में बेहतर आउटपुट दे सकता है.
किचन से लेकर हमारे दफ्तरों तक, हर दिन नई नई टेक्नोलॉजीस आ रही हैं जो हमारा काम और आसान करती जा रही हैं. लेकिन खेती किसानी एक ऐसा क्षेत्र है जिसके बारे में हम ज्यादा सोचते हैं. जबकि किसानी पर ही आज भी हमारा देश टिका हुआ है. ऐसे में अगर किसी फील्ड में सबसे ज्यादा टेक्नोलॉजी की ज़रुरत है तो वो है कृषि.
लेकिन कई स्टार्टअप हैं जो खेती के फील्ड में पसरे इस टेक्नोलॉजिकल गैप को आइडेंटिफाय कर इसमें टेक्नोलॉजी लाने की ज़द्दोजहद में लगे हुए. ऐसे ही एक स्टार्टअप के बारे में मैं आपको बताने जा रही हूं.
यहां हम आपको बता रहे हैं स्टार्टअप डीटाउन रोबोटिक्स (
) के बारे में.डीटाउन रोबोटिक्स खेती के फील्ड में टेक्नोलॉजी लाने का काम कर रहा है. इनका बनाया हुआ सिस्टम खेतों की निगरानी, सुरक्षा और सटीक खेती के साथ डिफेन्स के फील्ड में काम करता है. ये ऐसी टेक्नोलॉजी डेवलप कर रहे हैं जिसके इस्तेमाल के लिए व्यक्तियों की ज़रुरत नहीं होगी. इनकी टेक्नोलॉजी हवा और ज़मीन, दोनों में काम करेगी.
इनका बनाया रोबोट धीमी गति और दोहराव वाले कार्यों को ऑटोमैटिक तरीके से करने की सुविधा देता है. जिससे किसान अपनी दक्षता और खेती में अपने रिस्क को कम करने पर ध्यान केंद्रित कर सकें. फाउंडर्स के मुताबिक, स्टार्टअप की खासियत इस बात में है कि यह जरूरत के मुताबिक स्वदेशी ड्रोन और रोबोट का निर्माण कर सकता है. साथ ही विदेश से इंपोर्ट किए गए प्रोडक्ट्स की तुलना में बेहतर आउटपुट दे सकता है.
फ़िलहाल इस स्टार्टअप के 10 ग्राहक हैं. और कंपनी ने 61 हजार डॉलर का कुल धन जुटाया है. अब कंपनी विदेशी बाजारों में विस्तार करना चाह रही है. यह FLCTD एक्सेलरेटर और वाधवानी इग्नाइट प्रोग्राम का हिस्सा रहा है और आईआईटी रुड़की में iHUB दिव्यसंपर्क द्वारा इनक्यूबेट किया गया है. स्टार्टअप को आरव अनमैन्ड सिस्टम्स, आइडियाफोर्ज, स्काईलार्क ड्रोन और स्काई एयर मोबिलिटी जैसे खिलाड़ियों से कम्पटीशन का सामना करना पड़ रहा है. यह सरकार और कॉरपोरेट्स के साथ सहयोग करके एक बड़े बाजार हिस्से को टारगेट करना चाहता है.
डीटाउन रोबोटिक्स फिलहाल कृषि और रक्षा क्षेत्र पर केंद्रित है. कंपनी नाइट और डे विज़न वाले रोबोट और ड्रोन बनाने पर काम कर रही है जो खेतों को स्कैन करने या कीटनाशकों को स्प्रे करने, बीज बोने, और सुरक्षा, सर्वेक्षण, छायांकन वगैरह का काम करेगा. कंपनी उत्तर प्रदेश के नोएडा में एक रोबोट अनुसंधान केंद्र चलाती है. यह आने वाले महीनों में कुमाऊं क्षेत्र के पास एक बड़ी फैसिलिटी खोलने के अलावा नई प्रोडक्ट लाइन लॉन्च करने की योजना बना रहा है. डीटाउन के प्रोडक्ट सीधे खरीद के लिए और सब्सक्रिप्शन आधारित मॉडल पर उपलब्ध हैं.
संस्थापक, मानस उपाध्याय और अविनाश चंद्र पाल, एक दूसरे को उनके कॉलेज के दिनों से जानते थे. वे दोनों ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी (GEU), देहरादून, उत्तराखंड से इंजीनियरिंग कर चुके हैं. उन्होंने ड्रोन और रोबोटिक्स से संबंधित कई संयुक्त प्रोजेक्ट किए थे, और फिर अपना स्टार्टअप शुरू करने का फैसला किया. मानस ने आगे BITS, पिलानी से एम्बेडेड सिस्टम और रोबोटिक्स में प्रौद्योगिकी में स्नातकोत्तर पूरा किया. बाद में वे अपने दो कोफाउंडर्स पवन दुबे से जुड़ गए, जो रिगार्ड नेटवर्क सॉल्यूशंस के मैनेजिंग डायरेक्टर भी हैं. वहीं संजय खत्री, इलेक्ट्रॉनिक आई सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं.
यह स्टार्टअप YourStory की साल 2022 की Tech30 लिस्ट का हिस्सा है.
YourStory हर साल अपने सिग्नेचर इवेंट TechSparks में आपके लिए कई हज़ारों में से चुनकर लाता है Tech30 लिस्ट में ऐसे 30 स्टार्टअप जो देश को बदल देने के साथ साथ अरबों की कंपनियां बनने की ताकत रखते हैं.
Tech30 ने बीते 11 साल में 330 से ज्यादा स्टार्टअप्स को प्रोफाइल कर उनके बारे में दुनिया को बताया है, 35,000 से ज्यादा नौकरियां देने में मदद की है, 300 करोड़ डॉलर से भी ज्यादा की फंडिंग इसकी मदद से आई है और 675 से भी ज्यादा युवा फाउंडर्स को हमने कुछ कर दिखाने की ताकत दी है. Tech30 लिस्ट का हिस्सा रहे 5 ऐसे स्टार्टअप हैं जो यूनिकॉर्न बन चुके हैं. यानी उनका वैल्यूएशन 100 करोड़ डॉलर से ज्यादा है और ये सिलसिला अभी रुका नहीं है.
Edited by Prateeksha Pandey