केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने ब्रिक्स युवा शिखर सम्मेलन में कोविड-19 के दौरान भारतीय युवा स्वयं सेवकों द्वारा किए गए कार्यों को सराहा
रिजिजू ने कहा, “भारत, समय-समय पर आयोजित ब्रिक्स नेताओं के सम्मेलन के दौरान हमारे प्रधानमंत्री द्वारा ब्रिक्स की निर्धारित प्रतिबद्धता और विचारों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। मैं फिर से विश्व शांति और सद्भाव और मानव जाति की सेवा में युवाओं की भागीदारी के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराता हूं।”
केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने मंगलवार को वर्चुअल माध्यम से आयोजित छठे ब्रिक्स युवा शिखर सम्मेलन और ब्रिक्स मंत्रियों की बैठक में भाग लिया। इस अवसर पर रिजिजू ने वर्तमान समय में जारी कोरोना वायरस महामारी से लड़ने में दुनिया भर में युवाओं के योगदान के महत्व पर जोर दिया।
विश्व मंच पर भारत का उदाहरण देते हुए, रिजिजू ने कहा, “आज भी हमारी दुनिया की इस गंभीर वास्तविकता में, हमने देखा; जैसा कि दुनिया में अभी भी बाकी है, हमारे युवा, युवक और युवतियां अपने देश के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सफल रहे। सुरक्षा और सबसे महत्वपूर्ण बात, सभी बाधाओं के बावजूद हमारे युवा प्रगति और आशा के पथ पर आगे बढे हैं। अकेले भारत में, दस लाख से अधिक स्वयंसेवकों ने कोविड-19 के खतरे से निपटने के लिए सीधी कार्रवाई की है, और उसके बाद भी महामारी से निपटने में मदद की है।”
नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस), राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस), भारत स्काउट और गाइड के युवा स्वयंसेवक पूरे भारत में कोविड के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे रहे हैं। इन युवाओं ने नागरिक प्रशासन के साथ काम करते हुए, बुजुर्गों और गरीबों की कोविड का सामना करने में मदद करते रहे हैं। महामारी और कोविड रोगियों को रक्त और प्लाज्मा दान करने में इन युवाओं ने मुख्य भूमिका निभाई है। भारतीय स्वयंसेवकों की पहल की सभी ने काफी सराहना की।
रिजीजू ने शांति और विकास में 'स्वेच्छाचारिता’ को आगे बढ़ाने और साझा करने के लिए सभी ब्रिक्स देशों की ताकत और समर्थन को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया।
इसके बारे में रिजिजू ने कहा, “वास्तव में हम ब्रिक्स राष्ट्रों के रूप में नए सिरे से प्रतिबद्धता के साथ मजबूती से खड़े हैं। स्वास्थ्य संबंधी शिक्षा, संस्कृति, कला और व्यापार से भी परे, वैश्विक चुनौतियों और वैश्विक जरूरतों को पूरा करने के लिए, आम चुनौतियों के साथ हमारी ऊर्जा का कायाकल्प हुआ है। उन्होंने स्वयंसेवकों के विकास के लिए एक मजबूत बुनियादी ढांचा बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।"
उन्होंने कहा, "ब्रिक्स राष्ट्रों के रूप में हमारे प्रयास महत्वपूर्ण साबित होंगे और हम इस महामारी से ज़रूर जीतेंगे।"
अपना संबोधन समाप्त करते हुए रिजिजू ने कहा, “भारत, समय-समय पर आयोजित ब्रिक्स नेताओं के सम्मेलन के दौरान हमारे प्रधानमंत्री द्वारा ब्रिक्स की निर्धारित प्रतिबद्धता और विचारों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। मैं फिर से विश्व शांति और सद्भाव और मानव जाति की सेवा में युवाओं की भागीदारी के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराता हूं।”
(साभार: PIB_Delhi)