इंजीनियरिंग करने के बाद कॉर्पोरेट की नौकरी छोड़ी, 26 साल की उम्र चला रही हैं दो स्टार्टअप
मात्र 26 साल की उम्र में, जयलक्ष्मी मनोहर अपने दूसरे स्टार्टअप, स्ट्रीक (Streak) के साथ सफलता के झंडे गाड़ रही हैं। उन्होंने 2015 में अपना पहला स्टार्टअप 'ट्रायलकार्ट' (TrialKart) स्थापित किया था। इस स्टार्टअप के अस्तित्व में आने के मात्र 6 महीनों के अंदर ही अगस्त 2015 में ऑनलाइन मार्केटप्लेस वूनिक (Voonik) ने इसे अधिगृहीत कर लिया था। जयलक्ष्मी ने एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में छह महीने तक काम किया और नौकरी छोड़ दी। वे कहती हैं कि वह यह काम करना नहीं चाहती थीं। जहां 20 साल की उम्र में हम में से अधिकांश हायर स्टडी, कैम्पस प्लेसमेंट, और नौकरी के सिनारियो पर विचार करते हैं वहीं इसी उम्र में जयलक्ष्मी पहले से ही सेल्फ-डिस्कवरी मोड में थीं।
वह कहती हैं, “मेरी यात्रा तब शुरू हुई जब मैं 20 साल की थी, उस समय मैं इंजीनियरिंग कर रही थी। कॉलेज में मेरे को-इनवेंटेड मोबाइल टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट को डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (डीएसटी) ने फंड किया था। तभी से मैं कुछ करना चाहती थी। लेकिन असली सीख मुझे मेरी पहली कॉर्पोरेट नौकरी छोड़ने के तीन साल बाद मिली जब मैंने अपने सह-संस्थापकों के साथ उद्यमशीलता की यात्रा शुरू की।” नए उत्पादों के निर्माण, यूआई/यूएक्स समस्याओं को हल करने, बाजार के अंतराल की पहचान करने और उपयोगकर्ता के व्यवहार का अध्ययन करने के लिए उनकी लगन ने उन्हें सह-संस्थापक हर्ष मनोहर और विपुल दिव्यांशु के साथ स्ट्रीक शुरू करने के लिए प्रेरित किया।
बेहतर वित्तीय समावेशन की ओर
वह कहती हैं, “हमने 2017 में स्ट्रीक की शुरुआत यह महसूस करते हुए की थी कि हमारा 1.2 बिलियन की आबादी वाला देश है और यहां घरेलू बचत अनुपात दुनिया में सबसे ज्यादा 30 प्रतिशत है, लेकिन शेयर बाजारों में खुदरा भागीदारी मात्र दो प्रतिशत ही है। हम खुदरा व्यापारियों और निवेशकों को सस्ती कीमतों पर एक सरल यूजर-फ्रैंडली तरीके से अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी प्रदान करके इस आला बाजार में वित्तीय समावेश लाने के लिए दृढ़ संकल्प थे। स्ट्रीक ने भारत के सबसे बड़े ब्रोकर के साथ भागीदारी की है और 130,000 से अधिक यूजर्स को जोड़ा है, जिन्होंने 10 मिलियन बैक टेस्ट चलाए हैं और अब तक 250 मिलियन डॉलर का लेन-देन किया है।
स्ट्रीक क्या करता है इस बारे में जयलक्ष्मी विस्तृत जानकारी देते हुए कहती हैं, “लगभग 90 प्रतिशत खुदरा व्यापारियों ने शेयर बाजार में पैसा खोया है, स्ट्रीक का काम व्यापारियों और निवेशकों को बाजार में निवेश करने से पहले जोखिमों की गणना करने में मदद करना है। हमारा मानना है कि हर किसी को निवेश करते समय टेक्नोलॉजी के बारे में पता होना चाहिए, पहले यह केवल संस्थागत निवेशकों, एचएनआई और हेज फंडों के लिए सुलभ था। लेकिन अब स्ट्रीक के जरिए, कोई भी बिना कोडिंग के शेयर बाजार में बैक टेस्ट और ट्रेडिंग स्ट्रेटजीज बना सकता है।”
स्ट्रीक तीन तरीकों से मदद करता है - एक सिंपल और इंट्यूटिव इंटरफेस के साथ, कोई भी कोडिंग के बिना, किसी भी सिक्योरिटी के लिए 70 से अधिक टेक्नीकल इंडीकेटर्स के साथ ट्रेडिंग स्ट्रेटजीज बना सकता है; यह हिस्टोरिकल मार्केट डेटा पर बैक टेस्ट करके आपकी स्ट्रेटजीज को वैलिडेट कर सकता है और मैक्सिमम ड्रॉडाउन, विनिंग ऑर लूजिंग जैसे परफॉर्मेंस मैट्रिक्स जनरेट कर सकता है; इसके अलावा यह बाजार में डिप्लॉय होने के बाद लाइव स्ट्रेटजीज ट्रैक कर सकता है।
सीधे शब्दों में कहें तो स्ट्रीक दुनिया के पहले कुछ ऐसे प्लेटफार्मों में से एक होने का दावा करता है जहां व्यापारी कोडिंग की आवश्यकता के बिना स्टॉक खरीदने या बेचने के लिए ट्रेडिंग सिग्नल जनरेट करने के लिए एल्गोरिदम बना सकते हैं।
पुरुष-प्रधान क्षेत्रों में काम करना
ट्रेडिंग और स्टॉक मार्केट को भारत में एक अत्यधिक पुरुष वर्चस्व वाला क्षेत्र कहा जाता है, लेकिन क्या जयलक्ष्मी को भी कभी जेंडर बायसनेस का सामना करना पड़ता है? इस पर जयलक्ष्मी कहती हैं कि उनके लिए ये मिला जुला रहा है। वह कहती हैं, "हमारा व्यवसाय कई पुरुष-प्रधान क्षेत्रों में स्थित है: शेयर बाजार, प्रौद्योगिकी, उद्यमशीलता हर जगह आपको पुरुष प्रधानता मिलेगी। मुझे मेरे सभी इंट्रैक्शन्स/मीटिंग्स में पुरुष-प्रधानता का सामना करना पड़ा है, उदाहरण के लिए, चाहें यह ग्राहक हों या शेयर बाजार के दिग्गज, निवेशक या टीम के सदस्य हों। वैसे इस पारिस्थितिकी तंत्र में मेरा कोई नकारात्मक अनुभव नहीं है। यहां हायरिंग करते समय, मुझे पता चला है कि एप्लीकेंट्स (आवेदकों) में से 99 प्रतिशत पुरुष हैं। वे अपनी खुद की कोई गलती न भी हो तो भी, वे अक्सर दूसरे छोर पर एक महिला की आवाज सुनकर हैरान हो जाते हैं। हालांकि उनमें से अधिकांश इसे पहले कुछ मिनटों में पार पा लेते हैं, कुछ नहीं हो पाते, और इससे मेरी च्वाइस आसान हो जाती है।"
हालांकि, वह खुश है कि पारंपरिक मानसिकता हर दिन बदल रही है। वह कहती हैं, “हर उद्योग में महिलाएँ खुद को चुनौती दे रही हैं और अपने अनोखे तरीके से अपनी पहचान बना रही हैं। अपने छोटे सर्कल में, मैं पहले की तुलना में लोगों की मानसिकता में अंतर देख सकती हूं जहां लोग अधिक स्वीकार कर रहे हैं और कैरियर मार्ग के रूप में उद्यमिता के लिए अधिक खुले हैं। लेकिन हां, महिलाओं को अधिक मेहनत करनी होगी और कड़ी मेहनत करके खुद को साबित करना होगा।”
एक उद्यमी के रूप में
जयलक्ष्मी ने अपनी छह साल की उद्यमी यात्रा में काफी सफलता देखी है। वह कहती हैं, “मेरा पहला स्टार्टअप अधिगृहीत किया जा चुका है, स्ट्रीक के लिए फंडिंग जुटाना, भारत में सबसे बड़े स्टॉक ब्रोकर के साथ साझेदारी करना, हमारे पहले 100,000 उपयोगकर्ताओं को प्राप्त करना, TECH30 2018 का हिस्सा बनना, ब्रेक-ईवन रिवेन्यू प्राप्त करना और फाइनली, हरस्टोरी के वूमेन ओन मिशन अवॉर्ड (Women on A Mission Award) की इमर्जिंग टेक एंटरप्रेन्योर श्रेणी में अवॉर्ड ने मेरी यात्रा को अब तक वास्तव में यादगार बना दिया है।
अपनी उद्यमी योजनाओं पर, वह कहती हैं, “स्ट्रीक की यात्रा अभी शुरू हुई है और इसकी तकनीक और प्लेटफॉर्म को इस तरह से बनाया गया है जो दुनिया भर के विभिन्न बाजारों / एक्सचेंजों में किसी भी ऐसेट्स क्लास के लिए आसानी से स्केलेबल और विस्तार योग्य है। स्ट्रीक को वैश्विक स्तर पर ले जाना और इसे सभी के लिए सुलभ बनाना प्राइमरी फोकस है।"
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