केरल के वृद्धाश्रम में होने जा रही 'अनोखी' शादी, 66 साल का दूल्हा और 65 साल की है दुल्हन
कहते हैं प्यार करने की कोई उम्र नहीं होती, इसी संदेश के साथ केरल का एक वृद्धाश्रम अपने अकेलेपन में डूबे इन वृद्ध लोगों की शादियाँ करवा रहा है। इस नेक पहल से इन वृद्ध के जीवन में एक बार फिर से खुशियों का संचार हो रहा है।
प्यार किसी बंधन में नहीं रहता। चाहे जाति हो, धर्म हो या फिर उम्र का तकाजा। आज जो लव स्टोरी हम आपको बताने जा रहे हैं, उसे पढ़कर आप भी यही मानने को राजी हो जाएंगे। 30 दिसंबर को केरल के रामावरमापुरम वृद्धाश्रम में रहने वालीं लक्ष्मी अम्मल और कोचानियन शादी के बंधन में बंधने वाले हैं।
त्रिशूर की रहने वालीं 65 साल की लक्ष्मी अम्मल और इरिनजलाक्कुड़ा निवासी 66 साल के कोचानियन ने शादी करने का फैसला किया है। यह शादी राज्य के किसी वृद्धाश्रम में होने वाली पहली शादी होगी। इनकी लव स्टोरी भी काफी दिलचस्प है।
कुछ यूं हुई शुरुआत
कोचानियन, लक्ष्मी के पति के लिए असिस्टेंट के तौर पर काम करते थे। 21 साल पहले लक्ष्मी के पति की मौत हो गई थी। अपनी मौत से पहले लक्ष्मी के पति ने कोचानियन से अपनी पत्नी का ख्याल रखने के लिए कहा। इस काम को कोचानियन ने बखूबी निभाया।
20 सालों तक एक-दूसरे के साथ रहते-रहते दोनों को प्यार हो गया। कोचानियन का काम सड़कों पर घूमने का था तो एक दिन जब वह घूम रहे थे तो दौरा पड़ने से अचानक बेहोश हो गए। वहां से एक एनजीओ ने उन्हें वायनाड के एक वृद्धाश्रम में भर्ती कराया। वहां से 2 महीने पहले ही उन्हें रामावरमापुरम के एक वृद्धाश्रम में शिफ्ट किया गया, जहां अम्मल 11 महीने से रह रही थीं। वृद्धाश्रम की देखरेख करने वाले वी. जी. जयकुमार को वृद्धाश्रम के बाकी लोगों से अम्मल और कोचानियन की लव स्टोरी के बारे में पता चला, फिर उन्होंने दोनों की शादी की इच्छा को पूरा करने की पहल शुरू की।
20 सालों तक एक-दूसरे को जानने वाले लक्ष्मी और कोचानियन के प्यार को वृद्ध आश्रम में आकर सफलता मिली। जब कोचानियन से शादी के बारे में पूछा गया तो वह कहते हैं,
"हर कोई हमारी इच्छा पूरा करने के लिए हमारे साथ जुड़ रहा है, इसकी हमें काफी खुशी है।"
जयकुमार ने दोनों की लव स्टोरी यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) काउंसलर जॉन डेनियल के साथ साझा की। जयकुमार को पहले डर था कि कहीं वृद्धाश्रम में शादी कराना लीगल है या नहीं? बाद में जयकुमार ने राज्य के सभी वृद्धाश्रम सुप्रीटेंडेंट (अधीक्षक) के साथ मीटिंग की। मीटिंग के बाद वृद्धाश्रमों में ऐसी शादियों को बढ़ावा देने का फैसला किया गया।
जयकुमार ने न्यू इंडियन एक्सप्रेस को बताया,
'वृद्धाश्रम में कई बुजुर्गों के घरवाले कभी कभार मिलने आ जाते हैं, लेकिन कई ऐसे होते हैं जिनका इस दुनिया में कोई नहीं होता है, उनके साथी सिर्फ वृद्धाश्रम के लोग ही होते हैं। ऐसे कामों (शादियों) से उन्हें बाकी जिंदगी खुशी से जीने में मदद मिलेगी।'