वीकली रिकैप: पढ़ें इस हफ्ते की टॉप स्टोरीज़!
यहाँ आप इस हफ्ते प्रकाशित हुई कुछ बेहतरीन स्टोरीज़ को संक्षेप में पढ़ सकते हैं।
इस हफ्ते हमने कई प्रेरक और रोचक कहानियाँ प्रकाशित की हैं, उनमें से कुछ को हम यहाँ आपके सामने संक्षेप में प्रस्तुत कर रहे हैं, जिनके साथ दिये गए लिंक पर क्लिक कर आप उन्हें विस्तार से भी पढ़ सकते हैं।
23 साल के इंजीनियर ने बनाया विंड टरबाइन
आंध्र प्रदेश के 23 वर्षीय इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के छात्र मधु वज्रकरूर ने एक ऐसा विंड (पवन) टरबाइन बनाया है जो बिजली और स्वच्छ पेयजल पैदा कर सकता है। मधु को बचपन से ही इस तरह के नये प्रयोग करने का शौक था। वे त्यौहारों पर मां से मिले पैसों को जमा करते थे इसलिए नहीं कि अपने लिए कुछ खरीद सकें, बल्कि इसलिए क्योंकि वे अपने गांव को बिजली और स्वच्छपेय जल की समस्या से छुटकारा दिलवाना चाहते थे और यही वजह थी कि उन्होंने बेहद कम लागत में एक बेहतरीन विंड टरबाइन का निर्माण किया।
यह विंड टरबाइन 30 किलोवाट क्षमता वाले एक इनवर्टर से जुड़ा है, जो मधु के घर में बिजली, लाइट और प्लग-पॉइंट के लिए काम करता है। यह प्लास्टिक पाइप, लोहे की छड़, और कुछ अन्य तत्वों की बनी है, जिन्हें मधु ने ऑनलाइन खरीदा था।
उन्होंने अक्टूबर 2020 के पहले सप्ताह में टरबाइन बनाना शुरू किया और इसे 15 दिनों के भीतर ही बनाकर तैयार कर लिया। पंखे बनाने के लिए मधु ने वेल्डर की मदद ली, और उनके दोस्तों ने उन्हें संरचना को तैनात करने में मदद की। इस पर उन्हें कुल 1 लाख रुपये का खर्च आया। इसमें लगने वाला पैसा मधु ने अपनी बचत से निकाला और जो कम पड़ा उसमें उन्होंने अपने मां-पिता की मदद ली।
मधु का विंड टरबाइन आज की तारीफ में प्रतिदिन के हिसाब से 80 से 100 लीटर पानी मुहैया कराती है। मधु का यह प्रयास बिजली के बिल में भी कटौती करता है। उनकी इस कोशिश से उनके पड़ोसी भी लाभान्वित हो रहे हैं और जल्दी ही यह सुविधा मधु अपने गांव के हर घर तक पहुंचाना चाहते हैं। मधु अपने इस प्रयास को स्टार्टअप या बिज़नेस का भी रूप दे सकते हैं, यदि उनके पास अच्छी फंडिंग का स्त्रोत हो तो।
महाराष्ट्र के रणजीत सिंह डिसले ने जीता 'ग्लोबल टीचर प्राइज 2020'
भारत को गौरवान्वित करने वाले क्षण में, महाराष्ट्र के सोलापुर के रहने वाले शिक्षक रणजीत सिंह डिसले को यूनेस्को की साझेदारी में ग्लोबल टीचर प्राइज 2020 का विजेता चुना गया है।
वर्की फाउंडेशन (Varkey Foundation) द्वारा दिया जाने वाला $ 1 मिलियन (करीब 7.38 करोड़ रुपये) का पुरस्कार, अपनी तरह का सबसे बड़ा है। 2014 में भारतीय शिक्षा परोपकारी सनी वर्की द्वारा स्थापित ग्लोबल टीचर प्राइज, हर साल एक असाधारण शिक्षक को मान्यता देता है, जिसने पेशे में उत्कृष्ट योगदान दिया है और साथ ही समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले शिक्षकों पर भी रोशनी डाली है।
अपना विजयी भाषण देते हुए, रणजीत सिंह ने घोषणा की कि वह दुनिया भर के नौ फाइनलिस्टों के साथ आधी पुरस्कार राशि साझा करेंगे, जहां प्रत्येक को लगभग $ 55,000 प्राप्त होंगे, पुरस्कार विजेताओं के साथ फाइनल पैसा साझा करके एक और इतिहास बनाएंगे।
उन्होंने कहा, “शिक्षक वास्तविक परिवर्तन करने वाले होते हैं जो अपने छात्रों के जीवन को चाक और चुनौतियों के साथ बदल रहे हैं। वे हमेशा देने और साझा करने में विश्वास करते हैं।”
नेत्रहीन जूडो चैंपियन सरिता चौरे देख रही है ओलंपिक पदक जीतने का सपना
मध्यप्रदेश के होशंगाबाद की रहने वाली सरिता चौरे Sightsavers India की मदद से जुडोका के रूप में प्रशिक्षण ले रही हैं, और 2019 राष्ट्रमंडल जूडो चैम्पियनशिप सहित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पदक जीत चुकी हैं।
सरिता YourStory से बात करते हुए बताया, "शुरुआत में प्रशिक्षण कठिन था लेकिन हमारे कोच ने हमारा मार्गदर्शन किया। 2017 से 2018 तक, मैं राज्य और राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के शिविरों में से एक के दौरान चुने जाने के लिए नियमित रूप से घर पर अभ्यास करती थी।"
उन्होंने 44 किलोग्राम जूनियर वर्ग में 2018 में छठे राष्ट्रीय ब्लाइंड और पैरा जूडो चैंपियनशिप में अपना पहला कांस्य पदक जीता। इसने उन्हें उसी साल गोरखपुर में ट्रायल में भाग लेने के लिए प्रेरित किया, जहाँ उन्हें देश के लिए खेलने के लिए चुना गया।
2019 में, उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया और ब्रिटेन के बर्मिंघम में दृष्टिहीनों के लिए राष्ट्रमंडल जूडो चैम्पियनशिप में कांस्य जीता।
सरिता के पास दृष्टिबाधित और पैरा एथलीटों के लिए केवल एक सलाह है, "मैं अपने साथी एथलीटों से कहना चाहती हूं कि उन्हें अपने लक्ष्य का पीछा करते रहना चाहिए और दृढ़ रहना चाहिए क्योंकि एक दिन, उन्हें अपने सपनों का एहसास होगा।"
बिटकॉइन में निवेश करने के लिये स्टेप-बाय-स्टेप गाइड
बिटकॉइन सबसे पहले और डिसेंट्रलाइज्ड क्रिप्टोकरेंसी है जो किसी भी सरकारी या वित्तीय संस्थान द्वारा नियंत्रित या स्वामित्व में नहीं है। यह एक डिजिटल भुगतान प्रणाली है जो सामान्य मुद्रा के समान है लेकिन किसी भी भौतिक रूप से रहित है और एक सहकर्मी से सहकर्मी वास्तुकला पर मान्य है।
शुरुआत में, बिटकॉइन को डिजाइन करने के पीछे की मंशा इंटरनेट के लिए एक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा के साथ सरकार द्वारा जारी मुद्राओं को पूरक करना था। इसे 2008 में दिवालिया होने के लिए दायर अमेरिकी निवेश बैंक लेहमैन ब्रदर्स होल्डिंग्स इंक के रूप में प्रस्तुत किया गया था। इस घटना से बैंकिंग प्रणाली के साथ एक बड़ा सार्वजनिक मोहभंग हो गया था और यथास्थिति को चुनौती देने की जरूरत पैदा हुई थी, जहां कुछ संस्थाओं के हाथ अधिकांश शक्ति को रखा गया था।
पिछले एक दशक में, बिटकॉइन में निवेश करने और खरीदने के कई तरीके सामने आए हैं, जिनमें बिटकॉइन ट्रस्ट और ईटीएफ के विकल्प शामिल हैं जिनमें बिटकॉइन से संबंधित कंपनियां शामिल हैं।
बिटकॉइन में निवेश करने के लिये स्टेप-बाय-स्टेप गाइडेंस पढ़ने के लिये दिये नीचे दिये गये Also Read लिंक पर क्लिक करें।
ब्लू-कॉलर श्रमिकों के लिए जॉब सर्च करने वाला Apna ऐप
ब्लू-कॉलर श्रमिकों के लिए एक जॉब सर्च ऐप Apna ने Google Play के 'पर्सनल ग्रोथ के लिए साल 2020 का बेस्ट ऐप' होने का खिताब जीता। Flipkart, Swiggy, Bigbasket और Dunzo सहित भारत के टॉप स्टार्टअप, इसका उपयोग एंट्री-लेवल वर्कर्स को काम पर रखने के लिए करते हैं।
ऐप को ApnaTime Tech द्वारा बनाया गया है, जो कि बेंगलुरु का एक स्टार्टअप है, जो बॉलीवुड ब्लॉकबस्टर Gully Boy के #ApnaTimeAayega आदर्श वाक्य से प्रेरित है।
Apna को Lightspeed India, Sequoia Capital, Greenoaks Capital, और Rocketship VC से सपोर्ट मिला है। सितंबर में एक सीरीज़ ए राउंड में इसने 8 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई है।
Apna एंट्री लेवल के पेशेवरों को बढ़ई, इलेक्ट्रीशियन, वेल्डर, प्लंबर, पैकर्स, बिक्री एजेंट, वितरण अधिकारी, डेटा एंट्री ऑपरेटर, सुरक्षा गार्ड, वार्ड बॉय, चपरासी, क्लर्क, रसोइया, नर्स, आदि को भविष्य के एम्पलॉयर्स से जोड़ता है।
Apna ने मुंबई, दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु, पुणे, अहमदाबाद, जयपुर और रांची में 10,000 सक्रिय जॉब सूचियों को सूचीबद्ध किया है। यह 2021 में और अधिक शहरों में लाइव होने की योजना है।