कोरोना को लेकर ऐसा क्या कर दिया केरल ने, जो अन्य राज्य नहीं कर पाये?
शुरुआत में लगातार कोरोना वायरस संक्रमण के मामले सामने आने के बाद वर्तमान में केरल ने स्थिति को बखूबी नियंत्रण में कर लिया है।
मंगलवार दोपहर तक देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 71,333 मामले पाये जा चुके थे, जबकि तब तक देश में इस वायरस से रिकवर होने वाले लोगों की संख्या 23,028 थी। देश में कोई राज्य यदि कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित हुए है तो वो महाराष्ट्र है, जबकि राज्य की राजधानी मुंबई कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित होने वाला शहर है।
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण के 23,401 मामले सामने आए हैं, जबकि सिर्फ राजधानी मुंबई में कोरोना वायरस के 14,521 मामले सामने आए हैं, लेकिन इन सब के बीच जिस राज्य की सबसे अधिक चर्चा हो रही है वो है केरल।
गौरतलब है कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला केरल में ही पाया गया था, लेकिन कुछ दिनों तक लगातार संक्रमण के मामले सामने आने के बाद अब केरल में यह सिलसिला लगभग थम सा गया है। राहत की बात यह है कि केरल में इस वायरस की चपेट में आकर अब तक सिर्फ 4 मौतें हुई हैं, वहीं 489 लोग इससे रिकवर हो चुके हैं। इस तरह से राज्य में अब सिर्फ कोरोना वायरस के 27 एक्टिव केस हैं।
लेकिन केरल ने कोरोना के खिलाफ इतने प्रभावी ढंग से काम कैसे किया, जो अन्य राज्य करने में असफल रहे, इसका अधिकांश श्रेय राज्य सरकार के प्रबंधन को जाता है।
जब कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में इजाफा होना शुरू हुआ उस बीच बड़ी संख्या में लोग देश और विदेश के तमाम हिस्सों से अपने गृह राज्य की तरफ रुख कर रहे थे, लेकिन केरल ने समय रहते इसके लिए रणनीति तैयार की और राज्य के सभी पांचों एयरपोर्ट को मेडिकल सेवाओं से जोड़ा। ऐसे में एयरपोर्ट पर जारी स्क्रीनिंग के साथ संभावित लक्षण मिलने पर यात्रियों को एयरपोर्ट से एंबुलेंस के जरिये अस्पताल में भर्ती कराया गया और इसके साथ ही जिला चिकित्सा कार्यालय को तत्काल सूचित किया गया।
राज्य ने कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों की ट्रेसिंग में भी काफी सतर्कता बरती। राज्य की तरफ से फलोचार्ट तैयार करते हुए उन लोगों का पता लगाया गया जो कोरोना संक्रमित मरीज के संपर्क में आए थे। इसके लिए सीसीटीवी फुटेज और कॉल डीटेल्स का भी सहारा लिया गया।
राज्य में अगर कोरोना संक्रमण के मामले सीमित हैं तो इसके पीछे सरकार की तरफव से सख्ती से लागू किए गए आदेशों का बड़ा हाथ है। राज्य में होम क्वारंटाइन को बड़ी सख्ती के साथ लागू किया गया और इसकी अवधि को भी 14 दिनों से बढ़ाकर 28 दिन कर दिया गया। राज्य में 11 मई तक 27,986 लोगों को सर्विलान्स में रखा गया है।
सीएम पिनाराई विजयन की घोषणा के बाद राज्य में कोरोना टेस्ट की संख्या में तेजी देखी गई। राज्य में डॉक्टरों की सुरक्षा पर भी ध्यान दिया गया, इसके लिए उन्हे टीम टीमों में विभाजित किया गया। पहली टीम को आइसोलेशन वार्ड की ज़िम्मेदारी मिली, जबकि दूरी टीम इमरजेंसी के मरीजों के लिए थी, वहीं तीसरी टीम को बैकअप के रूप में तैयार रहने के लिए कहा गया।
केरल में इस स्थिति से निपटने के लिए बड़े स्तर पर आशा वर्कर, आंगनवाड़ी वर्कर और नर्सों को ट्रेनिंग दी गई। इन हेल्थवर्कर्स ने कोरोना के खिलाफ जारी जंग में राज्य का प्रभावी सहयोग किया। इसी के साथ स्थिति को संभालने के लिए राज्य में एक कम्यूनिटी कॉल सेंटर का भी गठन किया गया।