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सरकार ने 4,000 मेगावाट बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम लगाने में मदद के लिए 3,760 करोड़ रुपये मंजूर किए

भारत सरकार स्वच्छ और हरित ऊर्जा समाधानों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और BESS योजना इस विज़न को हासिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

सरकार ने 4,000 मेगावाट बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम लगाने में मदद के लिए 3,760 करोड़ रुपये मंजूर किए

Thursday September 07, 2023 , 3 min Read

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) के विकास के लिए व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण (Viability Gap Funding - VGF) योजना को मंजूरी दे दी है. मंजूर की गयी योजना में 2030-31 तक 4,000 MWh की BESS परियोजनाओं के विकास की परिकल्पना की गई है, जिसमें VGF के अंतर्गत बजटीय सहायता के रूप में पूंजीगत लागत की 40 प्रतिशत तक की वित्तीय सहायता शामिल है. सरकार द्वारा उठाए गए पर्यावरण-अनुकूल उपायों की लंबी सूची में एक यह महत्वपूर्ण क्षण है, इस कदम से बैटरी भंडारण प्रणालियों की लागत कम होने और उनकी व्यावहारिकता बढ़ने की उम्मीद है.

सौर और पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की क्षमता का दोहन करने के लिए बनाई गई इस योजना का उद्देश्य नागरिकों को स्वच्छ, विश्वसनीय और किफायती बिजली प्रदान करना है. 3,760 करोड़ रुपये के बजटीय समर्थन सहित 9,400 करोड़ रुपये के प्रारंभिक परिव्यय के साथ BESS योजना के विकास के लिए VGF, स्थायी ऊर्जा समाधानों के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. VGF समर्थन की पेशकश करके, योजना का लक्ष्य 5.50-6.60 प्रति किलोवाट-घंटा (KWh) भंडारण की एक स्तरीय लागत (LCoS) प्राप्त करना है, जो देश भर में बिजली की उच्चतम मांग के प्रबंधन के लिए संग्रहित नवीकरणीय ऊर्जा को एक व्यवहारिक विकल्प बनाएगा. VGF को BESS परियोजनाओं के कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों से जुड़े पांच किस्तों में प्रदान किया जाएगा.

यह सुनिश्चित करने के लिए कि योजना का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचे, BESS परियोजना क्षमता का न्यूनतम 85% वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को उपलब्ध कराया जाएगा. यह न केवल बिजली ग्रिड में नवीकरणीय ऊर्जा के एकीकरण को बढ़ाएगा, बल्कि ट्रांसमिशन नेटवर्क के उपयोग को अनुकूलित करते हुए नुकसान को भी कम करेगा. परिणामस्वरूप, इससे महंगे बुनियादी ढांचे के उन्नयन की आवश्यकता कम हो जाएगी.

VGF अनुदान के लिए BESS डेवलपर्स का चयन एक पारदर्शी प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा, जिससे सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों की संस्थाओं के लिए समान अवसर को बढ़ावा मिलेगा. यह दृष्टिकोण स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा और BESS के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम के विकास को प्रोत्साहित करेगा, जिससे महत्वपूर्ण निवेश आकर्षित होगा और संबंधित उद्योगों के लिए अवसर पैदा होंगे.

भारत सरकार स्वच्छ और हरित ऊर्जा समाधानों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और BESS योजना इस विज़न को हासिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. नवीकरणीय ऊर्जा की शक्ति का उपयोग करके और बैटरी भंडारण को अपनाने को प्रोत्साहित करके, सरकार का लक्ष्य सभी नागरिकों के लिए एक उज्जवल और हरित भविष्य का निर्माण करना है.


Edited by रविकांत पारीक