आलोक सिंह होंगे Air India के किफायती सेवा कारोबार के चीफ, जानें अभी क्या जिम्मेदारी संभाल रहे
सिंह 1 जनवरी, 2023 से एयर इंडिया एलसीसी एयरलाइन के एकमात्र सीईओ होंगे.
एयर इंडिया एक्सप्रेस (Air India Express) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आलोक सिंह (Aloke Singh) नए साल यानी 1 जनवरी 2023 से Air India की किफायती लागत वाली एयरलाइन के कारोबार प्रमुख होंगे. एयर इंडिया के किफायती (बजट) सेवा कारोबार में एयर एशिया इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस आती हैं. एयर इंडिया के सीईओ और प्रबंध निदेशक कैंपबेल विल्सन ने आंतरिक संचार में कहा है कि विलय पूरा होने तक दोनों एयरलाइंस में नियामकीय जरूरत के हिसाब से पदधारक रहेंगे. पर अभी सिर्फ एक सीईओ होगा, जिससे प्रकिया में जरूरी स्पष्टता और जवाबदेही आएगी.
सिंह 1 जनवरी, 2023 से एयर इंडिया एलसीसी एयरलाइन के एकमात्र सीईओ होंगे. आंतरिक संचार के अनुसार, एयरएशिया इंडिया के वर्तमान सीईओ सुनील भास्करन एक नई पहल- विमानन प्रशिक्षण अकादमी का नेतृत्व संभालेंगे.
एयरएशिया इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस का विलय
घाटे में चल रही एयर इंडिया का अधिग्रहण करने के बाद टाटा समूह अपने एयरलाइन कारोबार को मजबूत करने पर काम कर रहा है. 2 नवंबर को, एयर इंडिया ने कहा कि बजट कैरियर एयरएशिया इंडिया को एयर इंडिया एक्सप्रेस के साथ एकीकृत करने के लिए एक परिचालन समीक्षा प्रक्रिया चल रही है और विलय 2023 के अंत तक पूरा होने की संभावना है. विलय का उद्देश्य एयर इंडिया समूह के लिए एक कम लागत वाली एयरलाइंस बनाना है. विलय के बाद अस्तित्व में आने वाली कंपनी को एयर इंडिया एक्सप्रेस के रूप में ब्रांड किया जाएगा.
एयरएशिया इंडिया को 2014 में लॉन्च किया गया था, जबकि एयर इंडिया एक्सप्रेस ने 2005 में परिचालन शुरू किया था. वर्तमान में 4 एयरलाइंस टाटा समूह का हिस्सा हैं- एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस, एयरएशिया इंडिया और विस्तारा. विस्तारा, सिंगापुर एयरलाइंस के साथ एक संयुक्त उद्यम है.
एयर इंडिया के साथ विस्तारा का विलय
29 नवंबर को टाटा समूह ने एक सौदे के तहत एयर इंडिया के साथ विस्तारा के विलय की घोषणा की, जिसमें सिंगापुर एयरलाइंस भी एयर इंडिया में 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करेगी. यह सौदा एयर इंडिया को देश की सबसे बड़ी इंटरनेशनल कैरियर बनाने के साथ—साथ दूसरी सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन बना देगा. सौदे को अभी नियामकीय मंजूरियां मिलना बाकी हैं और इसके मार्च 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है.
पायलट यूनियन ने प्रबंधन से विभिन्न मुद्दों पर जवाब मांगा
हाल ही में एयर इंडिया के पायलटों की एक यूनियन ने रोस्टर प्रणाली के कथित उल्लंघन और करियर प्रगति नीति सहित विभिन्न मुद्दों पर एयरलाइन प्रबंधन से जवाब मांगा है. इंडियन कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन (आईसीपीए) ने 21 दिसंबर 2022 को लिखे पत्र में कहा, ‘‘हम समझते हैं कि एयर इंडिया का प्रबंधन पायलटों की सेवा शर्तों में कुछ बदलाव पर विचार कर रहा है.’’ पत्र में कहा गया है कि ये बदलाव कर्मचारियों के मार्ग नियमों, रोस्टर प्रथाओं और करियर में प्रगति नीति से संबंधित हैं. पत्र में कहा गया कि अगर तीन दिनों में कोई प्रतिक्रिया नहीं आती है, तो आईसीपीए मान्य कानून के तहत इस दिशा में उचित कदम उठाने को बाध्य होगी.
आईसीपीए एयर इंडिया के छोटे आकार के विमानों के पायलटों का प्रतिनिधित्व करती है. करीब 900 पायलट इसके सदस्य हैं. यह इस महीने में एयर इंडिया की पायलट यूनियनों द्वारा प्रबंधन को लिखा गया चौथा पत्र है. इस महीने अब तक आईसीपीए और इंडियन पायलट्स गिल्ड (आईपीजी) ने कम से कम तीन बार प्रबंधन को पत्र लिखकर विभिन्न मुद्दों पर अपनी चिंता जताई है.
Edited by Ritika Singh