तीनों सेनाओं में भर्ती के लिए नई अग्निपथ स्कीम, इस साल 46000 'अग्निवीरों' की होगी नियुक्ति
सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति (CCS) की बैठक में नई योजना को मंजूरी मिल जाने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मीडिया के समक्ष इसकी घोषणा की.
भारत सरकार ने मंगलवार को सेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती के लिए एक नई ‘अग्निपथ योजना’ (Agnipath Scheme) का ऐलान किया. इसके तहत बढ़ते वेतन और पेंशन खर्च को कम करने के लिए संविदा के आधार पर शॉर्ट टर्म के लिए सैनिकों की भर्ती की जाएगी, जिन्हें ‘अग्निवीर’ (Agniveer) कहा जाएगा. सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीएस) की बैठक में नई योजना को मंजूरी मिल जाने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने मीडिया के समक्ष इसकी घोषणा की.
सिंह ने कहा, ‘‘अग्निपथ भर्ती योजना एक क्रांतिकारी पहल है, जो सशस्त्र बलों को एक युवा ‘प्रोफाइल’ पहचान करेगी.’’ सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे का कहना है, ‘‘अग्निपथ योजना का उद्देश्य सशस्त्र बलों में भर्ती में आमूल-चूल परिवर्तन लाना है.’’ परिकल्पना की गई है कि इस योजना के कार्यान्वयन से भारतीय सशस्त्र बलों की औसत आयु लगभग 4-5 वर्ष कम हो जाएगी.
शुरुआत में 4 साल के लिए होगी नियुक्ति
भर्ती प्रक्रिया में आमूल-चूल बदलाव से सैनिकों की भर्ती शुरू में चार साल की अवधि के लिए होगी, लेकिन उनमें से कुछ को बरकरार रखा जाएगा. रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘अग्निपथ योजना के तहत भारतीय युवाओं को सशस्त्र बलों में ‘अग्निवीर’ के रूप में सेवा देने का अवसर प्रदान किया जाएगा.’’ नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि यह योजना सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए व्यापक प्रतिभा संचय सुनिश्चित करेगी.
अग्निवीरों को लाभ
अग्निवीरों को तीन सेनाओं में लागू जोखिम और कठिनाई भत्ते के साथ एक आकर्षक अनुकूलित मासिक पैकेज दिया जाएगा. चार साल की कार्यावधि के पूरा होने पर, अग्निवीरों को एकमुश्त 'सेवा निधि' पैकेज का भुगतान किया जाएगा. इसमें उनका योगदान शामिल होगा, जिसमें उस पर अर्जित ब्याज और सरकार से उनके योगदान की संचित राशि के बराबर योगदान शामिल होगा, ये इस तरह है:
सेवा निधि' को आयकर से छूट दी जाएगी. ग्रेच्युटी और पेंशन संबंधी लाभों का कोई अधिकार नहीं होगा. अग्निवीरों को भारतीय सशस्त्र बलों में उनकी कार्यावधि के लिए 48 लाख रुपये का गैर-अंशदायी जीवन बीमा कवर प्रदान किया जाएगा.
पहले ‘टूर ऑफ ड्यूटी’ था नाम
‘अग्निपथ’ योजना को पहले ‘टूर ऑफ ड्यूटी’ नाम दिया गया था. स्कीम की शुरुआत तीनों सेनाओं के प्रमुखों की उपस्थिति में की गई. पिछले दो साल में इस पर व्यापक विचार-विमर्श के बाद नई योजना की घोषणा की गई है. वर्तमान में सेना 10 साल के शुरुआती कार्यकाल के लिए ‘शॉर्ट सर्विस कमीशन’ के तहत युवाओं की भर्ती करती है, जिसे 14 साल तक बढ़ाया जा सकता है. नई योजना का उद्देश्य तीनों सेवाओं के वेतन और पेंशन खर्च को कम करना है, जो तेजी से बढ़ा है. वर्ष 2022-23 के लिए 5,25,166 करोड़ रुपये के रक्षा बजट में रक्षा पेंशन के लिए 1,19,696 करोड़ रुपये शामिल हैं. राजस्व व्यय के लिए 2,33,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था. राजस्व व्यय में वेतन के भुगतान और प्रतिष्ठानों के रख-रखाव पर खर्च शामिल है.