इस बैंक में FD पर मिल रहा 9% तक का ब्याज, सीमित अवधि के लिए है मौका
ये दरें 6 दिसंबर 2022 से प्रभावी हैं और केवल 15 दिन यानी 20 दिसंबर 2022 तक लागू रहेंगी.
फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) पर अच्छे ब्याज की तलाश कर रहे हैं तो आपके लिए एक अच्छी खबर है. सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस (Suryoday Small Finance Bank) बैंक में 2 करोड़ रुपये से कम की FD पर 9 प्रतिशत तक के सालाना ब्याज की पेशकश की जा रही है. यह रेट इस वक्त सबसे ज्यादा है. हालांकि सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक की इस पेशकश का लाभ उठाने के लिए आपको जल्दी करनी होगी क्योंकि यह एक लिमिटेड पीरियड ऑफर है.
बैंक की आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक में 2 करोड़ रुपये से कम की 5 साल की अवधि वाली एफडी पर आम नागरिकों के लिए 9.01 प्रतिशत सालाना के ब्याज की पेशकश की जा रही है. एनुअलाइज्ड यील्ड 9.32 प्रतिशत होगी. वहीं सीनियर सिटीजन के लिए 5 साल की एफडी पर ब्याज 9.26 प्रतिशत सालाना है और एनुअलाइज्ड यील्ड 9.59 प्रतिशत होगी. ये दरें 6 दिसंबर 2022 से प्रभावी हैं और केवल 15 दिन यानी 20 दिसंबर 2022 तक लागू रहेंगी.
बाकी के मैच्योरिटी पीरियड्स के लिए कितनी ब्याज दर
एनुअलाइज्ड यील्ड की गणना 12 महीने की अवधि के लिए तिमाही चक्रवृद्धि के आधार पर की जाती है. सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक में 2 करोड़ रुपये से कम की एफडी के मामले में बाकी के मैच्योरिटी पीरियड्स के लिए ब्याज दरें इस तरह हैं...
इसके बाद कौन सा बैंक
सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक के बाद FD पर सबसे ज्यादा ब्याज, यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक (Unity Small Finance Bank) दे रहा है. इस स्मॉल फाइनेंस बैंक में 2 करोड़ रुपये से कम की रिटेल एफडी के मामले में आम नागरिकों को 4.50 से लेकर 8.50 प्रतिशत सालाना तक का ब्याज मिल रहा है. सबसे ज्यादा ब्याज 181 दिन और 501 दिन के मैच्योरिटी पीरियड पर है. वहीं सीनियर सिटीजन के लिए एफडी रेट 4.50 से लेकर 9 प्रतिशत सालाना तक है. यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक में रिटेल एफडी के अन्य मैच्योरिटी पीरियड्स के लिए ब्याज दरें इस तरह हैं...
रिजर्व बैंक ने रेपो रेट बढ़ाई
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मुख्य रूप से महंगाई को काबू में लाने के मकसद से बुधवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो को 0.35 प्रतिशत और बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया. इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को 7 प्रतिशत से घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है. रेपो दर वह ब्याज दर है, जिसपर वाणिज्यिक बैंक अपनी फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं. इसमें वृद्धि का मतलब है कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों से लिया जाने वाला कर्ज महंगा होगा और मौजूदा ऋण की मासिक किस्त (ईएमआई) बढ़ेगी.