गुजरात के राजकोट में यह ट्रस्ट खिला रहा मरीजों और भूखों को भोजन
भारत में 19 करोड़ से भी अधिक लोग भुखमरी और कुपोषण की समस्या से प्रभावित हैं। ऐसा नहीं है कि भारत में पर्याप्त अन्न उपलब्ध नहीं है। बल्कि भोजन की बर्बादी इतनी ज्यादा होती है कि अन्न उत्पादन में नए कीर्तिमान रचने वाले देश में भी लोग भूखे सो जाते हैं। इसके पीछे हम सभी लोग जिम्मेदार हैं जो किसी न किसी रूप में अन्न बर्बाद करते हैं। हम एक बार भी उन लोगों के बारे में नहीं सोचते हैं जिन्हें दो वक्त की रोटी नसीब नहीं हो पाती। लेकिन गुजरात के राजकोट में एक ऐसा चैरिटेबल ट्रस्ट है जो शहर के अस्पतालों में मरीजों और जरूरतमंदों को मुफ्त में भोजन उपलब्ध करा रहा है।
इस ट्रस्ट का नाम है बोलबाला चैरिटेबल ट्रस्ट। न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए ट्रस्ट के पदाधिकारी जयेश उपाध्याय ने कहा, 'हमारा ट्रस्ट यह सुनिश्चित करना चाहता है कि कोई भी खाली पेट न सोए। हमने इससे पहले पंजाब, बिहार, कर्नाटक जैसे राज्यों में ऐसे रोटी बैंक के बारे में सुना था। इसके बाद हमने इसे गुजरात में भी शुरू करने की योजना बनाई।'
उन्होंने बताया कि ट्रस्ट हर रोज 50 किलोमीटर के दायरे में लोगों के घर जाता है और वहां से 3,000 रोटियां इकट्ठा करता है। उपाध्याय कहते हैं, 'इस तरह से हम हर रोज 3,000 से अधिक रोटियां इकट्ठा करते हैं और उसे जरूरतमंदों में बांट देते हैं। इससे सैकड़ों लोगों की भूख मिटती है।' सिर्फ गुजरात में ही नहीं बल्कि कोलकाता में भी एक एनजीओ ऐसा है जो रोज वैन के जरिए रोटी बनाता है और गरीबों को खिलाता है।
पिछले साल अक्टूबर से बोलबाला ट्रस्ट के द्वारा योजना बनाई जा रही थी और इस साल जनवरी में वैन की शुरुआत हुई। इस वैन का नाम अन्न सेवा रथ रखा गया। लोगों को भोजन उपलब्ध कराने के साथ-साथ यह ट्रस्ट कई तरह के सामाजिक कार्यों में संलग्न रहता है।
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