कैंसर अस्पताल बनवाने के लिए बेंगलुरु के इस दंपती ने दान किए 200 करोड़ रुपये
अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा इस दंपती ने दान किया कैंसर हॉस्पिटल के नाम...
ऐसा कई बार देखा गया है, कि सफलता हासिल करने वाले लोग जब शिखर पर पहुंचते हैं तो वो उस समाज को भूल जाते हैं जहां से वे आते हैं। कई बार तो वे उन लोगों को भी भूल जाते हैं जिन्होंने उन्हें सफलता के शिखर तक पहुंचाने में अच्छी-खासी भूमिका निभाई होती है। लेकिन कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो न केवल अपनी जड़ों से जुड़े रहते हैं बल्कि जरूरतमंदों की मदद के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। बेंगलुरु के बिजनेसमैन कपल विजय टाटा और अमृता टाटा उन्हीं कुछ अच्छे लोगों में से एक हैं।
शहर के बड़े कारोबारियों में से एक विजय टाटा ने एनजीओ 'न्यू इंडिया' को 200 करोड़ रुपये दान कर दिये हैं। इन पैसों को कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट बनवाने में खर्च किया जाएगा और यहां गरीबों और जरूरतमंदों को फ्री में इलाज उपलब्ध करवाया जाएगा।
अक्सर सफलता हासिल करने वाले लोग जब शिखर पर पहुंचते हैं तो वो उस समाज को भूल जाते हैं जहां से वे आते हैं। कई बार तो वे उन लोगों को भी भूल जाते हैं जिन्होंने उन्हें सफलता के शिखर तक पहुंचाने में अच्छी-खासी भूमिका निभाई होती है। लेकिन कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो न केवल अपनी जड़ों से जुड़े रहते हैं बल्कि जरूरतमंदों की मदद के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। बेंगलुरु के बिजनेसमैन कपल विजय टाटा और अमृता टाटा उन्हीं कुछ अच्छे लोगों में से एक हैं। इस दंपती ने अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा अस्पताल बनवाने के लिए एक एनजीओ को दान कर दिया है।
शहर के बड़े कारोबारियों में से एक विजय ने एनजीओ 'न्यू इंडिया' को 200 करोड़ रुपये दान कर दिये हैं। इन पैसों को कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट बनवाने में खर्च किया जाएगा और यहां गरीबों और जरूरतमंदों को फ्री में इलाज उपलब्ध करवाया जाएगा। न्यू इंडिया एनजीओ की स्थापना इस उद्देश्य से की गई थी कि देश के पिछडे़ और गरीब लोगों को अच्छी सुविधा उपलब्ध करवाई जाए और उनकी हरसंभव मदद की जा सके। यह एनजीओ किसी अन्य स्रोत से दान नहीं लेता है।
न्यू इंडिया ने तीन तरह की पहलें शुरू की हैं। पहली पहल का नाम 'स्टॉप रेप' है। जिसका उद्देश्य देश में महिलाओं के लिए एक सुरक्षित स्पेस बनाना और रेप पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाना है। इसके साथ ही लोगों में महिलाओं से बर्ताव को लेकर जागरूकता भी फैलाई जा रही है। दूसरी पहल का नाम है, 'फ्यूचर किड्स', जिसकी शुरुआत 2011 में की गई थी। इसके तहत 40 बेसहारा बच्चों को गोद लेकर उनके रहने, खाने और उनकी शिक्षा का प्रबंध किया जा रहा है। तीसरी पहल कैंसर हॉस्पिटल स्थापित करने की है।
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पहले विजय ने सोचा था कि देश के सभी कैंसर पीड़ितों के लिए 5-5 लाख रुपये की व्यवस्था कर दी जाए। लेकिन फिर उन्हें लगा कि यह नाकाफी होगा। फिर उनके मन में कैंसर अस्पताल बनवाने का ख्याल आया। अब उन्होंने इसके लिए 50 एकड़ जमीन भी ले ली है, जिसकी लागत करीब 100 करोड़ रुपये आई। बाकी के 100 करोड़ रुपये अस्पताल के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च होगा। न्यू इंडिया एनजीओ पूरी तरह से विजय द्वारा सेल्फ फंडेड है। यह सुविधा से वंचित बच्चों, महिलाओं और बीमार लोगों के लिए काम कर रहा है।
विजय ने निम्न मध्यमवर्गीय परिवार और मध्यमवर्गीय परिवार के लोगों के लिए भी प्रबंध कर रहे हैं ताकि उन्हें भी फ्री में अस्पताल में इलाज मुहैया कराया जा सके। उन्होंने अपनी पत्नी अमृता के साथ अपनी बेटी के जन्मदिन को यादगार बनाने का फैसला किया। उन्होंने जिस अस्पताल की परिकल्पना की है उसमें 150 बेड होंगे। यह इसी साल 2018 के दिंसबर महीने में बनकर तैयार हो जाएगा। इसे यूके की एक आर्किटेक्चर फर्म द्वारा डेवलप किया जा रहा है।
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इसे बॉलिवुज के मशहूर ऐक्टर इमरान हाशमी द्वारा सपोर्ट मिल रहा है। उन्होंने इस परियोजना का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा, 'कैंसर पीड़ित के परिवार के लोग जिस दर्द और जिस मन:स्थिति से गुजरते हैं उससे मैं अच्छी तरह से वाकिफ हूं। इससे गरीब कैंसर मरीजों को काफी मदद मिलेगी। यह काफी सराहनीय काम है।' उन्होंने कहा कि वे विजय और अमृता को दिल से धन्यवाद करते हैं और इस पहल से अभिभूत हैं। विजय और अमृता रियल एस्टेट के बिजनेस में हैं और वे 'सिनर्जीयोन हाउसिंग प्रावेट लिमिटेड' कंपनी के मालिक हैं।
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