वीकली रीकैप: पढ़ें इस हफ्ते की टॉप स्टोरीज़!
वीकली रीकैप में हम आपके सामने संक्षेप में पेश कर रहे हैं इस हफ्ते की टॉप स्टोरीज़-
अक्रिति आज जहां अपनी माँ के साथ मिलकर स्तन कैंसर से जूझ रही महिलाओं के लिए जरूरी संसाधन और कृत्रिम अंग उपलब्ध कराने की ओर अपने कदम बढ़ा रही हैं, वहीं मुंबई की श्रिया आज अपने स्टार्टअप के जरिये 50 हज़ार से अधिक किसानों को सीधे जोड़ कर उन्हे लाभ की ओर ले जा रही हैं।
कुछ ऐसी ही तमाम रोचक और प्रेरणादायक स्टोरीज़ हमने इस हफ्ते प्रकाशित की हैं, जिन्हे आप यहाँ संक्षेप में पढ़ सकते हैं, साथ ही उनके साथ दिये गए लिंक पर क्लिक कर आप उन्हे विस्तार से भी पढ़ सकते हैं।
मिलें स्वास्तिका मुखर्जी से
चाहे वह 'दिल बेचारा' में संजना सांघी के साथ रिक्शे पर बैठी हों या 'पाताल लोक' में न्यूज एंकर नीरज काबी की पत्नी डॉली मेहरा के रूप में हमारे सामने हों, आज स्वास्तिका मुखर्जी अपने अभिनय की छाप छोड़ते हुए हमारे दिलों पर राज कर रही है। यूं कहें कि साल 2020 स्वास्तिका के लिए कई मायनों में खास रहा है।
अनुष्का शर्मा के प्रोडक्शन हाउस क्लीन स्लेट फिल्म्स द्वारा निर्मित क्राइम थ्रिलर वेब सीरीज पाताल लोक में भी नीरज काबी, गुल पनाग, जयदीप अहलावत, अभिषेक बनर्जी ने अभिनय किया। स्वास्तिका ने चिंता (anxiety) से पीड़ित पत्नी की भूमिका को बड़ी विश्वसनीयता और संवेदनशीलता के साथ निभाया, जबकि दिल बेचारा एक आने वाली रोमांस फिल्म थी जो जॉन ग्रीन की किताब द फॉल्ट इन अवर स्टार्स पर आधारित थी।
योरस्टोरी के साथ बातचीत में स्वास्तिका ने फिल्म और वेब सीरीज़ में उनकी भूमिका, फिल्म इंडस्ट्री में उनकी यात्रा और कैसे वह एक अभिनेत्री के रूप में दशकों से विकसित हुई है, इन सब के बारे में विस्तार से बात की है, जिसे आप इधर पढ़ सकते हैं।
स्तन कैंसर रोगियों की मदद
17 साल की उम्र में अक्रिति गुप्ता ने कैंसर रोगियों और उससे निजात पाने वाले लोगों के जीवन को करीब से देखा, जब 2015 में उनके पिता को एक दुर्लभ प्रकार के रक्त कैंसर का पता चला था। नियमित अस्पताल जाने के दौरान अक्रिति और उनकी मां कविता गुप्ता ने कई स्तन कैंसर के रोगियों के बारे में जानकारी प्राप्त की और बाजार में एक गुणवत्ता वाले सस्ती स्तन कृत्रिम अंग खोजने में उनकी कठिनाइयों के बारे में बात की। इस दौरान जो विकल्प उपलब्ध थे वे या तो बहुत महंगे थे या सस्ता विकल्प फोम-आधारित और खराब क्वालिटी का था, जिससे उन मरीजों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा था।
इसने उन्हें उद्यमशीलता का मार्ग अपनाने के लिए प्रेरित किया और तब उन्होने सामाजिक लाभ के लिए Canfem को लॉन्च किया। हरियाणा स्थित यह स्टार्टअप भारत में स्तन कैंसर के रोगियों और सर्वाइवर्स के लिए सस्ती और गुणवत्तापूर्ण कृत्रिम अंग और मास्टेक्टॉमी ब्रा प्रदान करता है। इस स्टार्टअप के बारे में आप इधर पढ़ सकते हैं।
किसानों के लिए इकोसिस्टम
श्रिया नाहटा पहली बार उद्यमिता के सफर पर हैं और वह जैविक खाद्य उत्पादन और किसानों और ग्राहकों के लिए एक सहयोगी वातावरण के लिए एक इकोसिस्टम बनाने के मिशन पर आगे बढ़ रही हैं। उनका स्टार्टअप ज़ामा ऑर्गेनिक्स इस विज़न को बनाने की दिशा में उनका पहला कदम है।
श्रिया ने 2017 के अंत में ज़ामा ऑर्गेनिक्स लॉन्च किया था और मुंबई में ताजा जैविक उत्पाद और मसाले देने वितरित करने शुरू किए। भारत भर में 50,000 से अधिक किसानों के नेटवर्क के साथ मुंबई स्थित यह स्टार्टअप देश भर से उत्पादन प्रदान करता है। इस खास स्टार्टअप के बारे में आप इधर पढ़ सकते हैं।
'लो-कैलोरी आइसक्रीम'
भारतीय दुनिया भर में मिठाई पसंद करने के लिए जाने जाते हैं। इस देश के हर क्षेत्र के खास मीठे पकवान हैं। वास्तव में, लोगों की इच्छा को पूरा करने और उन्हे मिठाई को लेकर संतुष्ट करने के लिए कई आइसक्रीम ब्रांड (अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू दोनों) ने अपनी पेशकश शुरू की हैं।
रिसर्च प्लेटफॉर्म मार्केट्स रिसर्च के अनुसार, भारतीय आइसक्रीम बाजार 2021 में 3.4 बिलियन डॉलर राजस्व तक पहुंचने का अनुमान है। जबकि आइसक्रीम के लिए लोगों प्यार कभी दूर नहीं होगा, ऐसे में स्वास्थ्य के प्रति जागरूक कई ब्रांड एक ऐसे क्षेत्र में बढ़ रहे हैं जो एक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हावी हैं। ऐसा ही एक ब्रांड है नॉटो आइसक्रीम, जिसे मई 2019 में एक लो-कैलोरी आइसक्रीम ब्रांड के रूप में शुरू किया गया था। इस स्टार्टअप ने आइसक्रीम की 1.5 लाख से अधिक यूनिट बेची हैं और सालाना लगभग 50,000 ग्राहकों को सेवा देने का दावा किया है। इसके बारे में आप इधर विस्तार से पढ़ सकते हैं।
ई-रिक्शा समुदाय का उत्थान
आज जब यह भविष्यवाणी करना कठिन हो सकता है कि भविष्य क्या है, लेकिन एक बात निश्चित है कि यह इलेक्ट्रिक की तरफ बढ़ेगा। कई देश अब ऑल-इलेक्ट्रिक ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर की ओर बढ़ रहे हैं, जिसमें भारत के पास इलेक्ट्रिक वाहन (EV) पॉलिसी भी है। ईवीएस लोकप्रियता प्राप्त करने के साथ बुनियादी ढांचे को बेहतर करना उद्योग का सबसे महत्वपूर्ण पहलू बन गया है।
ई-रिक्शा समुदाय से जुड़ी 2.4 मिलियन आजीविका को प्रभावित करने के लिए 2019 से स्थापित दिल्ली स्थित इलेक्ट्रिक मोबिलिटी स्टार्टअप ई-चार्जअप का उद्देश्य पूरे देश में गुणवत्तापूर्ण चार्जिंग बुनियादी ढांचा प्रदान करना है और बैटरी स्वैपिंग स्टेशनों का एक नेटवर्क बनाना है। यह स्टार्टअप ईरिक्शा चालकों की दैनिक कमाई को कई गुना तक बढ़ाने में उनकी मदद कर रहा है। इस स्टार्टअप के बारे में आप इधर विस्तार से पढ़ सकते हैं।