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World Ozone Day 2022: धरती की जीवन रक्षक परत Ozone का संरक्षण क्यों है ज़रूरी

World Ozone Day 2022: धरती की जीवन रक्षक परत Ozone का संरक्षण क्यों है ज़रूरी

Friday September 16, 2022 , 4 min Read

अंतर्राष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस (International Day for Preservation of Ozone) प्रत्येक वर्ष 16 सितंबर को मनाया जाता है.


वर्ष 1994 में संयुक्त राष्ट्र सभा ने वर्ष 1987 में 16 सितंबर के दिन मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल (Montreal Protocol) पर हस्ताक्षर किये जाने के उपलक्ष्य में विश्व ओज़ोन दिवस मनाने की घोषणा की थी. साल  1994 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 16  सितंबर की तारीख को अंतरराष्ट्रीय ओजोन डे मनाने का फैसला किया. और अगले साल 1995 से वर्ल्ड ओजोन डे मनाया गया.मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल एक अंतर्राष्ट्रीय संधि है जिसके अनुसार विश्व के सभी देश ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों के उत्पादन और खपत को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. इस दिन को ओजोन परत के क्षरण को क्यों और कैसे रोका जाना चाहिए, इस पर लोगों के बीच में जागरूकता बढाने के लिए मनाया जाता है.


फ्रांस के भौतिकविदों फैबरी चार्ल्स और हेनरी बुसोन ने 1913 में इस परत की खोज की थी. साल 1970 के अंत में वैज्ञानिकों ने ओजोन परत में छेद होने का दावा किया था. इसके बाद 80 के दशक में दुनियाभर की कई सरकारों ने इस समस्या को लेकर चिंतन करना शुरू कर दिया. साल 1985 में ओजोन लेयर की रक्षा के लिए वियना कन्वेंशन को अपनाया गया जिसके तहत ओजोन परत की रक्षा के लिये एक तंत्र की स्थापना को औपचारिक रूप दिया गया था.


ओज़ोन परत संरक्षण प्रयासों ने वर्ष 1990 से 2010 तक अनुमानित 135 बिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड समकक्ष उत्सर्जन को रोककर जलवायु परिवर्तन को रोकने में योगदान दिया है.


साल 2018 में किया गया ओज़ोन डीप्लिशन का वैज्ञानिक आकलन बताता है कि साल 2000 के बाद से ओज़ोन परत के कुछ हिस्सों में प्रति दशक 1-3% की दर से सुधार हुआ है.


हालांकि, ओजोन परत के संरक्षण में अभी बहुत कुछ और किए जाने की आवश्यकता है इसलिए आज के दिन अंतर्राष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस मनाया जाता है. इस साल, वर्ष 2022 में वर्ल्ड ओजोन डे की थीम, “मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल@35: पृथ्वी पर जीवन की रक्षा करने वाला वैश्विक सहयोग” रखी गई है.

क्या है ओजोन लेयर?

ओजोन परत हमारे लिए कितना महत्त्वपूर्ण है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ओजोन परत अगर नहीं होगी तो हमारी त्वचा सूरज की तेज किरणों से जल जाएगी.


हलके नीले रंग की यह गैस ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बना होता है और ये पृथ्वी के वायुमंडल की एक परत बनाता है. यह ओजोन लेयर धरती से लगभग 50 किलोमीटर स्ट्रेटोस्फीयर में पाई जाती है. ओजोन लेयर को ओजोन शील्ड भी कहा जाता है, क्योंकि ये सूरज से निकलने वाली हानिकारक अल्ट्रावॉयलेट रेडिएशन को अपने भीतर अब्सॉर्ब करके यूवी किरणों को धरती पर पहुंचने से बचाती है. ये किरणें कैंसर जैसी कई खतरनाक बीमारियों की वजह बन सकती हैं.

क्यों महत्त्वपूर्ण है ओजोन लेयर का संरक्षण?

ओजोन लेयर और हेल्थ का सीधा कनेक्शन है. ओजोन परत हमारे लिए सूर्य की पराबैंगनी किरणों से एक ढाल के रूप में कार्य करता है और इसलिए इसका संरक्षण के लिए आवश्यक है.


ओजोन लेयर को डैमेज करने वाले पॉल्यूशन को ओजोन पॉल्यूशन कहा जाता है. ओजोन लेयर प्रदूषण की वजह से टूट रही है. डिफॉरेस्टेशन, वॉटर पॉल्यूशन के साथ रेफ्रिजरेटर और एसी जैसी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का ज्यादा इस्तेमाल ओजोन प्रदूषण का मुख्य कारण है. ओजोन प्रदूषण जीवित प्राणियों में सांस से संबंधित परेशानियों का कारण बन सकता है. सांस लेने में दिक्कत, अस्थमा, खांसी और दर्द, फेफड़ों का कमजोर होना, फिजिकल एक्टिविटी करने में दिक्कत इत्यादि जैसी  समस्याएं ओजोन पॉल्यूशन की वजह से बढ़ रही हैं. सूरज से आने वाली अल्ट्रावॉयलेट किरणें कैंसर समेत कई गंभीर बीमारियों की वजह बन सकती हैं.

(फीचर इमेज क्रेडिट: UN Photo/ R. Kollar