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किचन गार्डनिंग करते वक्त कभी ना करें ये 10 गलतियां, कोई नहीं बताता है इनके बारे में!

किचन गार्डनिंग करना तो बहुत से लोग चाहते हैं, लेकिन कर नहीं पाते. कुछ लोग किचन गार्डनिंग शुरू कर देते हैं, लेकिन फिर छोड़ देते हैं. किचन गार्डनिंग करते वक्त अगर आप ये 10 गलतियां नहीं करेंगे, तो हमेशा आपका मन लगा रहेगा.

किचन गार्डनिंग करते वक्त कभी ना करें ये 10 गलतियां, कोई नहीं बताता है इनके बारे में!

Thursday February 23, 2023 , 7 min Read

आज के वक्त में बहुत सारे लोग किचन गार्डनिंग (Kitchen Gardening) करते हैं. कुछ लोग सोचते हैं कि किचन गार्डनिंग कर के घर में उगी हुई सब्जियां खाएंगे तो कई सारे लोग सिर्फ अपना शौक पूरा करने के लिए किचन गार्डनिंग करते हैं. हालांकि, ऐसे भी बहुत सारे लोग हैं जो कुछ दिन या कुछ महीने किचन गार्डनिंग करने के बाद थक जाते हैं और उसे छोड़ देते हैं. किचन गार्डनिंग छोड़ने की सबसे बड़ी वजह होती है वो ना मिल पाना, जिसकी आपने ख्वाहिश की थी. लोग सोचते हैं कि उन्हें घर में ढेर सारी सब्जियां खाने को मिलेंगी, लेकिन बहुत ही कम सब्जियां मिलती हैं और कई बार तो फल आने से पहले ही फसल बर्बाद हो जाती है. ये सब होता है हमारी कुछ गलतियों (Kitchen Gardening Mistakes) की वजह से, जिनके चलते किचन गार्डनिंग हमें भारी लगने लगती है. आइए जानते हैं कैसे करनी चाहिए किचन गार्डनिंग और कौन सी गलतियां (Kitchen Gardening Tips) भूलकर भी नहीं करनी चाहिए.

1- सबसे पहले धूप का रखें ध्यान

किचन गार्डनिंग में धूप का अहम रोल होता है. आप जहां किचन गार्डनिंग करने की सोच रहे हैं, वहां धूप आना बहुत जरूरी है. ऐसा इसलिए क्योंकि धूप की रोशनी से ही पौधे अपना खाना बनाते हैं, तो बिना धूप के पौधे अच्छे से ग्रो नहीं कर पाएंगे. अगर आपके यहां धूप नहीं आती, लेकिन आप फिर भी किचन गार्डनिंग करना चाहते हैं तो आपको वह सब्जियां या सलाद उगाने चाहिए तो छाया में भी हो जाएं. जैसे आप छायादार जगह में हल्दी, अदरक, हरी प्याज, हरा लहसुन, पालक, धनिया आदि उगा सकते हैं. हालांकि, धूप की तुलना में छाया में इनका उत्पादन काफी कम होगा.

2- मिट्टी यानी पॉटिंग मिक्स सही से बनाएं

किचन गार्डनिंग में मिट्टी यानी पॉटिंग मिक्स एक बहुत ही जरूरी चीज होती है. ये समझना जरूरी है कि जब हम जमीन पर खेती करते हैं तो पौधों को तमाम पोषक तत्व जमीन से मिलते रहते हैं. गमले में खेती करने में ऐसा नहीं हो पाता है. ऐसे में आपको गमले की मिट्टी में पर्याप्त मात्रा में कंपोस्ट या गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट डालनी चाहिए. इससे पौधों को भरपूर पोषण मिलता है और वह तेजी से ग्रो करते हैं. ये कंपोस्ट आप बाजार से भी खरीद सकते हैं या चाहे तो घर पर भी बना सकते हैं. घर में ही किचन वेस्ट से कंपोस्ट बनाने का तरीका हमने पहले भी आपको बताया है. मिट्टी में करीब 30-40 फीसदी तक कोकोपीट मिला सकें तो जरूर मिलाएं. इससे मिट्टी भुरभुरी हो जाएगी, जिससे जड़ें अच्छे से फैल सकेंगी. वहीं कोकोपीट की वजह से गमले की पानी को होल्ड करने की ताकत बढ़ जाएगी.

3- गमले का आकार चुनने में गलती ना करें

मिट्टी बनाने के बाद आपको सही गमले का चुनाव करना होता है. अगर आप धनिया, पालक, लहसुन, प्याज, चौलाई, पुदीना जैसे छोटे पौधे लगा रहे हैं तो गमला कम से कम 6-8 इंच गहरा होना चाहिए. वहीं अगर आप टमाटर, गोभी, गाजर, मूली, भिंडी, मिर्च जैसी सब्जियां उगा रहे हैं तो कम से कम 12 इंच चौड़ा और 12-14 इंच गहरा गमला लें. अगर आप लौकी, तुरई, करेला, बीन्स, बैंगन जैसी सब्जियां उगा रहे हैं तो उनके लिए कम से कम 24 इंच चौड़ा और 24 इंच गहरा गमला लें. अगर आपका प्लान नींबू या आम-अमरूद के छोटे पौधे लगाने का है तो आपका गमला करीब 30 इंच चौड़ा और 30 इंच गहरा होना चाहिए. इससे पौधों की जड़ों को फैलने के लिए जगह मिलेगी और वह तेजी से ग्रो करेंगे. ध्यान रहे कि हर गमले में ड्रेनेज होल जरूर हो, ताकि पानी रूके नहीं, वरना जड़ें सड़ सकती हैं.

4- सीजन के हिसाब से लगाएं सब्जियां

सब्जियां लगाते वक्त यह ध्यान रखें कि वह किस सीजन की हैं. अगर आप गर्मी में ठंड की सब्जी लगाएंगे तो बहुत ही कम पैदावार मिलेगी और फल भी ठीक से नहीं आएंगे. यानी आसान भाषा में समझें तो अगर आप एक सीजन की सब्जी दूसरे सीजन में लगाएंगे तो आपको कम पैदावार मिलेगी. ऐसे में किचन गार्डनिंग करते वक्त ध्यान रखें कि आप सीजन के हिसाब से ही सब्जियां लगाएं.

5- ये भी समझें कि कौन सी सब्जी लगानी चाहिए

आपको सब्जियों का चुनाव सिर्फ सीजन के हिसाब से नहीं करना है, बल्कि ये भी ध्यान रखना है कि आप क्या सब्जी उगा रहे हैं. जो लोग किचन गार्डनिंग करते हैं, उनमें से अधिकतर लोगों के पास बहुत ही कम जगह होती है. ऐसे में आप वह सब्जियां या सलाद लगाएं जो कम जगह में आसानी से उग जाएं. जैसे अगर आप आलू या प्याज या गोभी उगाते हैं तो ये बहुत ज्यादा जगह घेरेंगे और आपको उससे ज्यादा फायदा भी नहीं होगा. अच्छा होगा कि आप टमाटर, मिर्च, पालक, बीन्स, धनिया, बैंगन, पुदीना जैसी सब्जियां लगाएं. अगर आपके पास जगह बहुत कम है, फिर भी एक-दो मिर्च के पौधे, कुछ गमलों में धनिया और कम से कम एक गमले में पुदीना तो जरूर लगाएं.

6- कितना पानी देना है, इसे भी समझें

किचन गार्डनिंग में कई बार लोग सुबह-शाम या रोज पानी दे रहे होते हैं. पौधों में पानी बहुत ज्यादा नहीं देना चाहिए, इससे उन्हें नुकसान होता है. जब गमले में ऊपर की मिट्टी सूख जाए तो उसमें पानी डालें. अगर ऊपर की मिट्टी गीली रहे तो पानी ना डालें. यह भी ध्यान रखें कि मिट्टी बहुत ज्यादा ना सूख जाए, वरना वह नीचे तक सूख चुकी होगी और जड़ों को दिक्कत होगी. टमाटर जैसे पौधों में एक स्टेज के बाद पानी देना कुछ दिन के लिए रोकना भी पड़ता है, ताकि पौधे को स्ट्रेस दिया जा सके, जिससे वह अपने पत्तों की ग्रोथ छोड़कर फल बनाने पर भी फोकस करे.

7- हर रोज देखें अपने पौधों को

किचन गार्डनिंग करने वालों को इस बात को एक नियम की तरह समझना चाहिए. अपने गार्डन में लगे पौधों को रोज देखना चाहिए. इससे आपको ये भी पता चलेगा कि किस पौधे में पानी की कमी हो रही है. साथ ही यह भी पता चलेगा कि कहीं पौधों में कोई रोग तो नहीं लग रहा.

8- समय से बीमारी की रोकथाम है जरूरी

ध्यान रहे कि अगर आप शुरू में ही पौधों में रोगों की रोकथाम नहीं करेंगे तो बाद में दिक्कत होगी. शुरुआत में रोग को रोकना आसान होता है, लेकिन अगर वह पूरे पौधे में फैल जाता है तो फिर उससे निजात पाने में दिक्कत होती है. कई वायरस होते हैं जिन्हें शुरू में ना रोका जाए और वह पौधों में घुस जाते हैं तो किसी भी दवा का कोई असर नहीं होता है. अगर आपके किसी पौधे में कोई रोग बढ़ गया है या बहुत ज्यादा कीड़े लग गए हैं तो पहले उसे बाकी पौधों से दूर कर देना चाहिए, ताकि रोग दूसरे पौधों में ना फैले. अगर किसी पौधे में रोग बहुत ज्यादा फैल जाए तो उसे नष्ट कर दें और मिट्टी को अच्छे से धूप में सुखाएं.

9- एक बार सलाद या सब्जी उगाने के बाद मिट्टी को पलटें

किसी भी गमले में जब आपको कोई दूसरी सब्जी या सलाद लगाना हो तो पहले उसकी मिट्टी को पलट कर उसे अच्छे से सुखा दें. इससे एक तो पौधों में मौजूद बहुत सारे कीड़े-मकौड़े मर जाएंगे या भाग जाएंगे, साथ ही मिट्टी में हवा का संचार होगा, जिससे ऑक्सीजन अंदर तक पहुंचेगी. साथ ही जब आप मिट्टी को पलटें, उस वक्त फिर से उसमें वर्मी कंपोस्ट या दूसरे तरह की कंपोस्ट मिलाएं, ताकि अगली बार फिर से पौधे को भरपूर पोषण मिल सके और पौधा फलों से भर जाए.

10- अपनी सब्जियों की कीमत या लागत ना देखें

किचन गार्डनिंग करने वाले कई लोग सब्जी की लागत की तुलना बाजार की सब्जी से करते हैं. अगर आप भी ऐसा करते हैं तो किचन गार्डनिंग आपके लिए बिल्कुल नहीं है. भारत एक कृषि प्रधान देश है, इसलिए यहां सब्जियां काफी सस्ती रहती हैं. ऐसे में जब आप घर में गमले में सब्जी उगाते हैं तो उसमें आपको वर्मी कंपोस्ट, कोकोपीट जैसी चीजें डालनी होती हैं. गमले भी खरीदने होते हैं. सब्जी के बीज भी खरीदने होते हैं और फिर ऑर्गेनिक कीटनाशक पर भी पैसे खर्च होते हैं. ऐसे में आपको लगेगा कि बाजार की तुलना में आपकी सब्जी महंगी है, लेकिन ऐसा ना सोचें. दरअसल आपकी सब्जी ऑर्गेनिक होती है, जबकि बाजार की सब्जी के बारे में आप कुछ भी ठीक से नहीं कह सकते हैं. साथ ही किचन गार्डनिंग कर के आप अपने घर के आस-पास कुछ पौधे लगाते हैं, जो प्रदूषण को कम करते हुए ऑक्सीजन बनाते हैं.