झारखंड के 11वें सीएम बने हेमंत सोरेन, प्रशंसकों से किया गुलदस्तों की जगह किताबें देने का अनुरोध

झारखंड के 11वें सीएम बने हेमंत सोरेन, प्रशंसकों से किया गुलदस्तों की जगह किताबें देने का अनुरोध

Monday December 30, 2019,

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झारखंड में जेएमएम, कांग्रेस और राजद के गठबंधन ने भाजपा से सत्ता छीन ली है। 47 सीटें जीतने वाले गठबंधन की तरफ से हेमंत सोरेन ने झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। यह शपथ ग्रहण कई मानों में खास रहा है।

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हेमंत सोरेन



30 नवंबर से 20 दिसंबर तक हुए झारखंड विधानसभा चुनावों में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से सत्ता छीन ली। 24 दिसंबर को 81 विधानसभा सीटों वाले राज्य झारखंड के परिणामों में जेएमएम गठबंधन को 47 सीटें मिलीं। इसके साथ ही हेमंत सोरेन राज्य के 11वें मुख्यमंत्री बने। उन्होंने बीजेपी के रघुबर दास को कुर्सी से हटाया। 29 दिसंबर को हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। हेमंत सोरेन अपनी सादगी के लिए जाने जाते हैं। चुनाव जीतने के बाद भी वह जश्न में नहीं दिखे और पिता का आशीर्वाद लेकर साइकल चलाते दिखे।


अपनी सादगी का उदाहरण उन्होंने सीएम पद की शपथ लेने से पहले दिया। सीएम पद की शपथ लेने से एक दिन पहले उन्होंने अपने प्रशंसकों से स्वागत में फूलों के गुलदस्तों (बुके) की बजाय किताबें देने का अनुरोध किया। सोरेन ने अपने ऑफिशियल अकाउंट से दो ट्वीट्स किए।


ट्वीट्स में उन्होंने लिखा,

'साथियो, मैं अभिभूत हूं आप झारखंडवासियों के प्यार एवं सम्मान से। पर मैं आप सबसे एक करबद्ध प्रार्थना करना चाहूंगा कि कृपया कर मुझे फूलों के 'बुके' की जगह ज्ञान से भरे 'बुक' मतलब अपने पसंद की कोई भी किताब दें। मुझे बहुत बुरा लगता है की मैं आपके फूलों को सम्भाल नहीं पाता।'

अपने दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा,

'आप अपने द्वारा दिए गए किताबों मे अपना नाम लिख कर दें ताकि जब हम आपकी किताबों को संभाल एक लाइब्रेरी बनवाएंगे तो आपका प्रेम भरा यह उपहार हमेशा हम सभी का ज्ञानवर्धन करेगा।'

उनके इस अनुरोध के बाद प्रशंसकों ने किताबों की झड़ी लगा दी। 24 घंटे से भी कम समय में उन्हें 200 से अधिक किताबें मिल गईं। प्रशंसकों ने उन्हें गीता, बकरी पालन, गांधी जी पर लिखी किताबें और भी कई तरह की बुक्स भेंट कीं।






इससे पहले हमने आपको केरल के वट्टीयूरकावु से विधायक वी. के. प्रशांत के बारे में बताया था। उन्होंने भी एक ऐसी ही पहल शुरू की थी। इस पहल के शुरू होने के शुरुआती 3 दिनों में ही 3000 से अधिक किताबें मिल गई थीं। उनकी पूरी कहानी पढ़ने के लिए क्लिक करें


ऐसा रहा हेमंत का जीवन

10 अगस्त 1975 पिता शिबू सोरेन और माता रूपी के घर में हेमंत सोरेन का जन्म हुआ। राजनीति में उनका इंटरेस्ट नहीं था लेकिन साल 2009 में किडनी फेलियर के कारण बड़े भाई दुर्गा की मौत के बाद उन्हें पूर्ण रूप से राजनीति में आना पड़ा। उन्होंने मैकेनिकल इंजिनियरिंग की पढ़ाई के लिए प्रवेश तो लिया लेकिन पढ़ाई पूरी नहीं कर सके।


साल 2006 में उनकी शादी कल्पना सोरेन से हुई। हेमंत के दो बेटे हैं। इनका नाम विश्वजीत और नितिन है। साल 2009 में उन्हें सांसद के तौर पर राज्यसभा भेजा गया। साल 2019 में वह दूसरी बार झारखंड के सीएम बने हैं। इसस पहले साल 2013 में वह राज्य के सबसे कम उम्र के सीएम भी बने थे। इस पद पर वह 13 जुलाई 2013 से 28 दिसंबर 2014 तक रहे।


यह रहा था झारखंड विधानसभा चुनाव- 2019 का परिणाम (81)

जेएमएम- 30, कांग्रेस- 16, आरजेडी- 1, बीजेपी- 25, अन्य- 9