इस शिक्षक ने भीख मांग रहे बच्चों को लिया गोद, अपनी जेब से उठा रहे हैं इनकी पढ़ाई का खर्च
निस्वार्थ भाव से जरूरतमंद लोगों की सेवा करना ही असल मायने में देश सेवा है। राजस्थान के अजमेर से आने वाले एक शिक्षक कुछ ऐसी ही देश सेवा कर रहे हैं जहां वे तमाम जरूरतमंद बच्चों का भविष्य उज्ज्वल बनाने का काम कर रहे हैं।
देश के सभी कोनों में यह आसानी से देखने को मिल जाता है कि किस तरह ऐसे जरूरतमंद बच्चे सड़कों पर कूड़ा बीनते या भीख मांगते हुए नज़र आ जाते हैं। अपने आरामदायक घरों में बैठे हुए अधिकतर लोग उस स्थिति की निंदा जरूरत करते हैं लेकिन उन परिस्थितियों में बदलाव लाने या उन्हें बेहतर बनाने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाते हैं।
इन सब के बीच अजमेर में गणित पढ़ाने वाले एक शिक्षक सुनील जोस इस समय बड़ा बदलाव लाने की ओर सराहनीय काम कर रहे हैं।
50 बच्चों को लिया गोद
एक निजी स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक सुनील ऐसे ही जरूरतमंद बच्चों के जीवन में जरूरी और असल बदलाव लाना चाहते थे। ऐसे बच्चों के भविष्य को बेहतर और सुरक्षित बनाने के लिए सुनील जोस ने अपने ग्रुप उड़ान सोसाइटी के साथ काम करते हुए 50 बच्चों को गोद लिया और फिर उन सभी का दाखिला सरकारी स्कूलों में भी कराया।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार जोस यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि ये सभी बच्चे अपनी शिक्षा पूरी करें और बेहतर भविष्य की ओर अपने कदम बढ़ाएँ। जोस के इस कदम के बाद अब ये बच्चे बाल श्रम और भीख मांगने जैसी बुरी स्थितियों से पूरी तरह बाहर आ चुके हैं।
खुद ही उठाया सारा खर्च
सुनील जोस ने इन सभी बच्चों का दाखिला पंचील और कायर स्थित सरकारी स्कूलों में कराया। इतना ही नहीं, ये बच्चे आसानी से स्कूल आ और जा सकें इसके लिए एक स्कूल वैन की भी व्यवस्था की है। ये वैन इन बच्चों को झुग्गी-झोपड़ियों से उठाती है और फिर उन्हें स्कूल ट्रक पहुंचाने का काम करती है। इन स्कूलों में ही बच्चों को दोपहर का खाना भी उपलब्ध कराया जाता है।
स्कूल खत्म हो जाने के बाद यह वैन इन सभी बच्चों को जोस के घर छोड़ देती है और फिर अपने घर पर ही जोस इन बच्चों को पढ़ाते हैं। जोस इसके बाद अपने ही घर पर इन बच्चों के लिए खाने का इंतजाम भी करते हैं। इन बच्चों के लिये नाश्ता, शाम का खाना, पढ़ाई के लिए जरूरी सामान और कपड़े आदि का इंतजाम जोस खुद अपनी जेब से करते हैं।
सोसाइटी से जुड़े अन्य शिक्षक
जोस की उड़ान सोसाइटी में फिलहाल चार शिक्षक अपनी सेवाएँ दे रहे हैं और ये सभी शिक्षक वंचित और जरूरतमंद छात्रों की शिक्षा और उनके कल्याण को लेकर काम करते हैं। ये सभी शिक्षक दिन में अपनी नियमित ड्यूटी करते हैं जबकि उसके बाद ये दो घंटे का समय इन बच्चों के लिए निकालते हैं।
इतना ही नहीं, इस सोसाइटी में एक बाल रोग विशेषज्ञ भी हैं जो इन बच्चों की स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के लिए हमेशा तैनात हैं।
Edited by Ranjana Tripathi