Digital India Week2022: डिजिटल इंडिया के तहत सरकार द्वारा शुरू की गई पहलें
यहां इस लेख में हम डिजिटल इंडिया के तहत सरकार द्वारा शुरू की गई पहलों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं:
गुजरात के गांधीनगर (Gandhinagar) में डिजिटल इंडिया सप्ताह 2022 (Digital India Week 2022) मनाया जा रहा है. इसका विषय 'नव भारत प्रौद्योगिकी प्रेरणा' (Catalyzing New India’s Techade) है. डिजिटल इंडिया वीक 2022 के तहत 4 से 6 जुलाई तक गांधीनगर में कई कार्यक्रम आयोजित होंगे.
यहां इस लेख में हम डिजिटल इंडिया के तहत सरकार द्वारा शुरू की गई पहलों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं:
डिजिटल इंडिया भाषिणी
'डिजिटल इंडिया भाषिणी' (Digital India Bhashini) नागरिकों को उनकी अपनी भाषा में डिजिटल पहल से जोड़कर सशक्त बनाएगी. भाषिणी का लक्ष्य है कि सभी भारतीयों को इंटरनेट और डिजिटल सेवाएं उनकी भाषा में आसानी से उपलब्ध हो सकें और भारतीय भाषाओं में सामग्री की वृद्धि हो. आवाज आधारित पहुंच सहित भारतीय भाषाओं में इंटरनेट और डिजिटल सेवाओं तक आसान पहुंच बनेगी और भारतीय भाषाओं में सामग्री के निर्माण में मदद करेगी. आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (Artificial ntelligence - AI)-आधारित भाषा टेक्नोलॉजी समाधानों को तैयार करने में बहुभाषी डेटासेट का निर्माण होगा. भाषादान (BhashaDaan) नामक एक क्राउडसोर्सिंग पहल के माध्यम से डिजिटल इंडिया भाषिणी डेटासेट को तैयार करने में बड़े पैमाने पर नागरिकों को भी जोड़ेगी. भाषिणी, भारतीय भाषाओं में डेटासेट और भाषा तकनीकी समाधान के लिये एआई तकनीकों का विकास करके सभी भारतीयों के लिये अधिक समावेशी भविष्य का निर्माण करेगी.
डिजिटल इंडिया जेनेसिस
'डिजिटल इंडिया जेनेसिस' (Digital India GENESIS) (इनोवेटिव स्टार्टअप्स के लिए जेन-नेक्स्ट सपोर्ट) - भारत के टियर-2 और टियर-3 शहरों में खोजने, सहयोग, विकास करने और सफल स्टार्टअप बनाने के लिए एक राष्ट्रीय डीप-टेक (deep-tech) स्टार्टअप कार्यक्रम है. इस योजना के लिए कुल 750 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.
इंडियास्टैक डॉट ग्लोबल
'इंडियास्टैक डॉट ग्लोबल' (Indiastack.global) - आधार, यूपीआई, डिजिलॉकर, कोविन टीकाकरण प्लेटफॉर्म, गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GeM), दीक्षा (DIKSHA) प्लेटफॉर्म और आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन (Ayushman Bharat Digital Health Mission) जैसे इंडिया स्टैक के तहत चल रहे प्रमुख प्रोजेक्ट्स का ग्लोबल स्टोरेज है. वैश्विक सार्वजनिक डिजिटल भंडार (Global Public Digital Goods) की भारत की पेशकश जनसंख्या के पैमाने पर डिजिटल परिवर्तन परियोजनाओं के निर्माण में देश को अग्रणी के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा और यह अन्य देशों के लिए बहुत मददगार साबित होगा, जो ऐसी तकनीकी समाधानों की तलाश में हैं.
माईस्कीम
'माईस्कीम' (MyScheme) - सरकारी योजनाओं तक पहुंच की सुविधा प्रदान करने के लिए यह एक सेवा खोजने वाला प्लेटफॉर्म है. यह वन-स्टॉप सर्च और डिस्कवरी पोर्टल के तौर पर खुद को पेश करता है जहां यूजर्स उन योजनाओं को ढूंढ सकते हैं जिसके लिए वे पात्र हैं.
'मेरी पहचान' - नेशनल सिंगल साइन-ऑन (National Single Sign On - NSSO) एक उपयोगकर्ता प्रमाणीकरण सेवा है, जिसमें निजी जानकारी का एक सेट, कई ऑनलाइन एप्लिकेशन या सेवाओं तक पहुंच प्रदान करता है.
C2S कार्यक्रम का उद्देश्य स्नातक, परास्नातक और अनुसंधान के स्तरों पर सेमीकंडक्टर चिप्स (semiconductor chips) के डिजाइन के क्षेत्र में विशेष जनशक्ति को प्रशिक्षित करना और देश में सेमीकंडक्टर डिजाइन में शामिल स्टार्टअप्स के विकास के लिए उत्प्रेरक के रूप में काम करना है. यह संगठनात्मक स्तर पर परामर्श देने की पेशकश करता है और संस्थानों को डिजाइन के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराता है. यह सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में एक मजबूत डिजाइन इकोसिस्टम बनाने के लिए भारत सेमीकंडक्टर मिशन (India Semiconductor Mission) का हिस्सा है.