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चंद्रयान और गगनयान के लिए देश तैयार, इसरो चीफ ने जारी की महत्वपूर्ण जानकारी

चंद्रयान और गगनयान के लिए देश तैयार, इसरो चीफ ने जारी की महत्वपूर्ण जानकारी

Thursday January 02, 2020 , 2 min Read

इसरो ने चंद्रयान 3 और गगनयान को लेकर अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। चंद्रयान 3 के जरिये जहां एक बार फिर चंद्रमा पर लैंड करने की कोशिश होगी, वहीं गगनयान से भारत पहली बार अंतरीक्ष में यात्रियों को भेजेगा।

chandu

प्रतीकात्मक चित्र


इसरो ने चन्द्रयान 3 के साथ ही गगनयान की तैयारी शुरू कर दी है। इसरो प्रमुख के सिवन ने मीडिया से यह जानकारी साझा की है। चंद्रयान 2 के पूर्ण रूप से सफल न होने के बाद देश को चंद्रयान 3 और गगनयान से काफी उम्मीदें हैं।

अबकी पूरा होगा सपना

चंद्रयान 2 में लैंडर सफलतापूर्वक चंद्रमा की सतह पर लैंड नहीं कर पाया था, जिसके चलते देश के हाथों निराशा लगी थी। अब चंद्रयान 3 की मदद से इसरो इस मिशन को पूरा करना चाहेगा, गौरतलब है कि चंद्रयान 3 में ऑर्बिटर नहीं होगा।


इसरो चीफ के अनुसार चंद्रयान 3 मिशन को सरकार की तरफ से स्वीकृति मिल गई है, जिसके साथ ही टीमों का गठन होने के बाद इस मिशन पर काम शुरू हो गया है, हालांकि मिशन को लेकर अभी तारीखों का खुलासा इसरो की ओर से नहीं किया गया है।

सस्ता होगा चंद्रयान 3 मिशन

चंद्रयान 2 मिशन की कुल लागत 960 करोड़ थी, जबकि चंद्रयान 3 मिशन इससे कम लागत में पूरा किया जाएगा। चंद्रयान मिशन की कुल लागत 615 करोड़ के आस-पास आँकी गई है। इसरो चीफ के मुताबिक लैंडर और रोवर के लिए 250 करोड़ जबकि लॉन्च के लिए 365 करोड़ रुपये लागत का अनुमान लगाया गया है। इस तरह से यह मिशन करीब 615 करोड़ रुपये में पूरा किया जाएगा।

गगनयान भी रचेगा इतिहास

देश एक बार फिर से इतिहास रचने के लिए तैयार होगा। इसरो ने अपने महत्वाकांक्षी मिशन गगनयान के लिए भी कदम आगे बढ़ा दिये हैं। गगनयान के जरिये देश अंतरीक्ष में यात्री भेजेगा। इसरो ने इस मिशन के लिए 4 अंतरीक्ष यात्रियों का चुनाव भी कर लिया है, जो गगनयान मिशन का हिस्सा होंगे। इन सभी को ट्रेनिंग के लिए रूस भेजा जा रहा है।

हाथ लगी थी निराशा

चंद्रयान 2 से देश को काफी उम्मीद थी। चंद्रयान 2 के लैंडर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में उतारना था, लेकिन तकनीकी गड़बड़ी के चलते लैंडर की चंद्रमा की सतह पर हार्ड लैंडिंग हुई थी, जिसके चलते देश की उम्मीदों पर पानी फिर गया था, हालांकि चंद्रयान का ऑर्बिटर अब भी काम करते हुए वहाँ से डाटा भेज रहा है।