अंकिती बोस ने छोड़ा Zilingo का बोर्ड, इस वजह से दिया इस्तीफा
इस माह की शुरुआत में Zilingo के को-फाउंडर्स ने कंपनी को खरीदने की पेशकश की थी.
फैशन ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म
की पूर्व सीईओ और को-फाउंडर अंकिती बोस (Ankiti Bose) ने कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है. एक बयान में उन्होंने कहा कि वह बोर्ड के सदस्य और शेयरधारक के तौर पर जानकारी की अस्पष्टता के कारण इस्तीफा दे रही हैं. अंकिती का कहना है कि पिछले कुछ महीनों में मेरे कई अनुरोधों के बावजूद Zilingo बोर्ड, कंपनी या मेरे कथित कदाचार के मामले में किसी भी जांच से संबंधित मुझे कोई भी रिपोर्ट (क्रोल या डेलॉइट द्वारा जारी) दिखाने में विफल रहा है. साथ ही यह भी बताने में विफल रहा है कि सीईओ के रूप में मेरी पोजीशन को समाप्त करने के लिए इनका उपयोग क्यों या कैसे किया गया था.आगे कहा कि यह इस तथ्य के बावजूद था कि वह Zilingo की होल्डिंग कंपनी और सहायक कंपनियों के बोर्ड में निदेशक थीं, और एक बड़ी शेयरधारक हैं. कंपनी से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां भी उनसे छिपाई गईं. उन्होंने कहा कि कर्मचारी और ग्राहक भी अधर में हैं. वास्तविक जीवन और नौकरियां दांव पर लगी हैं. वह कंपनी में नौकरियों को बचाने वाली किसी भी योजना का समर्थन करेंगी.
अप्रैल में अंकिती बोस को किया गया था सस्पेंड
मार्च 2022 में वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों ने Zilingo में जांच को प्रेरित किया. नई फंडिंग जुटाने की कोशिशों के दौरान एक ड्यू डिलीजेंस प्रॉसेस के बीच इन विसंगतियों का पता चला. ड्यू डिलीजेंस प्रॉसेस के हिस्से के रूप में जब निवेशकों ने इसके फाइनेंसेज पर सवाल उठाना शुरू किया, उस वक्त कंपनी गोल्डमैन सैक्स ग्रुप इंक की मदद से 15 करोड़ डॉलर से लेकर 20 करोड़ डॉलर जुटाने की कोशिश कर रही थी. अगर जिलिंगो यह फाइनेंस जुटा लेती तो उसकी वैल्युएशन 1 अरब डॉलर के पार जा सकती थी लेकिन डील अटक गई. साल 2019 में Zilingo की वैल्युएशन 97 करोड़ डॉलर पर पहुंच गई थी. कंपनी की अकाउंटिंग में कथित तौर पर विसंगतियां मिलने के बाद अप्रैल 2022 में अंकिती बोस को सीईओ पद से बर्खास्त कर दिया गया था. पहले अंकिती बोस को 5 मई तक सस्पेंड किया गया था लेकिन बाद में उन्हें टर्मिनेट कर दिया गया.
Zilingo को खरीदने की पेशकश
इस माह की शुरुआत में Zilingo के को-फाउंडर्स ने कंपनी को खरीदने की पेशकश की थी. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि Zilingo के को-फाउंडर ध्रुव कपूर ने कंपनी के बोर्ड के समक्ष एक मैनेजमेंट बाइआउट प्रस्ताव रखा. कपूर ने अमेरिका की एक निजी इक्विटी फर्म सहित नए निवेशकों के एक छोटे समूह से प्रतिबद्धताएं हासिल की हैं. निवेशकों को भेजे गए कपूर के ईमेल के अनुसार, प्रारंभिक प्रस्ताव के तहत निवेशक समूह एक नई इनकॉरपोरेटेड एंटिटी में नई इक्विटी में कई चरणों में 80 लाख डॉलर का निवेश करेगा, जबकि शेष संपत्ति और पुरानी कॉर्पोरेट इकाई को नियत समय में समाप्त कर दिया जाएगा. क्रेडिटर Zorro Assets Ltd. के सभी बकाया ऋण तीन साल के लिए फ्रीज रहेंगे. अंकिती बोस ने ध्रुव कपूर के इस प्रपोजल का समर्थन किया है.