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एयर क्वालिटी में सुधार के लिए डेटा का उपयोग कर रहा है एनवायरनमेंट इंटेलिजेंस स्टार्टअप एंबी

एयर क्वालिटी में सुधार के लिए डेटा का उपयोग कर रहा है एनवायरनमेंट इंटेलिजेंस स्टार्टअप एंबी

Friday March 13, 2020 , 8 min Read

स्विस आधारित समूह आईक्यू एयरविजुअल और ग्रीनपीस के शोध के अनुसार दुनिया के सबसे प्रदूषित 30 शहरों में से 22 भारत में हैं। भारतीय स्टेट्स एनवायरनमेंट (SoE) रिपोर्ट के 2019 संस्करण से पता चला कि देश में सभी मौतों में 12.5 प्रतिशत वायु प्रदूषण जिम्मेदार था।


वायु प्रदूषण बहुत ही चिंता का विषय है और सरकारें, संगठन और स्टार्टअप वातावरण को सुरक्षित और स्वच्छ बनाने के लिए अपनी ओर से प्रयास कर रहे हैं। बेंगलुरु स्थित एनवायरनमेंट इंटेलिजेंस स्टार्टअप एंबी (Ambee) उनमें से एक है।


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Ambee के फाउंडर्स



मधुसूदन आनंद, अक्षय जोशी, और जयदीप सिंह बछेर द्वारा 2017 में स्थापित, एंबी की शुरुआत "पर्यावरण के प्रति जागरूक समाज" बनाने के उद्देश्य से की गई थी, जो डेटा और टूल्स तक पहुँच प्रदान करके एक बेहतर जीवन का अनुभव प्रदान करता है।


भारत के शहरी क्षेत्रों में प्रदूषण आमतौर पर विभिन्न कारकों के मिश्रण के कारण होता है, जिसमें यातायात, भारी उद्योग और जीवाश्म ईंधन जलने वाले बिजली संयंत्र शामिल हैं। स्टार्टअप वास्तविक समय में हाइपरलोकल एयर क्वालिटी डेटा को मापता है, और इसे डेवलपर्स, उपभोक्ताओं, स्वास्थ्य शोधकर्ताओं और मीडिया कंपनियों के लिए सुलभ बनाता है।


एंबी एशिया में सबसे बड़ा और सबसे सटीक एयर क्वालिटी डेटा का दावा करता है, और उसका मानना है कि इसकी तकनीक और ज्ञान "सरकारों, स्वास्थ्य देखभाल और निजी कंपनियों को सूचित निर्णय लेने में मदद कर सकती है"।


एंबी की शुरुआत

एंबी का आइडिया तब पैदा हुआ था जब मधुसूदन के छह महीने के बेटे को वायु प्रदूषण के कारण सांस लेने की गंभीर समस्या हो गई थी। अधिक समझने की अपनी खोज में, मधुसूदन ने अपने आवासीय समुदाय में और उसके आसपास एयर क्वालिटी की मॉनिटरिंग शुरू कर दी। संस्थापकों ने बाद में पाया कि निकटतम एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन उनके घर से 13 किमी दूर स्थित था।


उन्होंने जल्द ही एक अल्पविकसित सेंसर को रखा, जो उनके निवास के आसपास हवा की गुणवत्ता के बारे में वास्तविक समय के आंकड़े प्रदान कर सके। उन्होंने पाया कि उनके घर के पास पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5) का स्तर खतरनाक रूप से हाई था, जो 800 ug/m3 को छू रहा था।


अक्षय बताते हैं,

"ज्यादातर भारतीय शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स सरकार की संकेतित स्वस्थ सीमा से ऊपर है। खतरनाक आंकड़ों के बावजूद, प्रदूषण का मुकाबला करने और इस संकट को हल करने के लिए बहुत कम काम किया जा रहा है। एक आम आदमी के लिए क्वालिटी को समझने और उसके अनुमान लगाने के लिए शायद ही कोई विश्वसनीय डेटा हो।"



अक्षय आगे कहते हैं,

"एंबी की शुरुआत वायु प्रदूषण के प्रभाव को समझने, सावधानी बरतने और समाधान खोजने में मदद करने के लिए रियल टाइम में हाइपरलोकल एयर क्वालिटी के बारे में डेटा के साथ आम आदमी को सशक्त बनाने के उद्देश्य से की गई थी।"


तीनों संस्थापक एक-दूसरे को उनके अकैडमिक्स या वर्किंग लाइफ के दौरान से जानते हैं। मधुसूदन और जयदीप एक दूसरे को अपने पिछले स्टार्टअप के निर्माण के समय से जानते हैं, जबकि अक्षय और जयदीप ने एक-दूसरे को स्कूल से जानते हैं। साथ में, वे हवा की गुणवत्ता में सुधार सुनिश्चित करना चाहते हैं और परिणामस्वरूप - बेहतर जीवन।


वायु गुणवत्ता का व्यवसाय

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, वायु प्रदूषण अकेले सबसे बड़ा पर्यावरणीय स्वास्थ्य जोखिम है जिसका हम सामना करते हैं। सटीक माप की कमी वायु प्रदूषण के खिलाफ मानव जाति की लड़ाई को प्रभावित करने वाले सबसे बड़े कारकों में से एक है।


मधुसूदन कहते हैं,

“प्रमुख शहरों और महानगरों के बाहर, हवा की गुणवत्ता का लगभग शून्य माप है। यह इंगित करता है कि हम वायु की गुणवत्ता से अनभिज्ञ हैं जो हम सांस लेते हैं, इसका प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है, और क्या उठाए गए कदम या समाधान वास्तव में हमारे आसपास वायु गुणवत्ता में सुधार कर रहे हैं।”


उनका कहना है कि एंबी का लक्ष्य डेटा तक पहुंच को मापना और उसे सबके लिए सार्वजनिक बनाना है और अंत में भविष्य की पीढ़ियों के लिए वायु की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में काम करना है। यह उद्योग दुनिया भर में और भारत में एक नवजात अवस्था में है।





परंपरागत रूप से, हवा की गुणवत्ता को मापने के लिए बड़े, कंटेनर के आकार के मॉनिटर का उपयोग किया गया है और इनकी कीमत हजारों डॉलर है। यह डेटा की कमी का एक प्रमुख कारण है। दुनिया भर की कुछ कंपनियों ने ओपन-सोर्स मॉडल का उपयोग करने की कोशिश की है, लेकिन रिजल्ट मिले-जुले रहे हैं।


मधुसूदन कहते हैं,

"हमने प्रॉपराइटरी IoT सेंसरों के साथ मल्टीमॉडल अप्रोच का उपयोग करने से पहले उसी के साथ प्रयोग किया है।"


एंबी करता क्या है?

स्टार्टअप कई एयर क्वालिटी पैरामीटर्स और प्रदूषकों को मापता है, जिसमें AQI माप के लिए कई सरकारी एजेंसियों द्वारा विचार किए जाने वाले पैरामीटर भी शामिल हैं। इसके सेंसर हवा की गुणवत्ता, कण पदार्थ (पार्टिकुलेट मैटर), वाष्पशील कार्बनिक यौगिक (volatile organic compounds), तापमान, आर्द्रता और अन्य पर्यावरणीय कारकों को मापते हैं।


सरकारी सेंसर डेटा, IoT सेंसर और ओपन सोर्स डेटा के अलावा, एंबी सेटेलाइट इमेजरी, मौसम और मौसम संबंधी डेटा और मानव संकेतक जैसे आबादी और कचरा जलाने आदि का उपयोग करता है। इसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर डेटा मॉडल का निर्माण करना है, जो वास्तविक समय में हवा की गुणवत्ता की जानकारी देता हो। पिनकोड स्तर पर, स्टार्टअप दुनिया भर के कई देशों को कवर करता है। इसने 65 देशों में एक लाख से अधिक पिन कोड के लिए एयर क्वालिटी डेटा एकत्र किया है।


वे कहते हैं, "हम एक सड़क स्तर पर प्रमुख भारतीय शहरों की मैपिंग की प्रक्रिया में हैं।" एंबी का डेटा वेबसाइटों और मोबाइल ऐप के माध्यम से फ्री में उपलब्ध है। यह कई एजेंसियों के साथ काम करता है, जिनमें एआई और बड़े पैमाने पर सोशल गुड्स के लिए डेटा का उपयोग करना शामिल है।


संस्थापकों ने एक वेबसाइट www.indianairpollution.com भी लॉन्च की है, जो रियल टाइम एयर क्वालिटी की जानकारी को तेजी के दिखाती है। एंबी का पहला ग्राहक एक एयर प्यूरीफिकेशन मेजर था।


अक्षय कहते हैं,

“हमने अपने प्रोडक्ट और टेक्नोलॉजी का प्रदर्शन किया। हमारे डेटा की सटीकता और हमारे उत्पाद की अनुकूलन क्षमता ने उन्हें प्रभावित किया, और वे हमसे जुड़ गए।"



हालांकि, हर स्टार्टअप की तरह, संस्थापकों के पास उनकी चुनौतियां थीं।


“एक प्रारंभिक चुनौती यह थी कि क्या हार्डवेयर के रास्ते पर जाना है या इससे बचना है। हार्डवेयर प्रारंभिक बिक्री में तेजी ला सकते हैं, लेकिन जल्दी ही ठहर जाते हैं और स्केल, सप्लाई चैन, और रक्षात्मकता की समस्याएं पैदा करते हैं। हमने एक डेटा प्ले पर स्विच किया, और तब निवेशकों की दिलचस्पी काफी बढ़ गई।”


एंबी की सेवाओं और प्रभाव के बारे में जागरूकता पैदा करना एक और कठिन चुनौती थी, यह एक ऐसी चुनौती है जिससे वे अभी भी निपट रहे हैं।


बिजनेस मॉडल

एंबी का व्यवसाय मॉडल सरल है: व्यवसायों को डेटा और सेवाएँ बेचना। बी 2 बी बाजार फोकस क्षेत्र है, और संस्थापकों ने विभिन्न डोमेन में ट्रैक्शन देखा है। स्टार्टअप के पास डिजिटल हेल्थ, निवारक स्वास्थ्य देखभाल, स्वास्थ्य और कल्याण, एयर प्यूरीफिकेशन, स्मार्ट सिटी और ऑफिस प्रोजेक्ट्स, और कैंपेन सहित कई उद्योगों के मामले हैं।


एंबी इंश्योरेंस, एयरोस्पेस और ऑटोमोटिव फील्ड में क्लाइंट्स के साथ भी काम करता है। संस्थापक कहते हैं कि रियल टाइम में पर्यावरण को सही ढंग से मापने की क्षमता का वर्कफ़्लो, उत्पादकता, रियल एस्टेट और सार्वजनिक नीति पर भी बड़ा प्रभाव पड़ेगा।


ग्राहक पाइपलाइन घरेलू और अंतरराष्ट्रीय है, और स्टार्टअप की सेवाओं में भी प्रशासन की दिलचस्पी है। एंबी का दावा है कि इसके एयर क्वावलिटी सेंसर खर्च को काफी कम कर देते हैं। जहां पहले इसके लिए मिलियन डॉलर लगते थे वहीं ये काम अब एंबी उसके दसवें हिस्से में करने का दावा करता है। 


भविष्य में आगे क्या?

एंबी IoT/हार्डवेयर और प्रॉपराइटरी रियल टाइम एनालिटिक्स कैटेगरी में फिट बैठता है, जो डेटा को सेवा के रूप में पेश कर सकता है। Microsoft का मानना है कि 2030 तक 50 बिलियन डिवाइस कनेक्ट हो जाएंगे और ये सभी AI का उपयोग दोहन और बेहतर मानव क्षमता के लिए करेंगे।


हालांकि संस्थापक अभी अपने क्लाइंट्स के नाम अपनी बिक्री के बारे में खुलासा नहीं करना चाहते हैं। वे कहते हैं,

“हमने भारत में मार्की एंजेल निवेशकों से एक छोटा फंडिंग राउंड हासिल किया है। हम उन लोगों की तलाश करते हैं जो इस समस्या के पैमाने को समझते हैं, यह वास्तव में इस पीढ़ी और भविष्य को कैसे प्रभावित कर रहा है, और हम इसे कैसे हल करना चाहते हैं।”


निवेशकों में राजन आनंदन, अंबरीश केंगे, दीना वाडिया और अनुज मुनोत शामिल हैं। यह कुछ प्रमोटरों और पारिवारिक कार्यालयों के साथ-साथ वेंचर कैटलिस्ट और टेकस्टार द्वारा समर्थित है।


मधुसूदन कहते हैं,

"हम दुनिया भर में बड़े और छोटे उद्यमों के संयोजन के साथ काम करते हैं, और अगले 24 महीनों में और विस्तार की उम्मीद करते हैं।"