Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

कोरोनाकाल में भी ग्रोथ करता रहा एथिनिक ब्रांड Tjori, इस तरह बनाई अपनी खास जगह

आर्टिसनल एथिनिक डी2सी ब्रांड 'तजोरी (Tjori)' ने मीडिया संस्थान हिंदुस्तान टाइम्स के साथ 16 करोड़ रुपये की इक्विटी डील साइन की है। इस डील के तहत हिंदुस्तान टाइम्स न सिर्फ तिजोरी में निवेश करेगा, बल्कि भारत में इस ब्रांड को लेकर जागरूकता बढ़ाने और वैश्विक स्तर पर इसकी ग्रोथ तेज करने में भी मदद करेगा।

कोरोनाकाल में भी ग्रोथ करता रहा एथिनिक ब्रांड Tjori, इस तरह बनाई अपनी खास जगह

Tuesday July 06, 2021 , 6 min Read

"तजोरी की 195 देशों में उपस्थिति हैं और 2019 तक कंपनी 50 करोड़ रुपये का सालाना आमदनी अर्जित कर रही थी। स्टार्टअप ने 2017 में परिवार और दोस्तों से 1.5 करोड़ रुपये जुटाए थे और 2019 में, तजोरी ने एक ओमनीचैनल ब्रांड के रूप में विस्तारित करने के लिए प्री-सीरीज ए के तहत पूंजी जुटाई थी। एक छोटे से व्हाइटबोर्ड पर शुरू होने वाले इस स्टार्टअप का फोकस भारत के पारंपरिक और विरासत हस्तशिल्प पर है। टीम ने कोरोना काल के दौरान $50,000 रन-रेट और 2020 में शुरुआती फ्लैट महीनों के बाद 10% की वृद्धि देखी।"

k

मानसी गुप्ता, Co-founder and CEO, Tjori

वर्ष 2013 में मानसी गुप्ता ने 10 लाख रुपये की अपनी व्यक्तिगत बचत के साथ दिल्ली-एनसीआर में तजोरी की शुरुआत की। अमेरिकी की व्हार्टन विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने वाली मानसी ने पाया कि विदेशों में भारतीय हस्तशिल्प की भारी मांग है, लेकिन कई भारतीय ब्रांड मिलकर भी इस जरूरत को पूरा नहीं कर पा रहे हैं।


इस तरह उन्होंने तजोरी की शुरूआत की जो एक मल्टी कैटगरी, ऑनलाइन आधारित आर्टिसनल एथिनिक ब्रांड है। इसके तहत कपड़े, वेलनेस, होम, और मां व बच्चों से जुड़े उत्पाद शामिल हैं।


कभी एक छोटे से व्हाइटबोर्ड पर शुरू होने वाले इस स्टार्टअप का फोकस भारत के पारंपरिक और विरासत हस्तशिल्प पर है। मानसी बताती हैं, "हम जारा से प्रभावित थे, जो स्पेन के एक छोटे से बुटीक से शुरू हुई थी, और अब जिसने फैशन की दुनिया पर कब्जा कर लिया है।"


आज तजोरी की 195 देशों में उपस्थिति हैं और 2019 तक कंपनी 50 करोड़ रुपये का सालाना आमदनी अर्जित कर रही थी। स्टार्टअप ने 2017 में परिवार और दोस्तों से 1.5 करोड़ रुपये जुटाए थे और 2019 में, तजोरी ने एक ओमनीचैनल ब्रांड के रूप में विस्तारित करने के लिए प्री-सीरीज ए के तहत पूंजी जुटाई थी।


मार्च 2020 में कोरोना महामारी की जब पहली लहर भारत में आई और देशव्यापी तालाबंदी लग गया, तो तजोरी को भी झटका लगा, जो उस समय सभी बिजनेसों को लगा था।


मानसी ने बताया, “पहले कुछ महीनों के दौरान सप्लाई चेन बुरी तरह प्रभावित हुई और सभी पर इसका असर पड़ा। हालांकि जैसे ही डिलीवरी शुरू हुई, एक सेगमेंट के रूप में ईकॉमर्स में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई।” टीम ने कोरोना काल के दौरान $50,000 रन-रेट और 2020 में शुरुआती फ्लैट महीनों के बाद 10% की वृद्धि देखी।

ऑफर में बदलाव करना

इसके बाद तजोरी ने प्रचलित मानसिकता से मेल खाने के लिए अपने ऑफर्स में बदलाव किया। मानसी बताती हैं कि वेलनेस कैटेगरी में उन्होंने अब आयुर्वेदिक जीवनशैली को पेश करने पर फोकस किया है, जो भविष्य में इस तरह की किसी भी आपदा के लिए सभी को एक मजबूत प्रतिरक्षा बनाने में मदद करेगी।


मानसी कहती हैं, “हमने वर्तमान की जरूरतों को देखते हुए एक आयुर्वेदिक अनुसंधान संगठन के साथ भागीदारी की, जिससे हम जीवन जीने के एक प्राचीन आयुर्वेदिक तरीके को लॉन्च कर सकें। यह बेहतर जीवन जीने की भावना रखने के लिए है और अभी भी हमारी वर्तमान जीवन शैली में सहजता लाने में सक्षम है। हमने ग्राहकों के अनुभव को बढ़ाने और संक्रमण को रोकने में मदद करने के लिए डॉक्टरों और सलाहकारों के एक समूह को शामिल किया है।”


पहली लहर ने जहां मार्केट में बने रहने के तरीकों को खोजने के लिए मजबूर किया, वहीं दूसरी लहर ने कंपनी को स्वास्थ्य और वेलनेस के मामले में प्रभावित किया।


मानसी कहती हैं, "दूसरी लहर कंपनी के लिए भावनात्मक रूप से एक थकाऊ समय था। जीवन और लोगों पर इसका असर गंभीर रहा, जिससे जीवनशैली उत्पादों की मांग में मामूली गिरावट आई। हालांकि वह हमारी चिंता नहीं थी। मैं काम से ज्यादा लोगों और जीवन के बारे में चिंतित थी। कई मायनों में, दूसरी लहर कठिन थी।”

सौदा

हालांकि इन सब संघर्ष के दौरान कंपनी ने किसी तरह ग्रोथ हासिल करने में सफल रही। यहां तक कि उसने मीडिया संगठन हिंदुस्तान टाइम्स के साथ 16 करोड़ रुपये के इक्विटी सौदे पर हस्ताक्षर किए। यह सौदा इक्विटी निवेश से आगे बढ़कर कंपनी ब्रांडिंग और मार्केटिंग प्रदान करता है। हिंदुस्तान टाइम्स के साथ हुई डील ब्रांड को लेकर भारत में जागरूकता पैदा करने और वैश्विक स्तर पर विकास में तेजी लाने में मदद मिलेगी।


मानसी बताती हैं, "डील के साथ ब्रांड को एचटी शॉप का प्लेटफॉर्म एक्सेस मिला है। यह एक अनूठा अवसर है, जहां तजोरी को एक ब्रांड के रूप में खास तरीके से पेश किया जाएगा। इसका उद्देश्य दोनों ब्रांडों के लिए ग्रोथ करने का रास्ता बनाना है।"


वह कहती हैं कि यह डील पिछले साल ही पूरा होने वाली थी, लेकिन महामारी के कारण इसमें इसमें अधिक समय लगा।


डील पर टिप्पणी करते हुए, हिंदुस्तान टाइम्स के सीएफओ पीयूष गुप्ता ने कहा, “हमें तजोरी के साथ अपनी साझेदारी की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है क्योंकि यह हमें ईकॉमर्स बाजार में कदम रखने में मदद करता है। यह सौदा हमारे सभी पाठकों के लिए ज्ञान का एक महासागर लाएगा, खासतौर से पारंपरिक भारतीय अच्छाइयों के आधुनिक समय की मांग के बारे में, जिसकी तजोरी दृढ़ता से अनुशंसा करती है और हम सहयोगी के रूप में इसमें विश्वास करते हैं।"

आधार तैयार करना

भारतीय कलाकृतियों को विदेशों में ले जाने के अलावा, तजोरी ने 500 से अधिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए रोजगार पैदा करने में भी मदद की। 2019 तक, कंपनी के पास प्रति माह एक मिलियन से अधिक विजिट थीं, और लगभग 50 प्रतिशत ग्राहक दोबारा विजिट करते थे।


ब्रांड ने दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न हिस्सों में एक मैन्युफैक्चरिंग बेस स्थापित किया है और तजोरी के उत्पादों के लिए कच्चे माल को प्रामाणिक और नैतिक स्रोतों के जरिए प्राप्त किया जाता है। इस प्रक्रिया में यह सुनिश्चित किया जाता है कि उस राज्य के मूल कला रूप को उचित क्रेडिट और मूल्य दिया जाए, और प्रत्येक पीस में अत्याधुनिक डिजाइन और कलाकारी हो। इसे 'जमादानी कलेक्शन' के एक मामले से समझा जा सकता है, जिसे पश्चिम बंगाल के क्षेत्रों से प्राप्त किया गया था।


मानसी कहती हैं, "हम निर्माण के लिए रासायनिक मुक्त और क्रूरता मुक्त उत्पादों का उपयोग करते हैं, और बच्चों की नाजुक त्वचा को ध्यान में रखते हुए, हम उनके कपड़ों की श्रेणी के लिए पौधे आधारित फाइबर और दूध के कपड़े का उपयोग करते हैं।"

भारतीय हस्तशिल्प पर विशेष फोकस

एक ब्रांड के रूप में, तजोरी का ध्यान पारंपरिक भारतीय सामग्री और शिल्प की अच्छाई पर है। मानसी बताती हैं कि वे भारतीय उत्पादों के गुणों में दृढ़ता से विश्वास करती हैं, जो गुणवत्ता और वरीयता दोनों के मामले में दुनिया भर के ब्रांडों के बराबर खड़े हो सकता है। इनकी दस्तकारी और बनाने की शैली एथनिक हो और यह आधुनिकता से मेल खाती हो।


इस सेगमेंट में ओखाई, केसावियर सहित अन्य कई ब्रांड काम कर रहे हैं। तजोरी प्रतिस्पर्धा से बहुत अलग तरीके से काम करता है, यानी एक सीमित बिक्री मॉडल पर।


मानसी कहती हैं, ''हम इन्वेंट्री और ब्लॉक कैपिटल का ढेर नहीं लगाते हैं। इसके बजाय, हम हर 20-30 दिनों में नया स्टॉक लाते हैं।"


मानसी कहती हैं, “तजोरी भारत के सर्वश्रेष्ठ उत्पादों को आगे लाने के बारे में है। हम ऐसा या तो अपने दैनिक जीवन में पारंपरिक भारतीय ज्ञान को आत्मसात करके करते हैं, या विरासत फैशन के आधुनिक उपभोग योग्य संस्करण को दुनिया के सामने इस तरह से प्रदर्शित करते हैं कि वे अपनी पसंद के बारे में खुश महसूस करते हैं, और विशिष्टता की भावना छोड़ देते हैं।”


Edited by Ranjana Tripathi