पूर्व आईपीएस अधिकारी जेल से रिहा, आप भी जानें क्या कहा प्रियंका गांधी ने...
प्रांतीय राजधानी में संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में हुये हिसंक प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार पूर्व आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी और कांग्रेस प्रवक्ता सदफ जाफर मंगलवार को जेल से रिहा हो गए।
सूत्रों ने बताया कि स्थानीय अदालत ने दोनों को शनिवार को ही जमानत दे दी थी, लेकिन औपचारिकताएं पूरी नहीं होने के कारण उनकी रिहाई रुकी हुई थी।
कांग्रेस के नगर अध्यक्ष मुकेश सिंह चौहान ने बताया कि दोनों आज सुबह करीब 10 बजे जेल से रिहा हुए।
उन्होंने बताया,
‘‘मैं पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ दोनों को लिवाने जेल गया था। हमारी पार्टी संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ पुलिस की बर्बरता का विरोध करती है।"
दोनों की रिहाई के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया,
‘‘अंबेडकरवादी चिंतक व पूर्व आईपीएस दारापुरी और कांग्रेस नेता सदफ जाफर आज जेल से रिहा हो गए। अदालत द्वारा सबूत माँगने पर उप्र पुलिस बगलें झांकने लगी थी। भाजपा सरकार ने निर्दोष लोगों और बाबासाहेब की विरासत को आगे बढ़ाने वाले लोगों को गिरफ्तार करके अपनी असली सोच दिखाई है... मगर झूठ कभी नहीं जीत सकता।"
प्रियंका ने दोनों की जेल से रिहाई के बाद की तस्वीर भी ट्वीट की है। दोनों फूल मालाओं से लदे दिख रहे हैं। गौरतलब है कि सदफ को 19 दिसंबर को जबकि दारापुरी को 20 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था।
मालूम हो कि नागरिकता संसोधन कानून के खिलाफ देश भर में विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया गया था, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने शामिल होकर इस कानून के खिलाफ अपना विरोध जताया था। कई शहरों में इस दौरान हिंसा की भी खबरें सामने आई थीं, जिनमें कानपुर और लखनऊ भी शामिल थे।
नागरिकता संसोधन कानून के खिलाफ हो रहे विरोध-प्रदर्शन के बीच पुलिस ने पूर्व आईपीएस दारापुरी और सामाजिक कार्यकर्ता सदफ़ जाफ़र को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। उत्तर प्रदेश पुलिस ने इन दोनों पर इस दौरान दंगा भड़काने क्ला आरोप लगाया था। मामला कोर्ट में जाने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस इनकी गिरफ्तारी से संबन्धित अपने दावों को लेकर सुबूत पेश नहीं कर सकी, जिसके बाद कोर्ट से दोनों को रिहाई मिल गई।