Brands
YSTV
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

Videos

ADVERTISEMENT
Advertise with us

AI बॉट का इस्तेमाल करने वाली 50% अमेरिकी कंपनियों में ChatGPT ने ली इंसानों की जगह: रिपोर्ट

अधिकांश बिजनेस लीडर्स चैटजीपीटी के काम से प्रभावित हैं. 55 प्रतिशत का कहना है कि चैटजीपीटी द्वारा किए गए काम की क्वालिटी 'एक्सीलेंट' है, जबकि 34 प्रतिशत का कहना है कि यह 'बहुत अच्छी' है."

AI बॉट का इस्तेमाल करने वाली 50% अमेरिकी कंपनियों में ChatGPT ने ली इंसानों की जगह: रिपोर्ट

Monday February 27, 2023 , 3 min Read

वर्तमान में चैटजीपीटी (ChatGPT) का उपयोग करने वाली लगभग आधी अमेरिकी कंपनियों ने कहा कि चैटबॉट (Chatbot) ने पहले ही वर्कर्स की जगह ले ली है. एक हालिया सर्वे में ये बात सामने आई है. वहीं, OpenAI, जिसने ChatGPT को बनाया है, के सीईओ सैम ऑल्टमैन (OpenAI CEO Sam Altman) की चेतावनी है कि AI चैटबॉट पर "किसी भी जरूरी बात" के लिए भरोसा नहीं किया जाना चाहिए. (ChatGPT replaces humans)

फॉर्च्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, इस महीने की शुरुआत में जॉब एडवाइस प्लेटफॉर्म Resumebuilder.com ने अमेरिका में 1,000 बिजनेस लीडर्स का सर्वे किया था, जो या तो चैटजीपीटी का इस्तेमाल करते हैं या करने की योजना बना रहे हैं. यह पाया गया कि सर्वे में शामिल लगभग आधी कंपनियों ने चैटबॉट का उपयोग करना शुरू कर दिया है. और सर्वे में शामिल 50 प्रतिशत अमेरिकी लीडर्स ने दावा किया कि ChatGPT ने पहले ही उनकी कंपनियों में वर्कर्स की जगह ले ली है.

chatgpt-replaces-humans-in-50-of-us-companies-which-uses-ai-bot-artificial-intelligence-fortune-resumebuilder-dot-com

Resumebuilder.com के मुख्य कैरियर सलाहकार स्टैसी हॉलर (Stacie Haller) ने एक बयान में कहा, "चैटजीपीटी के इस्तेमाल को लेकर लोगों में बहुत उत्साह है. चूंकि यह नई टेक्नोलॉजी अभी वर्कप्लेस पर बढ़ रही है, वर्कर्स को निश्चित रूप से यह सोचने की ज़रूरत है कि यह उनकी वर्तमान नौकरी की जिम्मेदारियों को कैसे प्रभावित कर सकता है. इस सर्वे के नतीजे बताते हैं कि नियोक्ता (employers) चैटजीपीटी का उपयोग करके कुछ नौकरी की जिम्मेदारियों को व्यवस्थित करना चाहते हैं."

ResumeBuilders.com सर्वे के अनुसार, अमेरिकी कंपनियां कई कारणों से ChatGPT का इस्तेमाल करती हैं: कोड लिखने के लिए 66 प्रतिशत, कॉपी राइटिंग और कंटेंट क्रिएट करने के लिए 58 प्रतिशत, ग्राहकों की सहायता के लिए 57 प्रतिशत, और सारांश और अन्य दस्तावेजों को पूरा करने के लिए 52 प्रतिशत. फॉर्च्यून ने इसकी जानकारी दी.

ResumeBuilder.com ने कहा, "कुल मिलाकर, अधिकांश बिजनेस लीडर्स चैटजीपीटी के काम से प्रभावित हैं. 55 प्रतिशत का कहना है कि चैटजीपीटी द्वारा किए गए काम की क्वालिटी 'एक्सीलेंट' है, जबकि 34 प्रतिशत का कहना है कि यह 'बहुत अच्छी' है."

chatgpt-replaces-humans-in-50-of-us-companies-which-uses-ai-bot-artificial-intelligence-fortune-resumebuilder-dot-com

वहीं, चैटजीपीटी के क्रिएटर और ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने चेतावनी दी है कि एआई चैटबॉट पर "किसी भी जरूरी बात" के लिए भरोसा नहीं किया जाना चाहिए. ऑल्टमैन ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) टेक्नोलॉजी द्वारा से होने वाले खतरों के बारे में भी चिंता व्यक्त की, फॉर्च्यून ने बताया.

दूसरी ओर, भारत में, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) जैसी कंपनियों ने कहा है कि ChatGPT जैसे जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म "AI को-वर्कर" बनाएंगे और नौकरियों की जगह नहीं लेंगे.

6 लाख से अधिक लोगों को रोजगार देने वाली देश की सबसे बड़ी आईटी सर्विस फर्म के चीफ ह्यूमन रिसॉर्स ऑफिसर (CHRO) मिलिंद लक्कड़ ने कहा कि ऐसे टूल प्रोडक्टिविटी में सुधार करने में मदद करेंगे, लेकिन कंपनियों के लिए बिजनेस मॉडल को नहीं बदलेंगे.

लक्कड़ ने हाल ही में समाचार एजेंसी पीटीआई के साथ एक साक्षात्कार में कहा, "यह (जेनेरेटिव एआई) एक सहकर्मी होगा. यह एक सहकर्मी होगा और उस सहकर्मी को ग्राहक के संदर्भ को समझने में समय लगेगा."

लक्कड ने बताया कि किसी कार्य को निष्पादित करने का संदर्भ उद्योग और ग्राहक-केंद्रित होगा, जो ऐसे सहकर्मी द्वारा कार्यों में सहायता करने वाले मानव से आता रहेगा.

TCS के मिलिंद लक्कड़ से पहले ओला कैब्स (Ola) के को-फाउंडर और ग्रुप सीईओ भाविश अग्रवाल (Bhavish Aggarwal) ने बीते शनिवार को कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए एक बड़ा टेक्नोलॉजी टूल है और भारत को ऐसी टेक्नोलॉजी को अपनाने में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए. एक टीवी चैनल के समिट में बोलते हुए, अग्रवाल ने इस धारणा को भी खारिज कर दिया कि इस तरह की टेक्नोलॉजी को अपनाने से नौकरियां खत्म हो जाएंगी.

यह भी पढ़ें
Chatgpt, AI जैसी टेक्नोलॉजी को-वर्कर होंगी, नहीं खाएगी आपकी नौकरी: TCS