Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

जानें कैसे इन दो बहनों की अगुवाई वाले कैफे स्टूडियो का बिजनेस दो साल में 2 करोड़ रुपये तक पहुंचा

जानें कैसे इन दो बहनों की अगुवाई वाले कैफे स्टूडियो का बिजनेस दो साल में 2 करोड़ रुपये तक पहुंचा

Saturday March 14, 2020 , 5 min Read

भारतीय लगातार अपनी हेल्थ और फिटनेस को लेकर जागरूक हो रहे हैं। लोगों के बीच रोजाना वर्क आउट करने, मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने और हेल्दी खाना खाने की आदत ने देश में वेलनेस इंडस्ट्री को एक नया मुकाम दिया है। ऐसा पहले नहीं हुआ था। इस अवसर का अधिकतम लाभ उठाते हुए दर्शना नहाटा और सुनयना हिरन ने मिलकर साल 2017 में Enerjuvate Cafe and Studios की शुरुआत की।


क

Enerjuvate Cafe and Studios की कॉ-फाउंडर्स दर्शना नाहटा और सुनयना हिरन



दोनों को-फाउंडर (जो कि चचेरी बहनें भी हैं) का कहना है कि अधिकतर लोग शहरी जीवन की गिरफ्त में आ गए हैं। शहर की भागदौड़ में फास्ट फूड और इंस्टेंट फूड खाकर उन्होंने अपनी डाइट से समझौते का रुख अख्तियार कर लिया है। Energy और Rejuvenate को मिलाकर उन्होंने अपने फैके स्टूडियो का नाम Enerjuvate Cafe and Studios रख लिया। यह स्टार्टअप लोगों को कई प्रकार का पका हुआ और पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाता है।


इस कैफे के साथ में बनाया गया स्टूडियो वहां आए लोगों में एनर्जी का संचार करता है। दोनों ही को-फाउंडर्स इस कैफे को लेकर साल 2016 से काम कर रही थीं। पहला कैफे उन्होंने साल 2017 में खोला। दोनों ही एक-दूसरे की स्किल्स को बखूबी जानती हैं और एक-दूसरे की स्किल्स में बढ़ोतरी करती हैं। 40 साल की सुनयना हिरन को खनन क्षेत्र के लॉजिस्टिक मैनेजमेंट में एक दशक के अधिक का गहरा अनुभव है। वह इस स्टार्टअप के वित्तीय और कामों के सभी पहलुओं पर ध्यान देती हैं।


उनकी बहन 39 साल की दर्शना नहाटा बताती हैं कि वह एक कैफे चलाने के अपने सपने को जी रही हैं। पहले वह एक ग्राफिक डिजाइनर के तौर पर काम कर चुकी हैं। वह कहती हैं कि वह स्थानीय मौसमी उत्पादों और सामग्री के साथ प्रयोग करती रहती हैं।


दोनों कॉ-फाउंडर्स दावा करती हैं कि Enerjuvate कैफे और स्टूडियो पर मैदा और सफेद चीनी जैसी सामग्री कभी यूज नहीं की जाती है। उदाहरण के तौर पर उनके पास ग्राहकों के लिए रागी (बाजरे और जौ जैसा मोटा अनाज) और मक्के के आटे से बने मोमोज की एक पूरी रेंज है।





वे यह भी दावा करती हैं कि ग्राहकों के लिए लाल और हरे रंग के मोमोज पेश करने के मामले में वे अग्रणी हैं। ये मोमोज पालक और चुकंदर से बनाए जाते हैं। वे कहती हैं कि इन मोमोज की कीमत इस हिसाब से रखी गई है कि काम करने वाले युवा और कॉलेज स्टूडेंट्स आराम से एन्जॉय कर सकते हैं। इस कैफे से लगा हुआ स्टूडियो भी काफी पॉप्युलर ज़ोन है। यहां आर्टिस्ट, स्टैंडअप कॉमेडियन इवेंट ऑर्गेनाइज करते हैं। साथ ही शेफ और घर के कुक के अलावा थिएटर आर्टिस्ट भी वर्कशॉप आयोजित करते हैं।


दोनों को-फाउंडर्स एचएंडएम, वीवर्क, फॉलियो, टाटा कॉफी, याहू और बीएमसी सॉफ्टवेयर जैसी कंपनियों के लिए पौष्टिक खाने (हेल्दी ईटिंग) पर भी वर्कशॉप आयोजित करती हैं। वे आउटडोर केटरिंग के उद्यम में भी उतर चुकी हैं और कस्टमाइज ऑर्डर पर भी काम करती हैं। बच्चे इस कैफे के अपने मजेदार अनुभव को पसंद कर रहे हैं और अपनी बर्थडे पार्टी के लिए भी इसी कैफे को रेकमेंड कर रहे हैं।


दर्शना को यह बात उत्साहित करती है कि आजकल के बच्चे पौष्टिक खाने को जंक फूड से पहले चुन रहे हैं क्योंकि यह उन्हें जंक फूड से अधिक पसंद आ रहा है। वह कहती हैं, जब आपको पता चले कि आपके कारण समाज में थोड़ा सा भी बदलाव हुआ है तो यह एक अच्छी फीलिंग होती है।


सुनयना कहती हैं,

'हम लोगों को दिखा रहे हैं कि हेल्दी खाने को हमेशा बोरिंग या टेस्टलेस नहीं होना चाहिए। वह टेस्टी होने के साथ-साथ दिखने में भी अच्छा हो सकता है।'

चुनौतियां और आगे की प्लानिंग

एक ब्रैंड को जमीनी स्तर से खड़ा करना दोनों ही बहनों के लिए कोई आसान काम नहीं था। सुनयना कहती हैं,

'शुरुआत में लोगों के बीच पहुंचना बहुत कठिन था। जो लोग स्वास्थ्य को लेकर जागरूक थे, वे खुद हमारा खाना ट्राय करते थे। जिन लोगों को जंक फूड खाना पसंद था, उन्हें हमारा टेस्टी और कई फ्लेवर वाला खाना ऑफर करना एक चुनौती था।'


हालांकि कैफे ने जल्द ही अपना कस्टमर बेस बना लिया। पहला कैफे सफल होने के बाद दोनों बहनों ने बेंगलुरु के कोरमंगला में अपना दूसरा कैफे खोला। इसे खोलने का उद्देश्य यह देखना था कि क्या वे अधिक आउटलेट खोलकर भी समान क्वॉलिटी बरकरार रख सकती हैं।





अभी तक दोनों बहनें 70-80 लाख रुपये का निवेश कर चुकी हैं। इसमें हर लोकेशन पर आउटलेट के किराए के लिए 10 से 12 लाख रुपये का खर्च शामिल है। बाकी का खर्च आउटलेट के इंटीरियर और स्टाफ पर किया गया है। दोनों बहनें दो साल में 2 करोड़ रुपये से अधिक का रेवन्यू कमा चुकी हैं। भविष्य के प्लान के बारे में बात करते हुए वे बताती हैं कि वे साझेदारी के जरिए भारत में एक फ्रेंचाइजी बिजनेस के रूप में फैलने के बारे में सोच रही हैं।


वे कहती हैं कि फिलहाल वे फूड इंडस्ट्री के अलग-अलग मॉडल और ट्रेंड्स पर रिसर्च करने में लगी हुई हैं। वे साझेदारी करते वक्त इस बात का ध्यान रखती हैं कि उनका बिजनेस पार्टनर भी समान सोच, समान क्वॉलिटी और टेस्ट में भरोसा रखने वाला हो। वे आगे कहती हैं कि कई लोगों ने हमारे बिजनेस को टियर-2 शहरों में कियोस्क मॉडल और लाइफस्टाइल कैफे के जरिए बढ़ाने में इंटरेस्ट दिखाया है।


यह कैफे स्टूडियो महिला प्रबंधन संरचना को फॉलो करता है। इसके बारे में कॉ-फाउंडर्स दावा करती हैं कि यह संरचना मूलभूत है। वे केवल ऐसे लोगों की तलाश कर रही थीं जो पैशनेट हों और उद्यमी होने की स्प्रिट रखते हों। इसमें ग्राहकों को ना केवल खाना परोसना बल्कि ग्राहकों को कैफे वाली जगह पर अपनापन महसूस कराना भी शामिल है।


सुनयना कहती हैं,

'Enerjuvate के जरिए हम महिलाओं के लिए उद्यमिता की पक्की सड़क बनाकर उन्हें सशक्त बनाने की उम्मीद करती हैं। साथ ही हम महिलाओं की स्किल्स विकसित करने में मदद करती हैं।'


उन्होंने कई महिलाओं की अगुवाई वाले उद्यमों जैसे- डिट्टो आइसक्रीम, ऑसुम टीज, रीमैजिन्ड और मितान, साहस वेस्ट मैनेजमेंट जैसे एनजीओ के लिए प्रदर्शनी भी आयोजित की हैं।