Budget 2023: कभी फरवरी के आखिर में और शाम को पेश होता था बजट, इन दो वित्त मंत्रियों ने बदली परंपरा
जहां तक स्वतंत्र भारत के पहले बजट की बात है तो इसे 26 नवंबर 1947 को पेश किया गया था.
निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) वित्त मंत्री के तौर पर अपना पांचवां बजट 1 फरवरी को पेश करने जा रही हैं. मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का यह अंतिम पूर्ण बजट (Union Budget 2023) होगा. भारत में पहली बार बजट 7 अप्रैल, 1860 को पेश किया गया था. ईस्ट इंडिया कंपनी से जुड़े स्कॉटिश अर्थशास्त्री एवं नेता जेम्स विल्सन ने ब्रिटिश साम्राज्ञी के समक्ष भारत का बजट रखा था. जहां तक स्वतंत्र भारत के पहले बजट की बात है तो इसे 26 नवंबर 1947 को पेश किया गया था. तत्कालीन वित्त मंत्री आर के षण्मुखम चेट्टी ने आजाद भारत का पहला बजट पेश किया था.
आजादी के 69 साल बाद तक बजट फरवरी की आखिरी तारीख को पेश किया जाता था, वह भी शाम 5 बजे. लेकिन फिर दो ऐसे वित्त मंत्री आए, जिन्होंने बजट पेश करने की तारीख और वक्त में बदलाव किया. ये दो वित्त मंत्री थे- यशवंत सिन्हा और अरुण जेटली.
बजट भाषण के समय में परिवर्तन
वर्ष 1999 तक यानी आजादी के 52 साल बाद तक बजट फरवरी माह के आखिरी दिन शाम 5 बजे पेश किया जाता था. लेकिन वित्त वर्ष 1999-2000 के लिए बजट पेश करते समय यह परंपरा बदली गई और बजट सुबह 11 बजे पेश किया जाने लगा. यह बदलाव तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने किया.
उस वक्त एनडीए की सरकार थी और अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे. यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने वित्त वर्ष 1999-2000 के लिए आम बजट 27 फरवरी 1999 को सुबह 11 बजे पेश किया था. तब से देश में बजट सुबह 11 बजे पेश किया जाने लगा.
शाम को बजट पेश करने की वजह
शाम को बजट पेश करने की परंपरा ब्रिटिश काल से चल रही थी. भारत में बजट पेश करने के लिए शाम 5 बजे का वक्त ब्रिटिश घड़ी से निर्धारित था. दरअसल ब्रिटेन में सुबह 11 बजे बजट पेश होता है और आजादी के पहले ब्रिटेन के बजट में भारत के लिए भी बजट आवंटन शामिल रहता था. इसलिए उस वक्त भारत में भी उसी समय बजट पेश किया जाना जरूरी था, जिस समय ब्रिटेन में बजट पेश हो. ब्रिटेन में जब सुबह के 11 बजते हैं तो उस समय भारत में शाम के 5 बजे होते हैं. तो इस तरह भारत में बजट शाम 5 बजे पेश होता था.
यशंवत सिन्हा ने जब बजट पेश करने के समय में बदलाव किया तो उन्होंने इस कदम के पीछे एक और महत्वपूर्ण कारण बताया था. वह यह कि बजट पेश करने के बाद इंटरव्यू का एक लंबा दौर चलता है. ऐसे में शाम को बजट पेश होने से देर रात तक इंटरव्यू चलते थे. इसे देखते हुए भी बजट पेश करने का समय बदलना जरूरी था.
बजट भाषण की तारीख में बदलाव
5 साल पहले मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान बजट पेश करने की तारीख में बदलाव किया गया. केन्द्रीय बजट को फरवरी के आखिरी दिन के बजाय पहले दिन पेश किया जाना साल 2017 से शुरू हुआ. तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) ने पहली बार 1 फरवरी 2017 को सुबह 11 बजे देश का आम बजट पेश किया. तब से बजट 1 फरवरी को ही पेश होने लगा.
बजट की तारीख में बदलाव का कारण यह था कि भारत में वित्त वर्ष का साइकिल अप्रैल से मार्च है. बजट के फरवरी की आखिरी तारीख को पेश होने से बजट प्रस्तावों को अमल में लाने से जुड़ी प्रक्रियाएं, नया वित्त वर्ष शुरू होने से पहले पूरी नहीं हो पाती थीं. इससे नए वित्त वर्ष के लिए नीतियां बनाने और बजट प्रस्तावों को लागू करने में देरी हो जाती थी. बजट प्रस्तावों से जुड़ी प्रक्रियाएं नए वित्त वर्ष शुरू होने से पहले ही वक्त रहते पूरी हो सकें, इसके लिए बजट की तारीख में बदलाव किया गया. बजट पेश करने की तारीख में बदलाव होने के चलते आर्थिक सर्वेक्षण पेश करने की तारीख भी बदलकर 31 जनवरी की गई.
Edited by Ritika Singh