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किराए के मकान दिलाने वाले 'नोब्रोकर डॉट कॉम' को 850 करोड़ की फंडिंग

किराए के मकान दिलाने वाले 'नोब्रोकर डॉट कॉम' को 850 करोड़ की फंडिंग

Monday December 09, 2019 , 3 min Read

दिल्ली-एनसीआर समेत देश के लगभग आधा दर्जन महानगरों में लोगों को बिना किसी बिचौलिए और किसी तरह के कमीशन के बिना किराए के मकान उपलब्ध करा रहे तीन दोस्तों सौरभ गर्ग, अमित अग्रवाल और निखिल के स्टार्टअप nobroker.in को अब तक साढ़े आठ सौ करोड़ रुपए से अधिक का विदेशी निवेश मिल चुका है।  

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NoBroker.com की फाउंडिंग टीम

पढ़ाई के लिए किराए के मकान तलाशने के दौरान खुद की परेशानियां मेरठ के सौरभ गर्ग और हापुड़ के अमित अग्रवाल के लिए ऐसी स्टार्टअप आइडिया बन गई कि उन्होंने अन्य छात्रों को बिचौलियों के खेल से बचाने के लिए nobroker.in स्टार्टअप शुरू कर दिया, जिसमें अब तक साढ़े आठ सौ करोड़ रुपए तक का विदेशी निवेश हो चुका है।


सौरभ और अमित बताते हैं कि किराए के कमरे की तलाश में उनको भी अन्य छात्रों और नौकरीपेशा युवाओं की तरह कभी बिचौलियों के काफी चक्कर लगाने पड़ते थे। हर साल एक बड़ी राशि कमीशन में चली जाती थी। उसके बाद उन्होंने सोचा कि क्यों न वे इस काम को संगठित बिजनेस की तरह शुरू कर दें ताकि लोगों किराए के मकान के लिए किसी बिचौलियों के चक्कर न काटने पड़ें। उनका स्टार्टअप जरूरतमंद किराएदारों को रेंट एग्रीमेंट, सेल डीड, रजिस्ट्री, लोन दिलाने आदि में भी मदद करता है। 





सौरभ और अमित का स्टार्टअप nobroker.in बिना कमीशन लिए जरूरतमंदों को किराए के कमरे, मकान, दुकान, ऑफिस उपलब्ध कराता है। वह कहते हैं कि खासकर देश के महानगरों में रेंट और प्रॉपर्टी एजेंट्स गली-गली में कमीशन कमाने के लिए अपनी दुकान खोले बैठे हैं। कमीशन भी इतना अधिक होता है कि देने वाला दिल मसोस कर रह जाता है।


इसके अलावा लोगों को  रेंट एग्रीमेंट, सेल डीड, रजिस्ट्री आदि के लिए भी तरह तरह की परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। यह काम असंगठित मनमाना तरीके से चल रहा है। यहां तक कि अब कुछ लोगों ने अखबारों में इसको एक सुनियोजित पेशा बना लिया है। बेंगलुरु से शुरू हुआ nobroker.in इस समय मुंबई, पुणे, चेन्नई, गुड़गांव, हैदराबाद, दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद आदि शहरों में अपनी सेवाएं दे रहा है।

 




सौरभ ने मेरठ के अलावा आईआईटी मुंबई से पढ़ाई की है और अमित की शिक्षा-दीक्षा हापुड़ के अलावा आईआईटी कानपुर से हुई है। उनकी टीम में तीसरे दोस्त हैं आईआईएम अहमदाबाद में मैनेजमेंट की पढ़ाई कर चुके निखिल। पढ़ाई के दौरान ये तीनो ही अलग-अलग शहरों में किराए के कमरे तलाशते समय एक ही तरह की मुश्किलें झेल चुके हैं।


बिजनेस आइडिया साझा करने के बाद तीनो दोस्तों ने मिलकर पहली बार वर्ष 2014 में बेंगलुरु से अपना nobroker.in स्टार्टअप शुरू किया। बाद में इसका दिल्ली-एनसीआर समेत देश के अन्य महानगरों में विस्तार होता चला गया। अमित बताते हैं कि उनके एपबेस्ड nobroker.in प्लेटफार्म पर या तो किराया पर कमरा देने वाले मकान मालिक हैं या कमरे की तलाश करने वाले लोग। दोनों से कोई कमीशन नहीं लिया जाता है। यही वजह है कि आज उनके स्टार्टअप पोर्टल पर यूजर्स की संख्या बहुत ज्यादा है।