भारत और चीन के बीच तनाव से कुछ इस तरह व्यापार हो सकता है प्रभावित
भारत और चीन के बीच जारी सीमा-विवाद ने दोनों देशों के बीच जारी व्यापार को संकट में डाल दिया है।
भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद ने पिछले दिनों झड़प का रूप ले लिया, जिसमें दोनों ही देशों को सैनिकों की क्षति के रूप में नुकसान उठाना पड़ा है। चीन के साथ जारी इस विवाद के बाद अब भारत में चीनी उत्पादों के बहिष्कार की मांग बड़ी तेजी से बढ़ रही है।
भारत और चीन के बीच जारी तनाव दोनों देशों की आर्थिक स्थिति के लिए संकट खड़ा कर सकता है। गौरतलब है कि कई चीनी कंपनियाँ भारत के इलेक्ट्रॉनिक बाज़ार में अपनी पैठ बना चुकी हैं, जबकि चीन की ही कई बड़ी फर्मों ने भारत की कंपनियों में बड़ी पूंजी का निवेश भी किया है।
निर्माण क्षेत्र में सक्रिय देशी कंपनियाँ भी अपने उत्पादन से जुड़े कई कम्पोनेंट्स का आयात चीन से ही करती हैं, ऐसी परिस्थिति में इन कंपनियों के सामने अब एक बड़ा संकट व्यावसायिक रणनीति को लेकर आ गया है। देश में चीन से कच्चा माल बड़ी तादाद में आयात किया जाता है, जिससे बने उत्पादों को ये कंपनियाँ देश के बाज़ार में उतारती हैं।
कोरोना वायरस महामारी के बीच देश की अर्थव्यवस्था को पहले से ही बड़ा झटका लग चुका है, ऐसे में अब सभी कंपनियाँ इससे उबरने की रणनीति पर काम करने में जुटी हुई हैं, हालांकि चीन और भारत के बीच जारी विवाद उन्हे फिर से गंभीर मुश्किल की तरफ लेकर जा सकता है।
दोनों देश होंगे प्रभावित!
चीनी कंपनी हुआवे मोबाइल नेटवर्क संबन्धित उपकरण निर्माता है, जो तमाम भारतीय कंपनियों को अपने उपकरण बेंचती है, इस कंपनी पर अमेरिकी सरकार की तरफ से बैन लगाया जा चुका है, जबकि भारत में भी कथित तौर पर मोबाइल नेटवर्क कंपनियों को चीनी कंपनियों के उपकरण इस्तेमाल न करने की सलाह दी जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में टाटा मोटर्स भी अपने ब्रांड जैगुआर लैंड रोवर की सेल्स को लेकर चीन में बढ़ती हुई डिमांड देख रही है, लेकिन मौजूदा हालातों को देखते हुए उसके लिए भी यह एक बड़ी चिंता का विषय है। गौरतलब है कि टाटा मोटर्स ने कोरोना वायरस महामारी से पहले भी भारत में अपनी सेल्स में गिरावट का दौर देखा है।
भारतीय स्टार्टअप चीनी कंपनियों से निवेश जुटाने को लेकर तैयार हैं, जबकि कई चीनी कंपनियों ने देश के बड़े स्टार्टअप में पहले से ही बड़ा निवेश करके रखा हुआ है, हालांकि अब इन स्टार्टअप के लिए निवेश को लेकर मुश्किलों का दौर शुरू होता हुआ देखा जा सकता है।
किसका होगा नुकसान?
भारत ने चीन से साल 2019 में कुल 75 अरब डॉलर मूल्य का सामान आयात किया था,आ जबकि चीन ने भारत से सिर्फ 18 अरब डॉलर का सामान आयात किया था, ऐसे में अगर इन दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों में खटास पड़ती है तो सबसे अधिक नुकसान चीन को उठाना पड़ सकता है। हालांकि विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि भारत और चीन के बीच मौजूदा समय में जारी तनाव का असर दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों पर नहीं पड़ेगा।
भारत चीन से जो चीजें आयात करता है उनमें इलेक्ट्रिक उपकरण, परमाणु रिएक्टर और रसायन आधी शामिल हैं, जबकि भारत चीन को ऑर्गेनिक रसायन, खनिज ईंधन और कपास का निर्यात करता है। चीन के साथ इतने बड़े स्तर पर हो रहे आयात को देखते हुए सरकार पाबंदी का कदम उठाकर देश की कंपनियों को जोखिम में नहीं डालना चाहेगी।