जिस राइफल ने किया डाकुओं का सफाया, अब उत्तर प्रदेश पुलिस उसे कहेगी अलविदा
आज़ादी से पहले से साथ दे रही थ्री नॉट थ्री राइफल अब उत्तर प्रदेश पुलिस को अलविदा कह देगी। आने वाले गणतन्त्र दिवस के मौके पर इस राइफल को विदाई दी जाएगी।
आज़ादी से पहले और बाद सुरक्षा का बड़ा माध्यम बनी रही और अब तक उत्तर प्रदेश पुलिस का साथ देती आई थ्री नॉट थ्री (.303) राइफल अब सूबे के पुलिस महकमे को अलविदा कह देगी।
आगामी 26 जनवरी को गणतन्त्र दिवस के मौके पर यह खास राइफल आखिरी बार पुलिसकर्मियों के हाथों में नज़र आएगी, यानी 26 जनवरी को इस राइफल को विदाई परेड दी जाएगी। इस राइफल का उपयोग पुलिस 1945 से लगातार कर रही है।
उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने इस खास राइफल को अलविदा कहने के निर्णय पर अपनी मुहर लगा दी है। इस गणतन्त्र दिवस के मौके पर अलविदा परेड के साथ ही जनपदों में एसपी और एसएसपी लोगों को इस राइफल की खूबियाँ भी बताएँगे।
इस खास राइफल ने बड़े लंबे समय तक पुलिस का साथ दिया है, गौरतलब है कि सूबे से दस्यु गिरोहों के साथ मुक़ाबले में भी पुलिस ने इन राइफलों की मदद ली थी। हालांकि राइफल का वजन और रीलोड में लगने वाला समय व कम क्षमता जैसे पहलू इस राइफल को भविष्य के हिसाब से खरा नहीं साबित कर सके।
वैसे तो इन राइफलों को साल 1995 में ही अप्रचलित घोषित कर दिया गया था, लेकिन उत्तर प्रदेश की पुलिस इसका अभी तक उपयोग कर रही थी। अब पुलिस महकमे ने बड़ी तादाद में इंसास और एके-47 का उपयोग करना शुरू कर दिया है।
इस राइफल को सेवा से अलग करने का आदेश उत्तर प्रदेश राज्य पुलिस मुख्यालय के अपर पुलिस महानिदेशक (लॉगिस्टिक) विजय कुमार मौर्य ने जारी किया है। यह राइफल अब आने वाले गणतन्त्र दिवस पर आखिरी बार पुलिसकर्मियों के कंधों पर नज़र आएगी।