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मिलें इस 12 साल की बच्ची से, जिसने खत लिखकर पीएम मोदी से की है वायु प्रदूषण के खिलाफ तत्काल कदम उठाने की मांग

रिद्धिमा इसके पहले यूएन की क्लाइमेट एक्शन समिट में ग्रेटा थनबर्ग और अन्य 14 बच्चों के साथ जलवायु परिवर्तन को लेकर अपनी शिकायत भी दर्ज़ करा चुकी हैं।

उम्र महज 12 साल और बीते 2 सालों से एक वैश्विक जलवायु कार्यकर्ता के तौर पर उत्तराखंड के हरिद्वार की रिद्धिमा पांडे अंतर्राष्ट्रीय मंच पर जलवायु परिवर्तन समेत कई सामाजिक मुद्दों को लेकर आवाज़ उठा रही हैं। फिलहाल रिद्धिमा प्रधानमंत्री मोदी को लिखे अपने खास खत को लेकर चर्चा में हैं, जिसमें उन्होने पीएम मोदी से वायु प्रदूषण के खिलाफ तत्काल कदम उठाने की मांग की है।


रिद्धिमा ने पीएम मोदी को लिखे अपने खुले खत को सोशल मीडिया पर भी सभी के साथ साझा किया है। उन्होने पीएम मोदी को यह खत 1 सितंबर को लिखा था। योरस्टोरी के साथ हुई खास बातचीत में रिद्धिमा ने इस खुले खत के बारे में खुलकर चर्चा की है, बल्कि उन्होने भविष्य को लेकर अपनी योजनाओं को भी साझा किया है।

तो ऑक्सिजन सिलेंडर होगा जरूरी

रिद्धिमा ने पीएम मोदी से देश के तमाम शहरों में खतरनाक स्तर पर बढ़ रहे वायु प्रदूषण के खिलाफ तत्काल कदम उठाए जाने की मांग करते हुए खत में लिखा है कि यदि इस समस्या को जल्द हल नहीं किया गया तो आने वाले कुछ एक सालों में ही सभी को सांस लेने के लिए ऑक्सिजन सिलेंडर की जरूरत पढ़ेगी और ऐसे में आम आदमी के लिए सर्वाइव करना अत्यंत मुश्किल हो जाएगा।

वैश्विक जलवायु कार्यकर्ता रिद्धिमा पांडे (चित्र साभार: रिद्धिमा पांडे)

वैश्विक जलवायु कार्यकर्ता रिद्धिमा पांडे (चित्र साभार: रिद्धिमा पांडे)




रिद्धिमा ने अपने खत में यह भी लिखा है कि किस तरह घनी आबादी वाले शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, आगरा और अन्य शहरों में अक्टूबर महीने के बाद से ही हवा सांस लेने के काबिल भी नहीं रहती हैं।


रिद्धिमा लिखती हैं,

“मुझे चिंता है कि जब 12 साल की उम्र में मुझे सांस लेने में तकलीफ होती है तो फिर दिल्ली जैसी शहरों में रहने वाले कम उम्र के या नवजात बच्चों का क्या हाल होता होगा?”


उन्होने खत में यह भी बताया है कि किस तरह पिछले साल उन्हे बाल दिवस के मौके पर दिल्ली में इस परेशानी से जूझना पड़ा था।

अपने खत के अंत में रिद्धिमा ने पीएम मोदी को संबोधित करते हुए लिखा,

“सर, आप इसे सुनिश्चित करने में हमारी मदद करें कि कहीं ऑक्सिजन सिलेन्डर बच्चों की जिंदगी का एक हिस्सा ना बन जाए, जो उन्हे भविष्य में अपने साथ हर जगह लेकर घूमना पड़े।”


रिद्धिमा ने प्रधामन्त्री को लिखे खत के बारे में चर्चा करते हुए कहा, “मैंने बड़ी उम्मीद के साथ प्रधानमंत्री को खत लिखा है, लेकिन मुझे अभी तक किसी भी तरह का कोई जवाब नहीं मिला है।” गौरतलब है कि रिद्धिमा की इस मुहिम में उन्हे उनके माता-पिता का पूरा समर्थन प्राप्त है।

(चित्र साभार: रिद्धिमा पांडे)

(चित्र साभार: रिद्धिमा पांडे)



यूएन में दर्ज़ कराई थी शिकायत

बीते साल रिद्धिमा ने क्लाइमेट क्राइसिस के मुद्दे पर अपनी शिकायत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने का काम किया था। रिद्धिमा तब यूएन की क्लाइमेट एक्शन समिट में जलवायु परिवर्तन पर सरकारी कार्रवाई की कमी के खिलाफ शिकायत दर्ज़ कराने वाले उन 16 बच्चों में शामिल थीं, जिसमें जानी-मानी अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग भी थीं।


रिद्धिमा ने टेड टॉक के जरिये भी अपनी बात और जलवायु परिवर्तन पर अपनी चिंता को लोगों के सामने पेश करने का काम किया है।

टेड टॉक में वैश्विक जलवायु कार्यकर्ता रिद्धिमा पांडे (चित्र साभार: रिद्धिमा पांडे)

टेड टॉक में वैश्विक जलवायु कार्यकर्ता रिद्धिमा पांडे (चित्र साभार: रिद्धिमा पांडे)

भविष्य के प्लान

रिद्धिमा अपने लक्षय को लेकर काफी साफ दृष्टि रखती हैं। उनका कहना है कि भविषय में वो एक ऐसी संस्था शुरू करना चाहती हैं जो अधिकारों से वंचित बच्चों के समर्थन में खड़ी हो।


वो कहती हैं,

“आज देश में लोगों के बीच जागरूकता की काफी कमी है। देश के भीतर जलवायु परिवर्तन पर पर्याप्त बात नहीं हो रही है। बच्चे भी इस बात से अंजान हैं। मैं उन्हे जागरूक करना चाहती हूँ, ताकि वे भी अपनी आवाज़ उठा सकें।”