कोरोना महामारी में चाहिए तुरंत वेरिफाइड लीड्स? यह प्लेटफॉर्म कर सकता है मदद
वॉलंटियर्स की एक टीम लगातार सभी जानकारियों को सत्यापित या वेरिफाइड करने में लगी है। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जरूरतमंद लोग धोखाधड़ी के शिकार न हो सके और उन्हें बेड, ऑक्सीजन, प्लाज्मा और डॉक्टर से जुड़ी नवीनतम जानकारियां मिलती हैं।
देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर पहले की तुलना में कहीं अधिक विनाशकारी साबित हुई है। हर दिन, समाचारों से हमें पता चलता है कि लोग आईसीयू में बेड मिलने का इंतजार कर रहे हैं। साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर प्लाज्मा, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स और यहां तक कि फूड डिलीवरी सेवाओं के लिए मदद मांगने वालों की भरमार है।
लखनऊ की रहने वाली महिला उद्यमी सृष्टि साहू के परिवार के 18 सदस्य कोरोना से संक्रमित हुए थे। इसमें खुद भी सृष्टि भी शामिल थीं। इसी दौरान सृष्टि ने पहली बार यह पाया कि मदद के लिए एक भरोसेमंद स्रोत पाना कितना कठिन काम है।
उन्होंने बताया, “मेरे माता-पिता सहित परिवार के पांच सदस्यों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। दुख की बात है कि मेरे पिताजी के बड़े भाई का करीब पंद्रह दिन पहले निधन हो गया। हमें लखनऊ में कोई बेड नहीं मिला, इसलिए हमें उन्हें रात में ही दिल्ली लाना पड़ा और वहां अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।”
अस्पताल में रहने के दौरान उन्होंने और भी लोगों की परेशानी देखी कि वह किस पीड़ा से गुजर रहे थे। सृष्टि ने बताया, “मैं देख रही थी कि लोग बस प्लाज्मा डोनर के आने का इंतजार कर रहे थे, जो कभी नहीं आते थे। मेरे सामने कई परिवार टूट रहे थे और मैं बहुत असहाय महसूस कर रही थी।”
उसी समय उन्होंने Verified Covid Leads (VCL) नाम की एक वेबसाइट बनाने का फैसला किया। यह एक प्लेटफॉर्म है, जो लोगों को विभिन्न स्रोतों से सत्यापित डेटा को एक जगह इकठ्ठा करता है, ताकि लोग इन्हें आसानी से हासिल कर सकें।
सृष्टि ने बताया, “मैं एक रात घर आई और इस प्लेटफॉर्म को बनाने लगी। इसे बहुत सरल टूल्स के साथ बनाया गया और शुरुआत में इस साइट्स पर मैंने वो मदद के स्रोत डाले, जिसे पिछले कुछ दिनों में मैंने खुद इकठ्ठा किया था। मैं सबकुछ बस एक स्प्रेडशीट पर डालने लगी और एक या दो घंटे में वेबसाइट को लाइव कर दिया।”
उन्होंने बताया, "जब मैंने साइट बनाई, तो मुझे लगा कि अगर हम 100 लोगों की भी मदद कर पाते हैं, तो यह एक अच्छी बात होगी।" वेबसाइट के लॉन्च होने के बाद 4,50,000 से अधिक यूजर्स दर्ज हुए है। साथ ही मुंबई, दिल्ली, पुणे, पटना, अहमदाबाद, सूरत, जयपुर, चेन्नई, बड़ौदा, बैंगलोर, कोयंबटूर, देहरादून, हैदराबाद, कानपुर, लखनऊ, मुंबई, नागपुर और हैदराबाद जैसे शहरों में नेटवर्क के साथ इस पर 35 लाख से अधिक व्यूज आए हैं।
सोशल मीडिया पर कपिल मिश्रा, तापसी पन्नू, और राजदीप सरदेसाई जैसी प्रसिद्ध हस्तियों ने भी इस प्लेटफॉर्म की सराहना की है।
सृष्टि को इस सराहनीय प्रयास में उनके दोस्त सिद्धान्त नाहटा का साथ मिला। सिद्धान्त ने भी परिवार में सृष्टि की तरह ही कोविड-19 संकट का सामना किया था। सिद्धान्त ने वीसीएल में शामिल होने का फैसला तब किया, जब उन्हें अपने करीबी दोस्तों और रिश्तेदारों से दवाओं, प्लाज्मा और बेड को लेकर अर्जेंट कॉल आने लगे।
उन्होंने महाराष्ट्र में वीसीएल के विस्तार में मदद की। उन्हें वकील ईश मैनी और नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी से ग्रैजुएट की पढ़ाई करने वाले योगेश अरोड़ा का भी समर्थन मिला, जो कोर टीम का भी हिस्सा हैं और स्वयंसेवक प्रबंधन और देश भर के कई शहरों में कवरेज का विस्तार करने में मदद करते हैं।
सृष्टि बताती हैं, “हमारे पास 200 से अधिक (40 स्वयंसेवकों और साझेदार संगठनों) की एक टीम है, जो हमें इस डेटा को प्राप्त करने में मदद कर रही है। प्लेटफॉर्म पर ऑक्सीजन, प्लाज्मा, आईसीयू बेड, फैबीफ्लू जैसी दवा, नर्सिंग/डॉक्टरी परामर्श और भोजन वितरण सेवाओं के संसाधन उपलब्ध हैं। हम इन जानकारियों को रियल-टाइम में सत्यापित करते हैं, और वेबसाइट पर मौजूद डेटा को हर तीन घंटे में अपडेट किया जाता है। हम हर शहर के लिए लीड को अपडेट करते रहते हैं।"
वह बताती हैं कि टीम भागीदार संगठनों से और ट्विटर, टेलीग्राम, डिस्कॉर्ड और अन्य प्लेटफार्मों के माध्यम से लीड जुटाती है।
सृष्टि कहती हैं, “हालांकि, बहुत सारे संसाधन डेटा को सत्यापित किए बिना केवल ऑटोमेटिक तरीके से उसे अपडेट करते हैं। हालांकि हम बाकियों से इस मायने में अलग हैं कि हमारा डेटा दिन में तीन बार अपडेट किया जाता है। लीड हासिल करने में समय लगता है और हमारे स्वयंसेवक उसी दिन उन्हें सत्यापित करने के लिए सैकड़ों कॉल करते हैं। आप साइट पर एक टाइम स्टैम्प देख सकते हैं जो बताता है कि लीड को अंतिम बार कब सत्यापित किया गया था। इस समय हम किसी भी कीमत पर किसी झूठी उम्मीद नहीं देना चाहते हैं।”
लोग इस साइट पर लीड खोजने के अलावा, खुद सत्यापित लीड सबमिट भी कर सकते हैं। सृष्टि बताती हैं कि उन्हें इस तरह 500 से अधिक लीड मिली हैं, लेकिन उन्हें टीम द्वारा सत्यापित करने के बाद ही अपलोड किया जाता है।
इससे पहले इस हफ्ते में, वीसीएल ने मुंबई के आसपास के बाहरी इलाकों और झुग्गी बस्तियों में भी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स की सप्लाई करने के एक पहल के साथ भागीदारी की।
सृष्टि कहती हैं कि सबसे बड़ी चुनौती संसाधनों की कमी की है। दूसरी चुनौती उन लोगों की बड़ी तादाद है, जो मदद के लिए परेशान लोगों को ठगने के लिए तैयार बैठे हैं।
वह कहती हैं, “हम इन मुद्दों को सुलझाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए हम सत्यापन और कंज्यूमर जागरुकता के लिए काफी प्रयास कर रहे हैं। इसमें वेंडर्स को पहले भुगतान करने से बचना और कोई भी अग्रिम भुगतान करने से पहले आधार कार्ड और दूसरी जानकारी हासिल करना आदि शामिल है। हम फर्जी सूचनाओं की समस्या को हल करने कोशिश कर रहे हैं और समाज में हम जो बदलाव देखना चाहते हैं, उसे आगे बढ़ा रहे हैं।”