12 की उम्र में सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बन गए अभिमन्यु, महज ढाई साल की उम्र में कर दी थी शतरंज खेलने की शुरुआत
अभिमन्यु मिश्रा ने भारत के ही आर प्रज्ञानन्द का रिकॉर्ड भी तोड़ते हुए महज 10 साल की उम्र में ही दुनिया के सबसे कम उम्र के इंटरनेशनल मास्टर होने का खिताब भी हासिल किया था।
"अभिमन्यु मिश्रा ने भारत के ही आर प्रज्ञानन्द का रिकॉर्ड भी तोड़ते हुए महज 10 साल की उम्र में ही दुनिया के सबसे कम उम्र के इंटरनेशनल मास्टर होने का खिताब भी हासिल किया था। प्रज्ञानन्द ने जब यह रिकॉर्ड अपने नाम किया था तब उनकी उम्र 10 साल, 10 महीने और 19 दिन थी, जबकि जब अभिमन्यु ने उनका यह रिकॉर्ड तोड़ा तब अभिमन्यु की उम्र 10 साल, 9 महीने और 20 दिन थी।"
जिस उम्र में बच्चे कार्टून देखकर समय बिताना पसंद करते हैं या किसी प्लास्टिक या लकड़ी के बने किसी खिलौने के साथ खेलना एंजॉय कर रहे होते हैं, अभिमन्यु मिश्रा ने उसी उम्र में इतिहास रचते हुए एक बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। एक ऐसा रिकॉर्ड को शायद सालों तक अब अभिमन्यु के ही नाम रहने वाला है।
अभिमन्यु महज 12 साल की उम्र में शतरंज के ग्रैंडमास्टर बन गए हैं और ये कारनामा अभिमन्यु ने सबसे कम उम्र में कर दिखाया है। आपको यह बात जानकार हैरानी होगी कि जब अभिमन्यु ने शतरंज खेलना शुरू किया था तब वे महज ढाई साल के थे।
रच दिया इतिहास
अभिमन्यु ने अब इसी के साथ जीएम सर्गेई कार्जकिन का साल 2002 में बनाया रिकॉर्ड तोड़ दिया है, जिन्होने यह कारनामा 12 साल 7 महीने की उम्र में कर दिखाया था। मालूम हो कि अभिमन्यु ने जिस दिन ये रिकॉर्ड अपने नाम किया उस दिन इनकी उम्र 12 साल, 4 महीने और 25 दिन थी।
इसके पहले अभिमन्यु मिश्रा ने भारत के ही आर प्रज्ञानन्द का रिकॉर्ड भी तोड़ते हुए महज 10 साल की उम्र में ही दुनिया के सबसे कम उम्र के इंटरनेशनल मास्टर होने का खिताब भी हासिल किया था। प्रज्ञानन्द ने जब यह रिकॉर्ड अपने नाम किया था तब उनकी उम्र 10 साल, 10 महीने और 19 दिन थी, जबकि जब अभिमन्यु ने उनका यह रिकॉर्ड तोड़ा तब अभिमन्यु की उम्र 10 साल, 9 महीने और 20 दिन थी।
पिता ने कराया शतरंज से परिचय
भारतीय मूल के अभिमन्यु मिश्रा अपने परिवार के साथ अमेरिका के न्यू जर्सी में रहते हैं। अभिमन्यु के ग्रैंडमास्टर बनने के पीछे उनके परिवार का बड़ा हाथ है। अभिमन्यु ने पिता ने मीडिया से बात करते हुए बताया है कि जब अभिमन्यु छोटे थे तब उन्हें आईपैड और गैजेट्स की लत लगवाने की जगह उनका परिचय शतरंज से करवाया गया था।
अभिमन्यु के पिता हेमंत मिश्रा और माँ सुमन शर्मा का जन्म भारत में ही हुआ था, हालांकि अब दोनों ही न्यू जर्सी में एक डाटा मैनेजमेंट कंपनी में काम कर रहे हैं। हेमंत ने ही अभिमन्यु का परिचय शतरंज से कराया था। हेमंत खुद भी कॉलेज के दौरान शतरंज खेला करते थे।
7 साल की उम्र में बने विशेषज्ञ
शतरंज की चालों को और ढंग से समझने के लिए अभिमन्यु ने न्यू जर्सी में ही एक रूसी कोच से ट्रेनिंग भी ली थी, इसके बाद वे ‘किंग्स एंड क्वींस एकेडमी’ के साथ जुड़कर आगे बढ़ने लगे। उस समय अभिमन्यु की उम्र महज 7 साल, 6 महीने और 22 दिन थी जब यूएस चेस फेडेरेशन ने उन्हें शतरंज का सबसे छोटा विशेषज्ञ घोषित किया था।
न्यू जर्सी ओपेन में हिस्सा लेते हुए अभिमन्यु ने अपने लिए रेटिंग जुटानी शुरू कर दी थी और फिर अभिमन्यु ने अपनी उम्र से बड़ी उम्र के खिलाड़ियों के खिलाफ शतरंज खेलना शुरू कर दिया था। इसी दौरान अभिमन्यु ने चेसकिड नेशनल इन्वीटेशनल प्रतियोगिता जीती थी।
साल 2016 में न्यूयॉर्कर मैगजीन ने अभिमन्यु की उपलब्धियों पर एक लेख भी छापा था और आज अपनी उपलब्धि के बल पर अभिमन्यु दुनिया भर के अखबारों की सुर्खी बन गए हैं।
Edited by Ranjana Tripathi