Universal Health Coverage Day: जानिए क्यों शुरू हुआ यूनिवर्सल स्वास्थ्य दिवस, कितना बड़ा है हेल्थ सेक्टर
इतिहास में आज का दिन यूनिवर्सल स्वास्थ्य दिवस के नाम से मनाया जाता है. इसकी शुरुआत पूरी दुनिया के लोगों को स्वस्थ बनाने के मकसद से की गई थी.
हर साल 12 दिसंबर को दुनिया भर में विश्व स्तरीय स्वास्थ्य प्रणालियों के बारे में जागरूकता लाने के उद्देश्य से यूनिवर्सल स्वास्थ्य दिवस (Universal Health Coverage Day) मनाया जाता है. इस दिन को यह सुनिश्चित करने के लिए मनाया जाता है कि दुनिया में सबको समान और एफोर्डेबल स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें. इसका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना कि लोग स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ बिना किसी आर्थिक परेशानियों के उठा सकें. हालांकि, जब भी हम स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली के विभिन्न वर्गों के बारे में बात करते हैं, तो उसमें कई असमानताएं पाते हैं, जो दुनिया के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए खतरा हैं. इसका ताजा उदाहरण हमने कोविड महामारी के दौरान देखा, जिसमें स्वास्थ्य स्तर पर गिरावट के साथ ही आर्थिक व्यवस्थाओं में भी गिरावट देखने को मिली.
कब हुई थी यूनिवर्सल स्वास्थ्य दिवस की शुरुआत?
यूनाइटेड नेशन जनरल एसेम्बली ने 12 दिसंबर 2012 को सभी राष्ट्रों से आग्रह किया कि सब साथ मिलकर पूरे विश्व में यह सुनिश्चित करें कि कोई भी स्वास्थ सेवाओं से अछूता न रहे. इसलिए यूनिवर्सल स्वास्थ्य दिवस की स्थापना की गई. 80 से अधिक देशों के 400 से अधिक संगठन इस संकल्प में शामिल हुए. भारत में, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने UHC (Universal Health Coverage) दिवस मनाने के लिए पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया, रॉकफेलर फाउंडेशन और ऑक्सफैम इंडिया के साथ सहयोग किया. इस कार्यक्रम में विभिन्न स्वास्थ्य, विकास, अनुसंधान और मीडिया संगठनों के 65 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया.
स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में प्रगति की समीक्षा करने और खामियों की पहचान करने में यह दिन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इससे वित्तीय कठिनाई को निष्क्रिय किए बिना एक सुलभ स्वास्थ्य प्रणाली के साथ जरूरतमंदों की मदद करना सुनिश्चित किया जा सके. जिससे दुनिया स्वास्थ के स्तर में प्रगति हासिल कर सके.
आपको बता दें कि गुणवत्तापूर्ण, सस्ती प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा जन-जन तक पहुँचाना UHC का मकसद है. लेकिन दुनिया भर में कई लोग अभी भी अपनी प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल की जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. मानसिक स्वास्थ्य भी UHC का एक अहम पहलू है, जिसे अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है.
UHC राष्ट्रों को उनके सबसे मूल्यवान संसाधन 'मानव पूंजी' को सक्षम बनाता है. स्वास्थ्य का समर्थन मानव पूंजी और आर्थिक विकास में एक मौलिक निवेश है, क्योंकि लोग बीमार होने पर काम नहीं कर सकते हैं या स्कूल नहीं जा सकते हैं. इसके अलावा, यह वैश्विक अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा क्षेत्र है, जो महिलाओं को 50 मिलियन से अधिक नौकरियां प्रदान करता है.
आपको बता दें कि पिछले सालों में, UHC आंदोलन ने सितंबर 2019 में आयोजित यूएचसी पर पहली संयुक्त राष्ट्र उच्च-स्तरीय बैठक के साथ वैश्विक कर्षण प्राप्त किया है. सदस्य राज्यों के द्वारा सर्वसम्मति से एक राजनीतिक घोषणा को अपनाया गया था, जो उनकी उच्च-स्तरीय राजनीतिक प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है. इसके अलावा, जनवरी 2020 में, बैंकॉक में दूसरा UHC फोरम आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर UHC पर राजनीतिक गति को बढ़ाना था.
भारत में हेल्थकेयर
भारत का स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र 2020 में लगभग 280 बिलियन डॉलर का था और 2022 तक इसका 372 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया है. जनवरी 2022 की एक रिपोर्ट के मुताबिक ग्लोबल हेल्थ सिक्योरीटी(GHS) इंडेक्स में भारत 195 देशों की लिस्ट में 66वें स्थान पर था. हालांकि, अगर देखा जाए तो भारत का हेल्थकेयर सिस्टम शहरी क्षेत्रों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा क्षतिग्रस्त है, क्योंकि भारत के 74% डॉक्टर्स केवल शहरी क्षेत्रों में ही काम कर रहे हैं. UHC का उद्देश्य यही सुनिश्चित करना है कि सभी नागरिकों को समान अधिकार के साथ समान स्वास्थ सेवाएं प्रदान की जा सकें.
भारत में Universal Health Coverage
भारत की राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA), विश्व स्वास्थ्य संगठन, विश्व बैंक और वैश्विक विकास केंद्र सहित अन्य सहयोगियों के सहयोग से, 2022 में नई दिल्ली में यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज (UHC) के तहत विकसित स्वास्थ्य लाभ को सब तक पहुंचने के लिए एक साथ आए. UHC का उद्देश्य वित्तीय संघर्षों को कम करने के लिए लाभार्थियों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं तक कैशलेस पहुंच प्रदान करना है.
UHC के उद्देश्य को साकार करने के लिए AB-PMJAY की स्थापना की गई थी. इसे सतत विकास लक्ष्यों का पालन करने और 'किसी को पीछे न छोड़ने' की प्रतिज्ञा के लिए बनाया गया है. कार्यक्रम आवश्यकतानुसार व्यापक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए लगातार काम कर रहा है. WHO अधिकारियों के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण में सहायता के लिए NHA के साथ सावधानीपूर्वक काम कर रहा है और संसाधन व्यक्तियों की तैनाती के माध्यम से इन चिकित्सा कोडिंग प्रणालियों के IT एकीकरण पर तकनीकी सहायता प्रदान करता है.
एक लोकप्रिय कहावत है-'When wealth is lost, something is lost, But when health is lost, everything is lost'. यानी जब पैसा खो जाए तो कुछ खो जाता है, लेकिन जब स्वास्थ्य खो जाए तो समझिए सब कुछ खो जाता है. मतलब आपका स्वास्थ्य पैसों को बहुत ज्यादा अहम है और इसका ध्यान रखना जरूरी है.
चूंकि सभी देश स्वास्थ्य को एक मौलिक मानवाधिकार मानते हैं, ऐसे में यह उस समाज की बुनियाद का मजबूत प्रतिबिंब है, जिसे हम बनाना चाहते हैं. प्राथमिक चिकित्सा, जो असरकारक और किफायती भी है, स्वस्थ समाज का निर्माण कर रही है. इससे करोड़ों लोगों की जान बचाई जा सकती है और औसतन आयु भी बढ़ाई जा सकती है. हमारा यह भी मानना है कि स्वस्थ समाज और स्वस्थ देश बनाने के लिए हमें स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ज्ञान शिक्षा में सम्मिलित करना चाहिए, जिससे बीमारियों को रोका जाए.
(लेखक Zyropathy के फाउंडर हैं. आलेख में व्यक्त विचार लेखक के हैं. YourStory का उनसे सहमत होना अनिवार्य नहीं है.)
Edited by Anuj Maurya