कनाडा में पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों को मिली बड़ी राहत, अब फुल टाइम काम करने की आजादी
अब भी रेगुलर क्लासेज लेने वाले छात्रों को हर सप्ताह केवल 20 घंटे काम करने की आजादी होगी. लेकिन पढ़ाई से ब्रेक लेने वाले, विंटर या समर हॉलीडे जैसी छुट्टियों के दौरान छात्र फुल टाइम काम कर सकेंगे.
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये के ऐतिहासिक स्तर पर गिरकर 82 के पार जाने के कारण भारतीयों के विदेश में पढ़ाई का खर्च अचानक तेजी से बढ़ गया है. हालांकि, अब ऐसे मुश्किल समय में कनाडा में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों के लिए राहत भरी खबर आ गई है.
कनाडा ने अब अपने यहां पढ़ाई करने वाले विदेशी छात्रों को रेगलुर पढ़ाई के साथ फुल टाइम जॉब्स करने की मंजूरी दे दी है. यह छूट आगामी 15 नवंबर से शुरू होगी और अगले साल दिसंबर तक जारी रहेगी.
इससे पहले वहां पढ़ाई करने वाले छात्रों को प्रत्येक सप्ताह केवल 20 घंटे काम करने की आजादी थी. हालांकि, अब भी रेगुलर क्लासेज लेने वाले छात्रों को हर सप्ताह केवल 20 घंटे काम करने की आजादी होगी. लेकिन पढ़ाई से ब्रेक लेने वाले, विंटर या समर हॉलीडे जैसी छुट्टियों के दौरान छात्र फुल टाइम काम कर सकेंगे.
कनाडा में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए यह बहुत बड़ी खबर है, जिनमें से कई अपने ट्यूशन का पेमेंट करने, अपने रहने की कॉस्ट को कवर करने और अपने क्षेत्र में काम करने का महत्वपूर्ण अनुभव हासिल करने में मदद करने के लिए पढ़ाई के दौरान पार्ट टाइम नौकरियों पर निर्भर रहते हैं.
कनाडा सरकार द्वारा की गई यह घोषणा कुछ समय के लिए है. दरअसल, इस कदम की घोषणा कर्मचारियों की कमी का सामना कर रहीं कनाडाई कंपनियों की मदद के लिए की गई है. 7 अक्टूबर तक स्टडी परमिट ऐप्लिकेशन जमा करने वाले विदेशी छात्रों का अगर स्टडी परमिट मंजूर किया जाता है तो वे भी इस पहल का लाभ उठा सकेंगे.
बता दें कि, कनाडा में अभी 5 लाख से अधिक विदेशी छात्र पढ़ाई करते हैं. इसमें भारतीय छात्रों की संख्या सबसे अधिक है. कनाडा में इंटरनेशनल स्टूडेंट रिक्रूटमेंट के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म अप्लाईबोर्ड के अनुसार, साल 2021 में बड़ी संख्या में भारतीय छात्र कनाडा गए थे. जनवरी, 2021 से सितंबर, 2021 में 1 लाख 15 हजार भारतीय छात्रों को कनाडा में पढ़ाई के लिए मंजूरी दी गई थी. इसने साल 2019 का रिकॉर्ड तोड़ दिया था जब 1 लाख 11 हजार 110 भारतीय छात्रों को मंजूरी दी गई थी.
वर्क ऑवर उल्लंघन करने पर वापस भेज दिया है
कनाडा सरकार के हर हफ्ते 20 घंटे काम की मंजूरी के कारण छात्रों को एंट्री लेवल या कम आय वाली नौकरियां करनी पड़ती हैं जो कि वहां गैरकानूनी हैं और इसके कारण छात्रों को वापस उनके देश तक भेज दिया जाता है.
साल 2019 में एक सप्ताह में 20 दिन से अधिक काम करने के कारण कनाडा में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले भारत के जोबनदीप सिंह संधू का प्रवासी दर्जा छिन लिया गया था और उन्हें कनाडा से वापस भेज दिया गया था.
भारतीय छात्रों को हेट क्राइम से बचने की सलाह
विदेश मंत्रालय ने पिछले महीने कहा था कि कनाडा में हेट क्राइम, नस्ली हिंसा और भारत विरोधी गतिविधियों से जुड़ी घटनाओं में तीव्र वृद्धि हुई है, ऐसे में वहां भारतीय नागरिकों और छात्रों को सचेत एवं चौकस रहने की सलाह दी जाती है.
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, कनाडा में भारत के नागरिकों एवं छात्रों के लिये जारी परामर्श में कहा गया कि कनाडा में घृणा अपराध, नस्ली हिंसा और भारत विरोधी गतिविधियों से जुड़ी घटनाओं में तीव्र वृद्धि हुई है. विदेश मंत्रालय और कनाडा में हमारे उच्चायोग एवं महावाणिज्य दूतावास ने वहां के प्रशासन के समक्ष इन घटनाओं को उठाया है और ऐसे अपराध की जांच करने एवं उपयुक्त कार्रवाई करने का आग्रह किया है.
बीते 18 सितंबर को कनाडा के टोरंटो शहर में खालिस्तान की मांग को लेकर एक जनमत संग्रह हुआ था. बरमटन नाम के एक पंजाबी व सिख बहुल उप-नगर में हुए इस इवेंट (जनमत संग्रह) में एक लाख से ज्यादा सिखों ने हिस्सा लिया था.
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